नई दिल्ली: एएनआइ, तिरुपति। धरती की निगरानी के लिए ईओएस-8 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह लांच किया जाएगा। इसरो लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएसएलवी) की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान के जरिये पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ईओएस-08 को प्रक्षेपित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह एसएसएलवी-डी3 की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान होगी।
विज्ञानियों ने तिरुपति बालाजी मंदिर में किया दर्शन-पूजन:
एसएसएलवी डी3 के प्रक्षेपण से पहले गुरुवार को इसरो के विज्ञानियों ने तिरुपति बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना की।एसएसएलवी राकेट 34 मीटर लंबा होता है। इसका उपयोग 500 किलोग्राम तक वजन वाले उपग्रहों (मिनी, माइक्रो या नैनो उपग्रह) को स्थापित करने के लिए किया जाता है।
ईओएस-08 तीन पेलोड ले जाएगा:
एसएसएलवी-डी3-ईओएस-08 मिशन में ले जाए गए उपग्रहों का वजन 175.5 किलोग्राम है। ईओएस-08 मिशन के उद्देश्यों में माइक्रोसेटेलाइट को डिजाइन और विकसित करना शामिल है। ईओएस-08 तीन पेलोड ले जाएगा। इनमें इलेक्ट्रो आप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआइआर), ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और सीआइसी यूवी डोसीमीटर शामिल हैं।
यह उपग्रह आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी करेगा:
ईओआइआर पेलोड को उपग्रह आधारित निगरानी, आपदा निगरानी, पर्यावरण निगरानी के लिए तस्वीरें खींचने के लिए डिजाइन किया गया है। जीएनएसएस-आर समुद्र की सतह की हवा का विश्लेषण, मिट्टी की नमी का आकलन, बाढ़ का पता लगाने के लिए रिमोट सेंसिंग क्षमता प्रदर्शित करेगा। एसआइसी यूवी डोसीमीटर गगनयान मिशन में पराबैंगनी विकिरण की निगरानी करेगा। एसआइसी यूवी डोसीमीटर गगनयान मिशन में पराबैंगनी विकिरण की निगरानी करेगा।
Add Comment