नशे के लिए इंजेक्शन का कॉकटेल बनाया, हाईडोज से मौत:धनवंतरी हॉस्पिटल के बाथरूम में डेडबॉडी मिली; कम्प्यूटर ऑपरेटर था
झुंझुनूं

प्राइवेट हॉस्पिटल में कंप्यूटर ऑपरेटर ने खुद को लगाए नशे के इंजेक्शन।
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झुंझुनूं बस डिपो के पास प्राइवेट हॉस्पिटल धनवंतरी के वॉशरूम में शुक्रवार दोपहर 22 साल का युवक अचेत मिला। डॉक्टरों ने चेक तो वह डेड था। युवक इसी हॉस्पिटल में कंप्यूटर ऑपरेटर था। वॉशरूम में 4 इंजेक्शन भी मिले। जानकारी मिली कि युवक ने नशे के लिए खुद को चारों इंजेक्शन का कॉकटेल बनाकर लगाया और हाईडोज से उसकी मौत हो गई।
मामला झुंझुनूं के कोतवाली थाना इलाके का है। अस्पताल के डॉक्टर नरेन्द्र श्योराण ने बताया कि योगेश जाट पुत्र दिनेश जाट इसी अस्पताल में 6 महीने से कंप्यूटर ऑपरेटर था। वह नजदीकी रामपुरा गांव का रहने वाला था। शुक्रवार सुबह वह ड्यूटी पर आया था। शुक्रवार दोपहर ICUI के पास वॉशरूम का गेट काफी देर से बंद था। अटेंडेंट वॉशरूम जाने के लिए इंतजार कर रहे थे। अटेंडेंट ने अस्पताल के कर्मचारियों को सूचना दी।

योगेश जाट 22 साल का था। बताया जा रहा है कि वह नशे का आदी था।
वॉशरूम में अचेत मिला, 4 इंजेक्शन भी मिले
डॉक्टर नरेंद्र ने बताया- दोपहर 1 बजे वॉशरूम का दरवाजा तोड़कर देखा तो हॉस्पिटल में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाला योगेश वॉशरूम में अचेत पड़ा था। अस्पताल के डॉक्टरों ने चेक किया तो धड़कन नहीं मिल रही थी। डॉक्टर ने उसे सीपीआर दिया लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस को वॉशरूम में चार इंजेक्शन मिले। जिनमें मिडाजोलम, प्रोपोफोल, मेफेन्टरमिन और एट्राक्येरियम थे। ये इंजेक्शन मरीज को बेहोश करने के काम आते हैं।
कोतवाली थाना इंचार्ज राम मनोहर ने बताया- धनवंतरी हॉस्पिटल से योगेश का शव बीडीके अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे मृत घोषित कर शव मॉर्च्युरी में रखवा दिया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद खुलासा होगा कि योगेश की मौत कैसे हुई है।
हॉस्पिटल सूत्रों से जानकारी मिली कि योगेश नशे का आदि था। काफी समय से वह खुद को इंजेक्शन लगाकर नशा करता था। एक डॉक्टर ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि योगेश ने नशे के लिए चार इंजेक्शन मिलाकर कॉकटेल बनाया था। इससे इंसान का शरीर सुन्न हो जाता है। हाईडोज के होने कारण उसकी मौत हो गई। हालांकि इस मामले में मृतक के परिजन व अस्पताल स्टाफ कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। योगेश ने चारों इंजेक्शन का मिश्रण कर 20 एमएल इंजेक्शन में भरकर अपने हाथ में लगाया था।

योगेश की मौत नशे के इंजेक्शन के हाईडोज से हुई या फिर उसने सुसाइड किया, इसकी जांच की जा रही है।
कौन सा इंजेक्शन किस काम आता है
मिडाजोलम
सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि मिडाजोलम का इस्तेमाल गहन चिकित्सा इकाई (इंटेंसिव केयर यूनिट या आईसीयू) में बेहोशी के लिए काम में लिया किया जाता है। इसे चिकित्सक के सलाह से दिया जाता है।
प्रोपोफोल
प्रोपोफोल 1 प्रतिशत इन्फ्यूजन सुन्न करने वाली दवा है, इसका इस्तेमाल बड़ी सर्जिकल प्रक्रियाओं में किया जाता है. इससे दर्द और परेशानी के बिना प्रोसेसर पूरा करने में मदद मिलती है। इस इंजेक्शन का इस्तेमाल केवल हॉस्पिटल में किया जाता है।
एट्राक्येरियम
यह इंजेक्शन मस्तिष्क द्वारा पेशियों को भेजे जाने वाले उन संदेशों को बाधित करता है, जो उन्हें सिकुड़ने तथा शिथिल होने से रोकता है। एट्राक्यूरियम, नॉनडिपोलराइजिंग (कम्पीटीटिव) न्यूरोमस्क्यूलर ब्लॉकर नामक दवाओं की एक श्रेणी से सम्बन्ध रखता है। यह शरीर में रासायनिक पदार्थ (एसिटाइलकोलाइन) के कार्य में हस्तक्षेप करता है और कंकालीय मांसपेशी शिथिल होने लगती हैं।
मेफेंटरमाइन
मेफेंटरमाइन एक अल्फा-एड्रीनर्जिक रिसेप्टर एगोनिस्ट है जो एंटीहाइपरटेन्सिव एजेंट से संबंधित है। मेफेंटरमाइन हाइपोटेंशन के उपचार में प्रयुक्त एक सिम्पैथोमिमेटिक एजेंट है। मेफेंटरमाइन शरीर में तेजी से डीमेथिलेटेड होता है, जिसके बाद हाइड्रॉक्सिलेशन होता है। इससे उच्च रक्तचाप, चिंता, नींद में परेशानी, जैसे सामान्य दुष्प्रभाव दिखाता है।

घटना झुंझुनूं के धनवंतरी हॉस्पिटल की है। शुक्रवार दोपहर 1 बजे योगेश वॉशरूम में मिला था।
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