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डोभाल बोले- रूस-यूक्रेन जंग रुकने से खुशी होगी:सऊदी में 30 देशों की बैठक में कहा- युद्ध का खामियाजा विकासशील देश उठा रहे

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डोभाल बोले- रूस-यूक्रेन जंग रुकने से खुशी होगी:सऊदी में 30 देशों की बैठक में कहा- युद्ध का खामियाजा विकासशील देश उठा रहे

तस्वीर सऊदी के जेद्दाह शहर पहुंचे भारत के नेशनल सिक्योरिटी चीफ अजीत डोभाल की है। - Dainik Bhaskar

तस्वीर सऊदी के जेद्दाह शहर पहुंचे भारत के नेशनल सिक्योरिटी चीफ अजीत डोभाल की है।

रूस-यूक्रेन जंग रोकने के प्लान को डिस्कस करने सऊदी अरब के जेद्दा में 30 देशों के प्रतिनिधि इकट्ठा हुए। यह प्लान यूक्रेन ने बनाया है। रूस को इस पर चर्चा करने के लिए नहीं बुलाया गया है। भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने भी बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा- भारत विवाद को सुलझवाने में एक्टिव रोल निभाता रहेगा।

भारत हमेशा से बातचीत और डिप्लोमेसी के समर्थन में रहा है। शांति हासिल करने के लिए यही इकलौता रास्ता है। डोभाल बोले- विवाद का समाधान निकालने से भारत को जितनी खुशी होगी उतनी संतुष्टि किसी और चीज से नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि समाधान ऐसा होना चाहिए जो रूस-यूक्रेन दोनों को ही मंजूर हो।

तस्वीर अरब लीग के दौरान सऊदी के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान से मिलते यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की की है।

तस्वीर अरब लीग के दौरान सऊदी के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान से मिलते यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की की है।

विकासशील देशों को भुगतना पड़ रहा जंग का खामियाजा
भारत ने यूक्रेन पर हमला करने पर रूस के खिलाफ सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है। हालांकि, सऊदी में मीटिंग के दौरान डोभाल ने कहा- भारत ऐसे ग्लोबल ऑर्डर (वैश्विक ढांचे) का समर्थन करता है जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों और UN चार्टर के तहत चले। उन्होंने कहा- भारत सभी देशों की संप्रभुता और अखंडता की इज्जत करता है। किसी देश को इनके उल्लंघन की छूट नहीं दी जा सकती है।

डोभाल ने दुनिया पर पड़ रहे जंग के असर की बात भी दूसरे देशों के सामने रखी। उन्होंने कहा- जंग का खामियाजा विकासशील देशों को भुगतना पड़ रहा है। इसके चलते सभी देशों को न सिर्फ जंग रुकवाने बल्कि दुनिया पर पड़े इसके असर को कम करने का भी हल निकालना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई में हुई G7 की बैठक के दौरान जंग शुरू होने के बाद पहली बार जेलेंस्की से मुलाकात की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई में हुई G7 की बैठक के दौरान जंग शुरू होने के बाद पहली बार जेलेंस्की से मुलाकात की थी।

जंग रुकवाने के लिए यूक्रेन की शर्तें…

  • रूस, यूक्रेन से अपने सैनिकों को पूरी तरह से बाहर निकाले।
  • सभी यूक्रेनी कैदियों को रिहा किया जाए।
  • रूस न्यूक्लियर सेफ्टी और एनर्जी सिक्योरिटी जैसे मुद्दों पर यूक्रेन को गारंटी दे।
  • रूसी कब्जे वाले यूक्रेन के इलाके को पूरी तरह खाली किया जाए।
  • हालातों पर नजर बनाए रखने के लिए एक ट्रिब्यूनल बनाया जाए।
  • रूस जंग की वजह से हुए नुकसान का यूक्रेन को भुगतान करे।
  • युद्ध अपराधों के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया जाए।

सऊदी में ही क्यों हुई बैठक…
रिपोर्ट्स के मुताबिक सऊदी में पीस समिट करवाकर क्राउन प्रिंस जंग रुकवाने में बिचौलिए की भूमिका निभाना चाहते हैं। इसके लिए जेलेंस्की को सऊदी में हुए अरब लीग के समिट में भी बुलाया था। इस दौरान जेलेंस्की ने अरब देशों से जंग में यूक्रेन का समर्थन करने की अपील की थी। वहीं, सऊदी अरब का जंग को लेकर स्टैंड न्यूट्रल रहा है। इसलिए यूक्रेन ने पीस समिट के लिए जेद्दाह को चुना। जंग रुकवाने के लिए हुई बैठक में चीन भी शामिल हुआ।

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