NATIONAL NEWS

डिप्रेशन- मनी रिफंड की परेशानी से जूझ रहे कोचिंग स्टूडेंट:6 महीने में मिली 700 से ज्यादा शिकायत, स्टूडेंट सेल ने सॉल्व की प्रॉब्लम

TIN NETWORK
TIN NETWORK
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

डिप्रेशन- मनी रिफंड की परेशानी से जूझ रहे कोचिंग स्टूडेंट:6 महीने में मिली 700 से ज्यादा शिकायत, स्टूडेंट सेल ने सॉल्व की प्रॉब्लम

6 महीने में स्टूडेंट्स ने की 700 से ज्यादा शिकायतें  - Dainik Bhaskar

6 महीने में स्टूडेंट्स ने की 700 से ज्यादा शिकायतें 

मैं पंद्रह पंद्रह घंटे पढ़ता हूं, लेकिन उसके बाद भी कुछ समझ नहीं आता है। अब टेंशन होने लगी है, क्लास में भी कुछ समझ नही आ रहा है। अच्छा परफॉर्म नहीं कर पा रहा हूं………मुझे घरवालों ने यहां नीट की तैयारी के लिए भेज दिया लेकिन मैं नीट की तैयारी नहीं करना चाहता हूं, लेकिन घरवाले मेरी बात सुनने को तैयार नही है, अब टेंशन होने लगी है। माता पिता के सपने कैसे पूरे करूं।

यह चिंता कोटा में पढ़ने आए कई स्टूडेंटस की है, जो कि अपनी परेशानियों को लेकर जूझते रहते हैं। अच्छा खाना नहीं मिलने से लेकर पढ़ाई की टेंशन जैसी सैंकड़ों परेशानियों से बच्चे दो- चार होते है। नतीजा, आखिरकार सुसाइड के रूप में बुरी खबरें सामने आती है। स्टूडेंटस को इन परेशानियों से उबारने के लिए कोटा पुलिस ने कोचिंग स्टूडेंटस के लिए डेडीकेटेड स्टूडेंट सेल की शुरूआत 6 महीने पहले की थी।

पिछले 6 महीने में सेल के पास सात सौ से ज्यादा शिकायत आई थी, जिसमें 80 से ज्यादा केवल डिप्रेशन की थी। बच्चे गलत कदम उठाने की सोच रहे थे। समय रहते बच्चों तक पहुंचे और उनकी काउंसलिंग की गई। जिसके चलते कोटा में लगातार बढे़ सुसाइड के केस में कमी आनी लगी। हालांकि इस बार 26 केस कोटा में सुसाइड के हुए है।

15 पुलिसकर्मियों की टीम कर रही काम
एएसपी ठाकुर चंद्रशील के नेतृत्व में स्टूडेंट सेल का गठन किया गया। इस टीम में 15 पुलिसकर्मियों की टीम काम कर रही है, जिसमें महिला और पुरूष पुलिसकर्मी शामिल है। आईजी प्रसन्नजीत खमेसरा ने बताया कि कोटा शहर के संबंधित थाने स्टूडेंट सेल के साथ समन्वय बनाकर काम करते है। टीम की तरफ से समय-समय पर विभिन्न स्टेक-हॉल्डर्स जैसे स्टूडेंटस,अभिभावक, कोचिंग संस्थान, टीचर्स, मनोचिकित्सक, काउन्सलर मिलकर मानसिक स्वास्थय संबंधी समस्याओं के लक्षणों की पहचान कर उनके समाधान के लिए काम कर रहे है।

हॉस्टलों में करते मोटिवेशनल कार्यशाला
स्टूडेंट सेल की टीम हर सप्ताह कोचिंग सस्थानों, हॉस्टलो, पीजी, मेस में जाती है और स्टूडेंटस से अनौपचारिक माहौल में चर्चा कर उनकी स्थिति के बारे में जानती है। साथ ही मोटिवेशनल कार्यशाला भी हॉस्टलों में आयोजित की जा रही है। टीम 24 घंटे काम कर रही है। 22 जून को इस सेल का गठन किया गया था। शहर के लगभग सभी हॉस्टलों तक स्टूडेंट सेल पहुंच चुकी है। स्टूडेंट सेल में मानसिक अवसाद ही नहीं बल्कि, फीस रिफंड, खाना अच्छा नहीं होने, छेड़छाड़ समेत अन्य शिकायतों पर भी काम किया जा रहा है।

प्राप्त शिकायतों का विवरणशिकायतों की संख्या
सिक्योरीटी मनी, रिफंड की समस्या420
छेड़छाड़, आपत्तिजनक टिप्पणी9
चोरी11
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी25
लड़ाई झगड़ा74
अवसाद,निराशा82
मैस संबधित शिकायते व अन्य शिकायतें86

दरवाजे पर दस्तक अभियान से सफलता
एएपी ठाकुर चंद्रशील ने बताया कि स्टूडेंट सेल का दरवाजे पर दस्तक अभियान से काफी सफलता स्टूडेंटस तक पहुंचने में मिली है। इसमें हर हॉस्टल संचालकों को निर्देश दिए हुए हैं कि हर पीजी और हॉस्टल में रात को सेाने से पहले वार्डन हर कमरे में जाकर स्टूडेंटस से उनके हाल चाल पूछे और अगर उन्हें कोई समस्या है तो उसकी जानकारी हासिल कर स्टूडेंट सेल तक पहुंचाए। इससे भी कई स्टूडेंटस की जानकारियां सामने आई। इसके अलावा टीम के सदस्य भी गेटकीपर की तरह काम कर रहे है। स्टूडेंटस या उनके किसी दोस्त, वार्डन की तरफ से जैसे ही स्टूडेंट के टेंशन में होने की जानकारी मिलती है तो तुरंत स्टूडेंट सेल की टीम मौके पर पहुंच जाती है और स्टूडेंट की काउंसलिंग की जाती है। उसकी समस्या का समाधान किया जाता है जिससे कि उन्हें मानसिक तौर पर रिलेक्स किया जा सके।

दो तरह से काम करती हैं टीम
एसपी शरद चौधरी ने बताया कि हॉस्टलकर्मियों, मैसकर्मियों को भी टीम की तरफ से ट्रेनिंग दी गई है। इसमें मनोचिकित्सकों की तरफ से इन्हें डिप्रेशन के लक्षणों के बारे में जानकारी दी जाती है ताकि किसी भी स्टूडेंट में ऐसे लक्षण नजर आए तो तुरंत स्टूडेंट सेल को सूचना दी जा सके और हॉस्टल स्टाफ भी समय रहते बच्चे को निगरानी में ले सके। टीम दो तरह से काम कर रही है। इसमें एक तो खुद स्टूडेंटस कॉल करके या सेल में पहुंचकर अपनी शिकायतें देते है, परेशानी बताते है। दूसरा, स्टूडेंट सेल भी समय समय पर कोचिंग, हॉस्टलों में जाकर बच्चों से वन टू वन कनेक्ट होती है। हर कोचिंग और हॉस्टल में स्टूडेंट सेल के नंबर है। कोई स्टूडेंट परेशान है तो उसके साथी भी कॉल कर जानकारी देते है। एसपी शरद चौधरी ने बताया कि सेल शुरू होने के बाद से काफी हद तक सफलता मिली है। बच्चों की परेशानियां दूर हुई है तो कोटा में सुसाइड के केसेज की घटनाओं में भी कमी आने लगी है।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!