पंजाब की संस्कृति और विरासत के असंख्य उत्सवों के बीच पंजाबी साहित्यिक पत्रिका लफ्जनामा हुई लॉन्च
लफ्जनामा पंजाबी साहित्य, भाषा, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने की एक बेहतरीन पहल: डॉ. सुमिता मिश्रा
चंडीगढ़ : पांच नदियों की भूमि पंजाब की संस्कृति और भाषा का जश्न मनाने के लिए राइवर्स पब्लिशिंग ने चंडीगढ़ लिटरेरी सोसाइटी (सीएलएस) के सहयोग से पंजाब कला भवन सेक्टर-16 चंडीगढ़ में अपनी पंजाबी साहित्यिक पत्रिका लफ्जनामा लॉन्च की। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन और पत्रिका के पहले संस्करण के अनावरण के साथ हुई। जिसमें राइवर्स पब्लिशिंग के निदेशक अफ्फान येसवी, मुख्य अतिथि डॉ. सुजीत पातर चेयरमैन पंजाब आट्र्स काउंसिल और डॉ. सुमिता मिश्रा आईएएस चेयरपर्सन सीएलएस शामिल रही। बब्बू तीर सदस्य पंजाब लोक सेवा आयोग, डॉ. लखविंदर जोहल अध्यक्ष पंजाब साहित्य अकादमी मौजूद रहे। इस अवसर पर बोलते हुए राइवर्स पब्लिशिंग के निदेशक अफ्फान येसवी ने कहा कि पंजाब के लोक संगीत के उत्सव की उनकी समृद्ध टेपेस्ट्री दर्शकों के लिए एक परम आनंददायक थी। भांड प्रदर्शन समारोह का एक अतिरिक्त आकर्षण था और दर्शकों ने इसका भरपूर आनंद उठाया।
सीएलएस की चेयरपर्सन एवं हरियाणा सरकार की वरिष्ठ आईएएस अफसर डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि लफ्जनामा पंजाबी साहित्य, भाषा, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन पहल है। डॉ. मिश्रा ने पंजाबी साहित्यिक पत्रिका लॉन्च करने के लिए येसवी को बधाई देते हुए कहा कि भाषाएं गतिशील संस्थाएं हैं और लफ्जनामा पंजाबी भाषा की महिमा और समृद्धि को सामने लाता है। समूह की पंजाबी पत्रिका पांच नदियों की भूमि पंजाब की गौरवशाली संस्कृति और भाषा पंजाबी का जश्न मनाती है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि पत्रिका पंजाब के प्रतिष्ठित लेखकों और कवियों को भाषा की महिमा का जश्न मनाने और बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। यह उभरते लेखकों और कवियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा।
पत्रिका की कार्यकारी संपादक रवी पंधेर ने डिजीटल युग में पंजाब की कला, संस्कृति, साहित्य और सिनेमा पर प्रख्यात पैनलिस्ट ओपिंदर कौर सेखों, बलप्रीत कौर और सुभाष भास्कर के साथ एक पैनल चर्चा परिदृश्य को फिर से परिभाषित करना आयोजित की। निशा लूथरा, गुरतेज सफर और लिली स्वर्ण के काव्य पाठ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शाम का मुख्य आकर्षण म्यूजिक ई मिस्टिक था, जो मोगा के जितेंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह का सूफी पंजाबी लोक बैंड प्रदर्शन था। सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम का कुशल संचालन राजेंदर ने किया।
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