प्रतिभा – तराश हेतु उचित मार्गदर्शन आवश्यक : डॉ. भटनागर
बीकानेर, 18 मई। बाल – विकास हेतु प्रतिबद्ध एक अभिनव शैक्षणिक संस्थान श्री गोपेश्वर विद्यापीठ सैकेंडरी स्कूल की विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी में बच्चों के प्रतिभा कौशल को देखकर प्रत्येक विजिटर हतप्रभ हो गया। हर दर्शक ने विद्यार्थियों के कॉन्फिडेंस एवं कौशल की खुले मन से सराहना की। वेलनेस एवं लाईफ कोच डॉ. राजकुमार भटनागर ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। भटनागर ने लगभग दो घण्टे तक पूरी बारीकी से एक एक प्रोजेक्ट एवं मॉडल का अवलोकन करने के बाद कहा कि यदि उचित मार्गदर्शन मिले तो प्रत्येक बच्चे की प्रतिभा को मुखरित किया जा सकता है। यह प्रदर्शनी इस बात का जीवंत प्रमाण है कि विद्यापीठ में हर स्टूडेंट्स की हर तरह की प्रतिभा को उजागर किया जा रहा है। डॉ. अजय कुमार शर्मा ने प्रदर्शनी के निरीक्षण के उपरान्त बहुत ही प्रफुल्लित होकर कहा कि बच्चों के नैसर्गिक गुणों को तलाश करना बेहद कठिन काम है और उससे भी कठिन काम है उन्हें तराशना। श्री गोपेश्वर विद्यापीठ में बच्चों की नैसर्गिक प्रतिभा को तलाशने के साथ साथ उन्हें निखारा भी जा रहा है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, श्रीरामसर की प्राचार्या श्रीमती संगीता टाक ने कहा कि इन विद्यार्थियों का हौंसला अप्रत्याशित है। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा पूरे अनुशासन एवं गरिमा के साथ अपने अपने प्रोजेक्ट व मॉडल की व्याख्या तथा बहुत ही प्रभावी प्रस्तुतिकरण उनके मन को छू गया है। करुणा इंटरनेशनल संस्था के बीकानेर केंद्र के डायरेक्टर जतनलाल दूगड़ ने कहा कि बच्चों द्वारा बनाए गए मॉडल्स और प्रोजेक्ट्स बहुत ही बेहतरीन व शानदार हैं। संस्था के अध्यक्ष मेघराज बोथरा ने कहा कि प्रत्येक मॉडल्स में नवाचारों का समावेश इस प्रदर्शनी की विशिष्टता कही जा सकती है। संस्था के सचिव राजेश रंगा ने कहा कि बच्चों का प्रभावी प्रस्तुतिकरण उनकी व उनके मार्गदर्शकों की मेहनत को सिद्ध कर रहा है। एज्यूकेशन आफिसर घनश्याम साध ने कहा कि
ऐसे आयामों से ही विद्यार्थियों की प्रतिभा एवं विवेक मुखर होते हैं। संस्था के कोषाध्यक्ष भैंरूदान सेठिया एवं सह सचिव सौरभ बजाज, स्काउट सीओ जसवंत सिंह राजपुरोहित, लर्निंग बाय डूंयग के गणेश सियाग, शिक्षाविद शिवचरण जोशी, स्काउट के गंगाशहर स्थानीय संघ के सचिव प्रभुदयाल गहलोत, बीकानेर जिला टैंट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष किशन लाल गेधर, श्री इंद्र कुंवर बाल निकेतन के अशोक उपाध्याय, कपूर इण्टरनेशनल स्कूल के तरविन्दर सिंह कपूर, श्री शिशु शिक्षा सदन के बालकिशन सोलंकी, अमर ज्योति विद्या मंदिर के राकेश पंवार, मारवाड़ इंग्लिश एकेडमी के योगेश सांखला, शांति स्कूल के लोकेश कुमार मोदी, संस्कार पब्लिक एकेडमी के रघुनाथ बेनीवाल एवं कंप्यूटर एक्सपर्ट विठ्ठल वल्लभ इत्यादि ने भी प्रदर्शनी को बहुआयामी एवं उपयोगी बताया। प्रदर्शनी को देखने वाले प्रत्येक अभिभावक ने प्रदर्शनी की मुक्त कंठ से सराहना की। संस्था के अध्यक्ष रमेश कुमार मोदी एवं घनश्याम साध ने मुख्य अतिथियों डॉ. राजकुमार भटनागर एवं मेघराज बोथरा को शाल भेंटकर अभिनंदन किया। अश्लेषा खैरीवाल ने सभी अतिथियों का तिलक निकालकर स्वागत किया।
सभी सहभागियों को किया गया पुरस्कृत
विद्यापीठ के समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने कहा कि बच्चों ने बहुत ही मनमोहक मॉडल्स, प्रोजेक्ट्स, टॉयज इत्यादि बनाकर अपनी प्रतिभा को सिद्ध किया। सभी विद्यार्थियों ने अपने अपने प्रोजेक्ट एवं मॉडल हेतु पुरजोर मेहनत की है। इनकी मेहनत को देखते हुए संस्था ने सभी सहभागी विद्यार्थियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया तथा सभी सहभागी लगभग पौने दो सौ स्टूडेंट्स को “इन्वॉल्वमेंट टोकन मोमेंटो” देकर सम्मानित किया गया।
इन प्रोजेक्ट्स एवं मॉडल्स ने सभी को किया आकर्षित
विद्यापीठ की प्रधानाध्यापिका भंवरी देवी ने बताया कि सुश्री खुशबू, सुश्री गुनगुन एवं राहुल के मार्गदर्शन में बच्चों ने विज्ञान के प्रोजेक्ट्स एवं मॉडल्स बनाए। मनुष्य के पाचन तन्त्र, इलेक्ट्रिक सर्किट, भोर मॉडल, वाटर अलार्म, विन्ड मिल, सोलर एनर्जी एवं सिस्टम, डे एंड नाइट वर्किंग मॉडल, वाटर डिस्पेंसर, बायो गैस, बर्निंग आफ कैंडल, ह्यूमन आई, सीवरेज सिस्टम, पार्ट्स आफ फ्लोवर, ग्रीन हाऊस इफेक्ट, रेसपीरेसन, क्लाईमेट चैंज, ह्यूमन हर्ट, क्विज बोर्ड, चंद्रयान, एलीवेटर, फाउंटेन, हाइड्रोलिक ब्रिज, ब्रेलि स्क्रिप्ट, बेंजीन मॉडल, रेन वाटर सेंसर एंड हार्वेस्टिंग, डेनसिटी, ज्वालामुखी, बज वायर गेम, हॉस्पिटल, ह्यूमन ब्रेन इत्यादि मॉडल्स एवं प्रोजेक्ट्स ने बहुत अधिक प्रभावित किया। प्रिज्म रिफ्लेक्शन, एसिड एण्ड बेस, मैगेनेटिज्म, हाइड्रोजन गैस इत्यादि से संबंधित अनेक प्रयोग भी विद्यार्थियों ने इस दौरान प्रस्तुत कर अपने विज्ञान के ज्ञान का लोहा मनवाया। पहली से चौथी तक के विद्यार्थियों ने श्रीमती शांति, श्रीमती इन्द्रा, श्रीमती संजना, श्रीमती दिव्या, सुश्री सरिता एवं सुश्री वर्षा सीखा के निर्देशन में एटीएम मशीन, चूड़ी बॉक्स, कैरी बैग्स, सोफा सैट, पेपर डॉल, स्टिक झौंपडी़, ट्रॉली बैग, स्कूटर डाई टैडी, मिनी टेबल, क्ले – गणेश जी, पेपर वाल हैंगिग, अंब्रेला, पेपर फ्लॉवर पॉट, स्टिक वाल हैंगिग, की – चैन, डस्टबीन, फ्लॉवर पॉट, घड़ी, फोटो फ्रेम, गिलास डेकोरेशन, राजस्थानी गुड़िया, पेन डेकोरेशन इत्यादि का निर्माण किया। इन मॉडल्स एवं प्रोजेक्ट्स की कार्यप्रणाली को स्टूडेंट्स ने इतने प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया कि पूछने – देखने – समझने वाले अचंभित हो गये। बच्चों के लाजवाब कॉन्फिडेंस एवं कौशल की सभी ने मुक्त ह्दय से सराहना की। इन नन्हें मुन्ने बच्चों के प्रभावी प्रस्तुतिकरण ने प्रत्येक विजिटर की दाद हासिल की।
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