बीकानेर 17 सितम्बर। सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में शुक्रवार को प्रख्यात षिक्षाविद् एवं रसायनज्ञ प्रो. रविन्द्र कुलश्रेष्ठ का सम्मान किया गया।
प्राचार्य डॉ. जी.पी.सिंह ने इस अवसर पर प्रो. कुलश्रेष्ठ के शिक्षा एवं चिकित्सा के क्षेत्र में किये गये योगदान का स्मरण करते हुए युवाओं से इनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रो. कुलश्रेष्ठ उम्रदराज होते हुए भी निरन्तर शिक्षा से जुड़े रहे हैं एवं विद्यार्थियों के ज्ञानवर्द्धन में सहयोग करते हैं जो कि अनुकरणीय है। इस अवसर पर प्रो. कुलश्रेष्ठ द्वारा लिखित पुस्तक आध्यात्मिक अंकुर नाम पुस्तक का भी वितरण किया गया। पुस्तक में विद्यार्थियों को जीवन में शिक्षा के साथ साथ आध्यात्मिक होने पर भी बल दिया गया है।
सहायक निदेशक डॉ. राकेष हर्ष ने अपने उद्बोधन में संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों को प्रो. कुलश्रेष्ठ की जीवनी से प्रेरणा लेने की अपील की। डॉ. हर्ष ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि गुरूजनों के इस प्रकार के सम्मान से शिक्षक समाज में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। डॉ. हर्ष ने बताया कि कार्यक्रम में प्रो. कुलश्रेष्ठ को पर्यावरण का सन्देश देते सदाबहार का पौधा स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया गया।
इस अवसर पर प्राणीषास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र पुरोहित ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि प्रो. कुलश्रेष्ठ का डूंगर कॉलेज को विशेष योगदान रहा है तथा कॉलेज के अतिरिक्त उन्हांेने दयानन्द पब्लिक स्कूल के निदेशक का पद को भी अत्यन्त बेहतरीन ढंग से निभाया था। डॉ. पुरोहित ने कहा कि प्रो. कुलश्रेष्ठ का होमियोपैथी के क्षेत्र में भी रोगियों के इलाज में उल्लेखनीय योगदान रहा है।
विशिष्ट अतिथि शिक्षाविद श्रीमती अल्का डॉली पाठक ने डूंगर महाविद्यालय के बदले हुए रूप की सराहना करते हुए कार्यक्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों में तालमेल होने से विद्यार्थियों को संस्कारवान बनने में अत्यधिक सहयोग मिल सकेगा।
डॉ. विजय कुमार ऐरी ने कहा कि आज के युग में प्रो. कुलश्रेष्ठ जैसे शिक्षक दुर्लभतम हैं जिन्होंने सदैव विद्यार्थियों को मानवीय मूल्यों का अपनाने में अपना योगदान दिया है। स्टाफ क्लब के सचिव डॉ. कैलाश स्वामी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर डॉ. ए.के.यादव, डॉ. इन्द्र सिंह राजपुरोहित, डॉ. सतीष गुप्ता, डॉ. सरिता स्वामी, डॉ. अनिला पुरोहित, डॉ. सुषमा जैन, डॉ. विक्रमजीत, डॉ. श्याम सुन्दर ज्याणी सहित बड़ी संख्या में संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
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