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निशुल्क दवा योजना का सच:हर 10वें मरीज की पर्ची में 1 मेडिसिन नाॅट अवेलेबल, पेरासिटामॉल और बीटाडीन जैसी दवाइयां तक नहीं

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*निशुल्क दवा योजना का सच:हर 10वें मरीज की पर्ची में 1 मेडिसिन नाॅट अवेलेबल, पेरासिटामॉल और बीटाडीन जैसी दवाइयां तक नहीं*

*बीकानेर:* मुफ्त दवा योजना में करीब एक हजार मेडिसिन की लंबी-चौड़ी लिस्ट के बावजूद मरीजों को पूरी मेडिसिन नहीं मिल रही। मजबूरन उन्हें एक डीडीसी से दूसरी डीडीसी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पीबीएम प्रशासन ने 824 मेडिसिन की लिस्ट राज्य सरकार को भेजी है, जिसे आने में करीब दो महीने का समय लगेगा।
मेडिसिन नहीं होने से मरीजों को हो रही परेशानी को लेकर सोमवार को टीम ने पड़ताल की तो सामने आया कि मरीजों को लिखी जाने वाली हर दसवें मरीज की पर्ची में एक मेडिसिन एनए होती है। हैरत की बात है कि हॉस्पिटल की डीडीसी में बुखार की दवा डाइक्लोफिनेक पेरासिटामॉल, बीटा मैथासोन इनहेलर तथा बीटा डीन गार्गल सरीखी जरूरी मेडिसिन भी नहीं मिल रही है। कुछ मामलों में डॉक्टर मरीजों की पर्ची पर मेडिसिन के साल्ट नहीं लिखकर ब्रांड नेम लिख रहे हैं।

*हकीकत बयां करती मरीजों की तस्वीरें*
*स्थान : मेडिसिन विंग 16 नं. कमरा*
*क्या हुआ :* डॉक्टर की पर्ची में 3 मेडिसिन लिखी है। लेकिन डीडीसी सेंटर पर डाइक्लोफिनेक मेडिसिन नहीं मिली। फार्मासिस्ट ने एनए लिखकर बाहर से लेने की नसीहत दी।
बाजार में कीमत : बाजार में डाइक्लोफिनेक मेडिसिन का पत्ता 30 रुपए का है।

*स्थान: कैंसर हॉस्पिटल के बाहर*
*क्या हुआ :* डॉक्टर की पर्ची में 5 मेडिसिन में से 4 मेडिसिन ही डीडीसी पर मिली। बीटाडीन गार्गल डीडीसी सेंटर पर नहीं मिली। डॉक्टर ने मेडिसिन का साल्ट नहीं लिखकर ब्रांड नेम लिख दिया।
बाजार में कीमत : मरीज को मजबूरी में बाहर से 250 रुपए का बीटाडीन गार्गल खरीदना पड़ा।

*सुपरिटेंडेंट बोले-साल के 40 करोड़ की मेडिसिन बाजार से खरीदेंगे*
पीबीएम हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रमोद सैनी ने बताया कि फिलहाल हॉस्पिटल की डीडीसी सेंटर पर एक हजार मेडिसिन उपलब्ध है। इसमें सर्जरी और मेडिसिन विभाग की मेडिसिन की सबसे ज्यादा डिमांड हाेती है। हाल ही में राज्य सरकार ने मुफ्त दवा योजना में मेडिसिन का दायरा बढ़ाने की घोषणा की है। बीकानेर से 824 मेडिसिन की लिस्ट और भेजी गई है, जिसकी राज्य सरकार ने स्वीकृति भी दे दी है। लेकिन स्वीकृत मेडिसिन को आने में करीब दो महीने का समय लगेगा।
राज्य सरकार के सख्त निर्देश हैं कि किसी भी मरीज को बिना मेडिसिन नहीं लौटाया जाए। ऐसे में सरकार ने साल के 40 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, जिनसे मरीजों को निशुल्क मेडिसिन बाजार से खरीदकर उपलब्ध कराई जाएगी। डॉक्टरों को भी हिदायत दी गई है कि वे वही मेडिसिन लिखें जो डीडीसी सेंटर पर उपलब्ध हो।
अगर किसी कारण से डीडीसी सेंटर पर मेडिसिन उपलब्ध नहीं होती है तो मरीज डॉक्टर से दूसरे साल्ट की दवा लिखवा सकता है। बाजार से खरीद की जाने वाली मेडिसिन को लेकर जल्द ही टेंडर जारी किए जाएंगे, ताकि जल्द से जल्द मरीजों को मेडिसिन की उपलब्धता करवाई जा सके। हाल ही में राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत 824 मेडिसिन मिलने के बाद मुफ्त दवा योजना में मेडिसिन की संख्या करीब 1850 हो जाएगी।

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