डॉक्टर को लूटने वाली गैंग को ड्राइवर ने कैसे पकड़वाया?:बोला- मोबाइल तोड़ा तो शक हुआ; डर लगा, लेकिन हिम्मत कर गाड़ी थाने में घुसा दी
जयपुर में डॉक्टर के घर लूट की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को कैब ड्राइवर ने पकड़ाया। जान पर खेलकर कैब ड्राइवर जयपुर से सेवर (भरतपुर) थाने तक कैसे बदमाशों को लेकर पहुंचा। 179 KM तक के सफर में कैब ड्राइवर के मन में क्या-क्या आया। ये जानने के लिए कैब ड्राइवर रामजनम गुर्जर (32) से बातचीत की।
जानते हैं बदमाशों के जयपुर से भागने और सेवर पुलिस की गिरफ्त में आने की सारी घटना रामजनम की जुबानी…
मैं दोपहर 4 बजे झोटवाड़ा स्थित पंखा कांटा पर बैठा हुआ था। इस दौरान दोनों बदमाश मेरी कार के पास आए। दोनों में से एक आरोपी (सुरेश शाही) कहता है कि उन्हे आगरा छोड़ दो, लेकिन मैंने मना कर दिया। मैंने कहा वापसी में काफी लेट हो जाएगा। इसके बाद सुरेश ने कहा- आगरा नहीं तो भरतपुर छोड़ दो। इमरजेंसी है। हमारा रिश्तेदार सड़क दुर्घटना में खत्म हो गया। इसके बाद मैंने भरतपुर जाने के लिए हां बोल दी। करीब साढे़ 4 बजे मैं दोनों को लेकर भरतपुर के लिए रवाना हो गया।
टैक्सी भाड़ा 5800 रुपए में तय हुआ। जैसे ही इन दोनों को लेकर निकला, मुझे कुछ संदिग्ध नहीं लगा। फिर भी मैने आरोपियों का मोबाइल नंबर मेरे दोस्त अजीत सिंह को दे दिया। उनकी लाइव लोकेशन के साथ भेज दिया। जयपुर से निकलने के बाद हम लोगों ने महुआ के पास खंडेलवाल ढाबे पर चाय पी। इन दोनों ने भी मेरे साथ में बैठकर चाय पी। इस दौरान भी मुझे इन पर शक नहीं हुआ। फिर आगे निकलने के लिए कार में बैठ गए।

टैक्सी ड्राइवर रामजनम गुर्जर की कार। इसी में सवार होकर बदमाश भरतपुर की तरफ जा रहे थे।
रात करीब 8 बजे इन बदमाशों ने मुझे भरतपुर के पास छोकरवाड़ा में कार रोकने के लिए कहा। मैंने पूछा क्या हो गया। कार क्यों रोकनी हैं। इस पर प्रकाश उर्फ पुष्पा ने कहा कि उसे बाथरूम जाना है। मैंने कहा- अभी तो गए थे। इतनी जल्दी यहां पर वैसे भी सुनसान जगह है। कुछ देर रुक जाओ। इसके बाद कुछ किलोमीटर आगे जाने के बाद रोशनी के पास मैंने कार रोकी।
आरोपी प्रकाश कार से उतरा और दूर जाकर बाथरूम करने का नाटक करने लगा। मैं कांच में देख रहा था कि जिस मोबाइल का नंबर इन्होंने मुझे दिया। उस मोबाइल को प्रकाश पत्थर से तोड़ रहा है। मुझे उसी समय शक हो गया। ये लोग कोई बड़े बदमाश है। ये वारदात करके आए हैं या फिर वारदात करने के लिए जा रहे हैं। इस पर मैंने कार में बैठे दूसरे व्यक्ति से कहा- उसे बुलाकर लेकर आओ काफी देर हो गई है। फिर दूसरा व्यक्ति उसे बुलाने के लिए कार से उतर गया।
मुझे लगा कार लेकर भाग जाऊं
दोनों की हरकतें और मोबाइल तोड़ने की घटना के बाद मैं कुछ देर के लिए डर गया। जब दोनों कार में नहीं थे तो एक मन किया कि कार लेकर भाग जाता हूं। फिर लगा इन्हें पुलिस को पकड़वाना जरूरी है। क्योंकि लग रहा था कि ये दोनों कोई बड़े बदमाश है।
जब दोनों कार में दोबारा बैठे तो मुझे घबराहट हुई। ये लोग मेरे साथ कुछ गलत करेंगे। मैंने हिम्मत नहीं हारी और ठान लिया की इन्हें पुलिस को पकड़वाना ही होगा। रास्ते में दोनों बदमाशों ने कहा कि हमे आगरा छोड़ना है। मैंने पहले मना किया। फिर मैंने कहा- ठीक है मैं आप को आगरा ही छोड़ दूंगा। ये लोग नेपाली भाषा में बात कर रहे थे। जो मेरे समझ में नहीं आ रही थी।

पुलिस गिरफ्त में सुरेश शाही और प्रकाश उर्फ पुष्पा। दोनों टैक्सी में सवार थे। वहीं, अनु बस में जा रही थी।
हाईवे से कार उतारी और थाने में घुसा दी
मैंने सेवर थाने जाने के लिए कार को हाईवे से उतार दिया। दोनों बदमाश बोले- यहां क्यों ले लिया। मैंने कहा- आगरा जाने के लिए शॉट रास्ता है। इसलिए इधर से निकाल रहा हूं। करीब 25 किलोमीटर चलने के बाद सेवर थाना आया।
मैंने रात करीब 9.40 बजे कार को सेवर थाने में घुसा दी। एकाएक कार थाने में घुसी तो संतरी मुझ से ही उलझने लगा। जिस का फायदा उठाकर एक बदमाश कार से बनियान में ही भाग गया। दूसरा बदमाश भागने का प्रयास कर रहा था। इस दौरान मैंने उसे पकड़ा। उसे थाने के अंदर ले जाने लगा। इस दौरान दूसरा भी भागने में सफल रहा।
6-7 पुलिसकर्मी खडे़ थे, लेकिन किसी ने भी बदमाशों को रोका नहीं। इसके बाद कार की तलाशी ली गई तो कार में बदमाशों के बैग से 5-6 लाख का गोल्ड और एक चाकू बरामद हुआ। फिर सेवर थाना पुलिस और अन्य थाने का जाप्ता दोनों को पकड़ने के लिए इलाके में सर्च करने लगा। रात करीब 1 बजे सर्च के दौरान ये बदमाश भरतपुर डिपो की ओर जाते हुए नजर आए। जिन्हें पुलिस ने पकड़ा।
इस दौरान ASP रामसिंह ने मुझ से फोन पर बात की। कहा- बेटा आप ने बहादुरी का काम किया हैं। अगर आप हिम्मत नहीं दिखाते तो ये बदमाश पकड़े नहीं जाते। फिर इन बदमाशों को मैं अपनी कार में लेकर जयपुर आया। मुझे किराया 5800 रुपए भी नहीं मिला। मैं प्रतिदिन कुआं खोदता हूं, पानी पीता हूं। मेरा परिवार इसी से चलता हैं।

वैशाली नगर में रहने वाले डॉक्टर भारती के घर में ही क्लिनिक है। जब उन पर हमला हुआ तब वह क्लीनिक में ही थे।
ये है मामला
वैशाली नगर थाने के हनुमान नगर विस्तार में रहने वाले डॉ. मोहम्मद इकबाल भारती (65) के घर 19 सितंबर को दिन में 2 बजे लूट की वारदात हुई। वह SMS हॉस्पिटल से रिटायर्ड हैं। उनकी पत्नी नसरीन भारती कावंटिया हॉस्पिटल में डॉक्टर हैं।
सोमवार दोपहर डॉ. इकबाल और नौकरानी मीरा घर पर थे। पत्नी नसरीन और बेटी डॉ.आरसिया काम से बाहर गई हुई थी।नौकरानी घर का काम कर रही थी। डॉ. भारती नीचे बने क्लिनिक में बैठे थे।
दोपहर करीब 2 बजे पुरानी नौकरानी अनु आई। उसके साथ 2 लोग और थे। उनके हाथों में पेचकस और सरिया था। बदमाशों ने डॉ. इकबाल पर हमला बोल दिया। लहूलुहान हालत में बदमाशों ने डॉक्टर भारती को एक कमरे में डाल दिया।
नौकरानी को किचन में ले जाकर लॉक कर दिया। इसके बाद बदमाशों ने घर की तलाशी ली। बदमाश लाखों रुपए के गहने-कैश सहित घर में लगे CCTV की DVR भी समेटकर ले गए। घायल डॉक्टर सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एडमिट हैं।

Add Comment