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तीन क्रिमिनल लॉ बिल संसद में पास:राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही बनेंगे कानून, शाह बोले- तारीख पे तारीख का जमाना जाएगा

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तीन क्रिमिनल लॉ बिल संसद में पास:राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही बनेंगे कानून, शाह बोले- तारीख पे तारीख का जमाना जाएगा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- जो 
लोग कहते हैं कि नए कानूनों की जरूरत क्या है, उनको स्वराज का मतलब नहीं पता। - Dainik Bhaskar

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- जो लोग कहते हैं कि नए कानूनों की जरूरत क्या है, उनको स्वराज का मतलब नहीं पता।

राज्यसभा में तीनों क्रिमिनल लॉ बिल भारतीय न्याय संहिता, भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल गुरुवार को पास हो गए। बुधवार को ये तीनों बिल लोकसभा से पास हो चुके हैं। अब इन्हें मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। उनकी मंजूरी मिलते ही ये तीनों बिल कानून बन जाएंगे। बिल पास होते ही राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

बिलों पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- जो लोग सदन के बाहर पूछते हैं कि इस कानून से क्या होगा? मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि इसके लागू होने के बाद तारीख पर तारीख का जमाना नहीं रहेगा। किसी भी मामले में 3 साल में न्याय दिलाने का उद्देश्य है।

जो कहते हैं कि नए कानूनों की जरूरत क्या है, उनको स्वराज का मतलब नहीं पता, इसका मतलब स्व शासन नहीं है। इसका मतलब स्व धर्म, भाषा, संस्कृति को आगे बढ़ाना है। गांधी जी ने शासन परिवर्तन की लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने स्वराज की लड़ाई लड़ी। आप 60 साल सत्ता में बैठे रहे, लेकिन स्व को लगाने का काम नहीं किया, ये काम मोदी जी ने किया।

सशस्त्र विद्रोह करने और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर जेल
अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून, जिसके चलते तिलक, गांधी, पटेल समेत देश के कई सेनानी कई बार 6-6 साल जेल में रहे। वह कानून अब तक चलता रहा।

मैंने राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया है, क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

अगर कोई सशस्त्र विरोध करता है, बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, उसे आजाद रहने का हक नहीं, उसे जेल जाना ही पड़ेगा। कुछ लोग इसे अपनी समझ के कपड़े पहनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैंने जो कहा उसे अच्छी तरह समझ लीजिए। देश का विरोध करने वाले को जेल जाना होगा।

बच्ची से रेप के दोषी को फांसी की सजा
पहले रेप की धारा 375, 376 थी, अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है, उसमें धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है। गैंगरेप को भी आगे रखा गया है। बच्चों के खिलाफ अपराध को भी आगे लाया गया है। मर्डर 302 था, अब 101 हुआ है।

18 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है। गैंगरेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल।

गैर इरादतन हत्या को कैटेगरी में बांटा
प्रस्तावित कानून में गैर इरादतन हत्या को दो हिस्सों में बांटा गया है। अगर गाड़ी चलाते वक्त हादसा होता है, फिर आरोपी अगर घायल को पुलिस स्टेशन या अस्पताल ले जाता है तो उसे कम सजा दी जाएगी। हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा मिलेगी।

मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा होगी। स्नैचिंग के लिए कानून नहीं था, अब कानून बन गया है। किसी के सिर पर लाठी मारने वाले को सजा तो मिलेगी, इससे ब्रेन डेड की स्थिति में आरोपी को 10 साल की सजा मिलेगी।

पुलिस की जवाबदेही तय होगी
शाह ने कहा- नए कानून में अब पुलिस की भी जवाबदेही तय होगी। अब कोई गिरफ्तार होगा तो पुलिस उसके परिवार को जानकारी देगी। पहले यह जरूरी नहीं था। किसी भी केस में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस पीड़ित को देगी।

आरोपी की गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा
देश में कई केस लटके हुए हैं, बॉम्बे ब्लास्ट जैसे केसों के आरोपी पाकिस्तान जैसे देशों में छिपे हैं। अब उनके यहां आने की जरूरत नहीं है। अगर वे 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होते हैं तो उनकी गैरमौजूदगी में ट्रायल होगा।

आधी सजा काटने पर मिल सकती है रिहाई
गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई मिल सकती है। जजमेंट सालों तक नहीं लटकाया जा सकता। मुकदमा समाप्त होने के बाद जज को 43 दिन में फैसला देना होगा। निर्णय देने के 7 दिन के भीतर सजा सुनानी होगी। पहले सालों तक दया याचिकाएं दाखिल की जाती थीं।

दया की याचिका दोषी ही कर सकता है। पहले एनजीओ या कोई संस्थान ऐसी याचिकाएं दाखिल करता था। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद 30 दिन के भीतर ही दया याचिका दाखिल की जा सकेगी।

जो देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा को खतरे में डालकर भय फैलाने का काम करता है, उसे आतंकवादी माना जाएगा।

3 विधेयकों से क्या बदलाव होगा?

  • कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे। IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। 175 धाराएं बदलेंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी।
  • इसी तरह CrPC में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था।
  • सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा। देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं।
  • इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं।

भारतीय न्याय संहिता में क्या बड़े बदलाव हुए..

  • भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं।
  • ऑर्गनाइज्ड क्राइम, हिट एंड रन, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान।
  • डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं।
  • IPC में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है
  • 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है।
  • 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।
  • छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।

लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
लोकसभा गुरुवार 21 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 22 दिसंबर तक का वक्त तय किया गया था। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि सदन की कार्यवाही 61 घंटे 50 मिनट चली। वर्क प्रोडक्टिविटी 74% रही। चर्चा के बाद 18 सरकारी विधेयक पास हुए। शून्यकाल के दौरान 182 मामले उठाए गए।

लोकसभा से 146 सांसद सस्पेंड हुए
लोकसभा से गुरुवार (21 दिसंबर) को तीन और सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। कांग्रेस सांसद डी के सुरेश, नकुल नाथ और दीपक बैज को निलंबित किया गया। इन्हें मिलाकर संसद से कुल 146 सांसद अब तक सस्पेंड किए जा चुके हैं।

ये बिल पास हुए
राज्यसभा में गुरुवार को टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 पास हो गया। इस बिल को लोकसभा में 20 दिसंबर को पास किया गया था। अब इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून बन जाएगा। इस बिल में फर्जी सिम लेने पर 3 साल जेल और 50 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

लोकसभा ने गुरुवार को ही मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों (ECs) की नियुक्ति, सेवा शर्तों को विनियमित करने वाले बिल को मंजूरी दे दी। राज्यसभा से यह बिल 12 दिसंबर को पास हुआ था। इसे चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और कामकाज का संचालन) अधिनियम, 1991 की जगह लाया गया है।

विपक्ष ने पुरानी संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला

सांसदों के सस्पेंशन के खिलाफ विपक्ष के सांसदों ने गुरुवार को पैदल मार्च निकाला। वहीं बीजेपी ने उपराष्ट्रपति धनखड़ की मिमिक्री करने को लेकर जंतर-मंतर पर TMC सांसद कल्याण बनर्जी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ प्रदर्शन किया।

सांसदों के सस्पेंशन के खिलाफ विपक्ष के सांसदों ने गुरुवार को पैदल मार्च निकाला। वहीं बीजेपी ने उपराष्ट्रपति धनखड़ की मिमिक्री करने को लेकर जंतर-मंतर पर TMC सांसद कल्याण बनर्जी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ प्रदर्शन किया।

21 दिसंबर को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सांसदों ने पुरानी संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान खड़गे ने कहा कि सरकार संसद सुरक्षा चूक पर जवाब दे। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संसद में आकर इस मामले पर बयान दें।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संसद से विपक्ष के सांसदों का निलंबन ठीक नहीं है। इस बीच, लोकसभा और राज्यसभा के अंदर भी हंगामा हुआ। आज भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। प्रश्नकाल में ही विपक्ष के कुछ सांसद नारेबाजी करते दिखे।

जंतर-मंतर पर शुक्रवार को प्रदर्शन करेंगी विपक्षी पार्टियां
I.N.D.I.A के सांसदों को निलंबित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने 22 दिसंबर को सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे।

खड़गे ने कहा कि पीएम वाराणसी, अहमदाबाद जा रहे हैं, वे हर जगह बोल रहे हैं, संसद में सुरक्षा चूक पर नहीं बोल रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद के सिक्योरिटी लैप्स पर कुछ नहीं कहा। हम इसकी निंदा करते हैं। सरकार सदन नहीं चलने देना चाह रही है। विपक्ष की आवाज दबा रही है। संसद में बोलना हमारा अधिकार है। सभापति मामले को जातिगत रंग दे रहे हैं।

शरद पवार ने कहा कि सदन में जो हुआ, वो इतिहास में कभी नहीं हुआ। जो लोग सदन में घुसे, वो किसकी मदद से आए। सुरक्षा में चूक पर चर्चा क्यों नहीं हो रही? चर्चा कराने की बजाय सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया। सभापति की मिमिक्री पर पवार ने कहा कि ये सदन के अंदर का नहीं, बाहर का मामला है।

​​​संसद से अब तक 146 सांसद सस्पेंड

21 दिसंबर को तीन और 20 दिसंबर को लोकसभा से 2 सांसदों को निलंबित किया गया था। अब तक 146 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं। इनमें 112 लोकसभा और 34 राज्यसभा के हैं।

इन सांसदों के संसद में दाखिल होने पर रोक है। विपक्ष का आरोप है कि सांसदों को सस्पेंड करके भाजपा सभी बिल बिना बहस के पास कराना चाहती है।

किस-किस तारीख को कितने सांसद निलंबित हुए

तारीखलोकसभाराज्यसभा
14 दिसंबर131
18 दिसंबर4533
19 दिसंबर49कोई नहीं
20 दिसंबर2कोई नहीं
21 दिसंबर3कोई नहीं
कुल10934

उपराष्ट्रपति की मिमिक्री के वक्त क्या हुआ था..

जब TMC सांसद कल्याण बनर्जी धनखड़ की मिमिक्री कर रहे थे, तो राहुल गांधी मोबाइल से उनकी रिकॉर्डिंग कर रहे।

जब TMC सांसद कल्याण बनर्जी धनखड़ की मिमिक्री कर रहे थे, तो राहुल गांधी मोबाइल से उनकी रिकॉर्डिंग कर रहे।

19 दिसंबर को TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की। वे अलग-अलग एक्शन करके धनखड़ का मजाक उड़ाते दिखे।

19 दिसंबर को TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की। वे अलग-अलग एक्शन करके धनखड़ का मजाक उड़ाते दिखे।

19 दिसंबर को संसद से सांसदों को निलंबन को लेकर विपक्षी दल मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान श्रीरामपुर से TMC सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा के सभापति धनखड़ की मिमिक्री करने लगे। उन्होंने करीब 5 मिनट सभापति का मजाक उड़ाया।

उनकी मिमिक्री पर वहां मौजूद सांसद ठहाके लगा रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस घटना का वीडियो बना रहे थे। भाजपा ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे लोगों का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धनखड़ ने भी सदन में कांग्रेस दिग्विजय सिंह से कहा था कि कहीं तो बख्श दो।

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