पाकिस्तान चुनाव : पाकिस्तान चुनाव में इस्तेमाल होंगे 26 करोड़ बैलट पेपर:बैलट से वोटिंग, फिर भी एक ही दिन में कैसे आ जाते हैं नतीजे
8 फरवरी को पाकिस्तान में होने वाले चुनाव के लिए 26 करोड़ बैलेट पेपर छापे गए हैं। इनका कुल वजन करीब 2100 टन है। दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान में बैलट पेपर से वोट डाले जाने के ठीक बाद मतगणना का सबसे मुश्किल काम शुरू होता है। पोलिंग बूथ पर अधिकारी हाथ से वोटों की गिनती करते हैं और चुनाव के दिन देर रात नतीजे घोषित कर दिए जाते हैं।
सवाल 1: भारत समेत कई देशों में EVM से वोटिंग होती है तो पाकिस्तान में क्यों नहीं?
जवाब: 2 मई 2021 को पाकिस्तान के इमरान खान की सरकार ने संसद में EVM से वोटिंग के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव का तब पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों के सांसदों ने जोरदार विरोध किया। तब PML-N के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने EVM के इस्तेमाल को खारिज किया है। इसलिए हमें चुनाव में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। परिणाम ये हुआ कि एक बार फिर से पाकिस्तान में बैलट पेपर से ही चुनाव कराने का फैसला हुआ है।
सवाल 2: क्या पाकिस्तान में चुनाव के दिन ही काउंटिंग करके रिजल्ट जारी करने को लेकर कोई कानून है?
जवाब: हां, इलेक्शन एक्ट 2017 के जरिए पाकिस्तान में चुनाव के बाद वोटों की गिनती को पारदर्शी और अकाउंटेबल बनाने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं। इस कानून के जरिए पोलिंग बूथ पर तैनात रिटर्निंग ऑफिसर की जिम्मेदारी तय की गई है।
कानून के मुताबिक वोटिंग खत्म होते ही हर पोलिंग बूथ पर तैनात पोलिंग ऑफिसर काउंटिंग शुरू करते हैं। काउंटिंग के वक्त उनके पास दो तरह के फॉर्म होते हैं। फॉर्म- 45 और फॉर्म- 46। इन दोनों फॉर्म में काउंटिंग के बाद रिजल्ट लिखते हैं।
सभी पोलिंग ऑफिसर काउंटिंग खत्म होते ही पोलिंग बूथ के रिटर्निंग ऑफिसर को रिजल्ट भेज देते हैं। देर रात 2 बजे तक हर हाल में रिटर्निंग ऑफिसर को अपने क्षेत्र के सभी बूथ से रिजल्ट कलेक्ट कर जारी करना होता है।
सवाल 3: अगर रिटर्निंग ऑफिसर उसी दिन देर रात तक रिजल्ट जारी नहीं कर पाते हैं तो क्या होगा?
जवाब: अगर रिटर्निंग ऑफिसर तय समय पर काउंटिंग नहीं कर पाते हैं तो उन्हें चुनाव आयोग को लिखित रूप में इसकी जानकारी देनी होती है। इसमें चुनाव परिणाम जारी नहीं होने की वजह बताना होती है। अगले दिन सुबह 10 बजे तक रिजल्ट जारी करने के लिए वो बाध्य होते हैं।
पाकिस्तान में काउंटिंग हॉल का नजारा कुछ इस तरह से होता है। इसमें एक ओर उम्मीदवारों के एजेंट और दूसरी ओर रिटर्निंग अधिकारी बैठे होते हैं। बीच में पोलिंग ऑफिसर वोटों की गिनती करते हैं।
सवाल 4: भारत में बैलेट पेपर की काउंटिंग में पूरा एक दिन लगता था, लेकिन पाकिस्तान में इतनी जल्दी कैसे हो जाती है?
जवाब: पाकिस्तान में वोटों की गिनती की प्रक्रिया अलग तरीके से होती है। भारत में बैलट पेपर से वोटिंग होने के बाद सारे बॉक्स ब्लॉक और फिर वहां से जिला मुख्यालय भेजे जाते थे। जिले में किसी एक जगह पर सभी बॉक्स को सुरक्षित जमा रखा जाता था। ये प्रक्रिया चुनाव वाले दिन देर रात तक चलती थी। इसी वजह से अंतिम चरण के वोट डालने के कम से कम एक दिन बाद वोटों की गिनती होती थी।
अधिकारियों को वोटों की गिनती करने में पूरा दिन लग जाता था। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि पूरे जिले के वोटों की काउंटिंग के लिए अधिकारियों की संख्या कम होती थी। हालांकि, पाकिस्तान में ऐसा नहीं होता है। पाकिस्तान में वोटिंग के बाद उसी पोलिंग बूथ पर काउंटिंग की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसकी जानकारी जिला चुनाव अधिकारी और कंट्रोल रूम को भेजी जाती है। इस तरह आसानी से सेम डे रिजल्ट जारी हो जाता है।
सवाल 5: पाकिस्तान में किन परिस्थितियों में पोलिंग बूथ पर दोबारा से वोटों की गिनती की जाती है?
जवाब: किसी उम्मीदवार या एजेंट की अपील पर पोलिंग बूथ पर मौजूद रिटर्निंग अधिकारी चाहे तो दोबारा से वोटों की गिनती की इजाजत दे सकता है।
सवाल 6: क्या किसी पूरे निर्वाचन क्षेत्र के सभी वोटों की गिनती दोबारा से हो सकती है?
जवाब: हां, अगर किसी उम्मीदवार या उसके एजेंट को चुनाव रिजल्ट पर शक है तो वह दोबारा से मतगणना की मांग कर सकता है। इसके लिए बस एक शर्त है कि चुनाव जीतने वाले और दूसरे नंबर के उम्मीदवार के वोटों का अंतर 5% या इससे कम होना चाहिए।
सवाल 7: उम्मीदवार चुनाव के परिणाम से संतुष्ट नहीं है तो उसे अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए क्या करना होगा?
जवाब: कोई कैंडिडेट अगर चुनाव परिणाम से संतुष्ट नहीं है तो कानून के तहत वो चुनाव आयोग के पास याचिका दायर कर सकता है। याचिका में वह चुनाव परिणाम को भी चुनौती दे सकता है। इस याचिका पर आखिरी फैसला मुख्य चुनाव आयुक्त करते हैं।
सवाल 8: किस तरह के वोटों को कैंसिल किया जाता है और कौन करता है?
जवाब: अगर किसी बैलट पेपर पर चुनाव आयोग का आधिकारिक चिह्न नहीं है तो उस बैलट को कैंसिल कर दिया जाता है। इसके अलावा अगर मतदाता ने सही से किसी पार्टी उम्मीदवार के नाम या चिह्न पर निशान नहीं लगाया हो। गलत तरीके से बैलट मोड़ने पर भी एक बैलट में स्याही दो-दो उम्मीदवारों के नाम पर लग जाती है। इन सभी वोटों को कैंसिल करने का अधिकार रिटर्निंग ऑफिसर के पास होता है।
सवाल 9: काउंटिंग प्रक्रिया खत्म होने के बाद जीते उम्मीदवारों को सर्टिफिकेट कौन जारी करता है?
जवाब: रिटर्निंग ऑफिसर सारे चुनाव परिणामों की फाइनल कॉपी चुनाव आयोग के पास भेजते हैं। इसके बाद चुनाव आयोग की वेबसाइट पर तुरंत उसे अपडेट किया जाता है। जिस निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवारों की जीत होती है, उसे उस क्षेत्र में तैनात चुनाव अधिकारी सर्टिफिकेट देते हैं।
सवाल 10: कोई अधिकारी कानून तोड़ता है या किसी पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में हेरफेर करते पकड़ा गया तो क्या होता है?
जवाब: चुनाव अधिनियम 2017 के तहत भ्रष्ट आचरण के अपराध में दोषी किसी भी व्यक्ति को तीन साल तक की कैद या एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों लगाया जाता है।
Add Comment