डिजिटल मैप, बॉडी कैमरा… जम्मू कश्मीर को लेकर ISI का डिजिटल टेरर प्लान डिकोड
जम्मू और कश्मीर को लेकर आईएसआई ने अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अब डिजिटल डिवाइस ट्रेंड आतंकियों की घुसपैठ कराई जा रही है जो डिजिटल मैप के साथ ही बॉडी कैमरा से लैस हैं. खुफिया एजेंसियों ने आईएसआई के डिजिटल टेरर प्लान को डिकोड किया है.
जम्मू और कश्मीर में आए दिन हो रही आतंकी घटनाओं के बीच पाकिस्तान की नापाक साजिशों के भी खुलासे हो रहे हैं. अब खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के डिजिटल टेरर प्लान को डिकोड किया है. खुफिया एजेंसियों ने जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कराने के लिए ISI की बड़ी साजिश का खुलासा करते हुए बताया है कि इसके लिए डिजिटल मैप के साथ ही एनक्रिप्टेड मैसेज और बॉडी कैमरा को टेरर के नए टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
पाकिस्तान पोषित आतंकी जम्मू कश्मीर में भारतीय फौज से सीधे मुकाबला करने में फेल हो रहे हैं तो अब वे आतंक फैलाने के लिए डिजिटल टेरर प्लान का सहारा लेने लगे हैं. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI अब डिजिटल डिवाइस ट्रेंड आतंकियों की घुसपैठ करा रहा है. पुंछ में आतंकियों के पास से मिली सामग्री से ये खुलासा हुआ है.
खुफिया सूत्रों की मानें तो आतंकियों को Encrypted डिजिटल मैप के साथ कश्मीर में दाखिल कराने की साजिश रची गई है. पिछले कुछ महीनों में मारे गए आतंकियों के पास से Encrypted डिजिटल मैप ( Encryted Application based map search) बरामद हुए हैं. डिजिटल मैप में पहले से घुसपैठ के रास्ते फीड होते हैं जिनका इस्तेमाल आतंकी कश्मीर में दाखिल होने के लिए करते हैं.
खुफिया सूत्रों की मानें तो आतंकी अब सीमा पार से मिल रहे निर्देशों को पास करने के लिए भी एनक्रिप्टेड एप्लिकेशंस का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे भारतीय सुरक्षा एजेंसिया इन्हें इंटरसेप्ट न कर पाएं. खुफिया सूत्र ये भी बताते हैं कि एजेंसियों को अब तक ऐसे 12 से ज्यादा वेब बेस्ड हाइली एनक्रिप्टेड मैसेजिंग एप की जानकारी मिली है जिनका इस्तेमाल सीमा पार बैठे आतंकियों के कमांडर्स कश्मीर में मौजूद आतंकियों को संदेश भेजने के लिए कर रहे हैं.
ब्लॉक किए जा चुके हैं 14 ऐप
खुफिया सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने पहले भी ऐसे ऐप के खिलाफ एक्शन लिया था. गृह मंत्रालय इस तरह के 14 मैसेंजर ऐप ब्लॉक कर चुका है जिनका इस्तेमाल पाकिस्तान से आतंकियों को निर्देश देने के लिए किया जा रहा था. सूत्र ये भी बताते हैं कि आतंकियों से उनके आकाओं ने ये भी कहा है कि वे भारतीय सुरक्षाबलों पर हमले की वीडियो रिकॉर्डिंग करें. आतंकियों को इसके लिए बॉडी कैम और हेड बैंड कैमरे भी दिए गए हैं.
खुफिया सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान की ओर से पहले इस तरह के निर्देश बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) को दिए जाते थे. बैट को ऐसे बॉडी कैमरे दिए जाते थे और भारतीय सुरक्षाबलों पर हमले के वीडियो बनाने के निर्देश दिए जाते थे. अब पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में दहशत फैलाने के लिए लिए आतंकियों को बॉडी कैमरे देकर भेज रहा है.
आतंक को लेकर ISI की नई चाल
पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए नए-नए हथककंडे अपनाता रहा है. खुफिया सूत्रों ने आजतक को एक्सक्लूसिव जानकारी दी है कि पाकिस्तान राजौरी और पुंछ के इलाकों में सबसे ज्यादा घुसपैठ कराने, आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में है. इसके पीछे वजह हैं यहां के खतरनाक जंगल.
राजौरी के कोटरंका का केसरी हिल्स का इलाका काफी खतरनाक है. भौगोलिक तौर पर देखा जाए तो इस इलाके में कंटीली झाड़ियां और बड़े-बड़े पत्थरों के बोल्डर मिल जाते हैं जिनका इस्तेमाल आतंकी ढाल के रूप में करते हैं. इसके साथ ही इस इलाके में 12 से अधिक प्राकृतिक गुफाएं भी हैं जिनमें आतंकी घुसपैठ करने के बाद या किसी बड़ी घटना को अंजाम देकर छिप जाते हैं और ये ही इन दिनों सुरक्षाबलों के लिए टेढ़ी खीर बन गया है.
LOC पार के 40 गांव बन रहे घुसपैठ का टूल
खुफिया एजेंसियों को हाल ही में ऐसे इनपुट्स मिले थे कि जम्मू कश्मीर के अलग-अलग सेक्टर के सामने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गांवों में आतंकियों को इकट्ठा किया जा रहा है. खुफिया रिपोर्ट्स थीं कि पुंछ सेक्टर के सामने सीमा पार के गांवों में आतंकियों को इकट्ठा किया जा रहा है. बोकरा गली, चकियास, चिरीकोट, काहूता, चप्परकड़ा, कालामुला, मंदार, बल्लनवाली, धोक, काचारबन, सनई रावलकोट में आतंकियों की मूवमेंट बढ़ने की जानकारी सामने आई थी.
खुफिया सूत्रों के मुताबिक बिम्बर गली के सामने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के गांवों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को एकत्रित किए जाने की भी खुफिया जानकारी मिली थी. जिन गांवों में आतंकियों को एकत्रित किए जाने के खुफिया इनपुट्स मिले थे, उनमें पंजन, मैट्रीयन, गोरागुजरान, लनजोट, दांतोंटे, ताराकुंडी, जांद्रोट गांव शामिल हैं.
आतंकियों को गांव में छिपाने के पीछे क्या है मकसद
खुफिया सूत्रों के मुताबिक आतंकियों को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ग्रामीणों के बीच छिपाकर रखने के पीछे ISI का मकसद ये है कि इन पर एजेंसीयों की नजर ना पड़े. आतंकियों को सुरक्षित रखकर बाद में राजौरी के कोटरंका के केसरी हिल्स की कंटीली झाड़ियों और बड़े-बड़े पत्थरों से घिरे इलाके से घुसपैठ करा दी जाए.
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