‘फसल की कटाई और बुआई में मददगार होगा रोबोट’:उबड़-खाबड़ जमीन पर भी चल सकेगा, कोटा के AI साइंटिस्ट ने बनाया
कोटा के AI साइंटिस्ट को रास्ट्रपति ने बाल पुरस्कार से सम्मानित किया।
कोटा के आर्यन सिंह ने एक एग्रोबोट ऑल इन वन फार्म रोबो तैयार किया है। ये रोबोट खेत में फसल की कटाई, बुआई के साथ-साथ दवा छिड़कने में मददगार है। ये रोबोट उबड़ खाबड़ जमीन पर भी आसानी से चल सकता है।
इसकी मदद से फसलों के पौधों की गणना व उनकी स्थिति के बारें में पता लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं इसमें सिक्योरिटी डिवाइस भी लगाया है। इसमें लगा अल्ट्रासोनिक रेज सिस्टम 5 किमी दूरी से खेत मे जानवर आने व संदिग्ध के घुसने पर अलर्ट करेगा। तेज आवाज में सायरन बजना शुरू होगा। मोबाइल पर मैसेज भी देगा।
17 साल के आर्यन वर्तमान में बूंदी के इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक कर रहे है। मूल रूप से कोटा के रहने वाले है। आर्यन सिंह को अपनी असाधारण उपलब्धि के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी के फील्ड में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है।
आर्यन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित रोबोट एग्रोबोट विकसित किया, जिसका उद्देश्य इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसे आधुनिक तकनीक को एकीकृत करके किसानों के जीवन को सरल बनाना है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने सोमवार को उन्हें अवार्ड देकर सम्मानित किया।
कोटा के आर्यन सिंह ने एक एग्रोबोट ऑल इन वन फार्म रोबो तैयार किया है।
खर्च में कटौती कैसे हो
आर्यन ने बताया कि उनका परिवार भी खेती से जुड़ा है। यूपी के गोरखपुर जिले में उनकी पुश्तेनी जमीन है। खेती के दौरान कई बार संसाधन किराए से लाने पढ़ते है। उसमें खर्च ज्यादा होता है। इस कारण उन्हें खेती में किसानों के होने वाले खर्च को कम करने के बारें सोचा। और ऐसा सिस्टम बनाने की सोची जो खेत मे सुरक्षा के साथ साथ बुवाई,कटाई व वाटर सप्लाई की भी मॉनिटरिंग कर सकें।
स्कूल लैब से मिली मदद
साल 2020 में आर्यन सिंह ने एसआर पब्लिक स्कूल में पढ़ाई के दौरान प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया। स्कूल में नीति आयोग के जरिए अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की गई थी। आर्यन ने स्कूल टीचर ओम प्रकाश सोनी की मदद से प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाला रोबोट बनाया। समय समय पर इसमें अपडेशन करते रहे। इसे आसानी से मोबाइल से कंट्रोल किया जा सकता है।
4 फीट का रोबोट, 8 हजार का खर्चा
आर्यन ने 4 फीट लंबा रोबोट बनाया। जिस पर करीब 8 हजार का खर्च आया। इसे कस्टमाइजेबल बनाया गया है। जरूरत के अनुसार इसकी लंबाई ऊंचाई बढ़ाई जा सकती है और अन्य उपकरण भी लगाए जा सकते है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ आर्यन सिंह।
स्कूल गार्डन में की टेस्टिंग
17 साल के आर्यन वर्तमान में बूंदी के इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर साइंस में बीटेक कर रहे है। समय निकालकर अटल टिंकरिंग लैब में काम करते है।
आर्यन ने शुरूआत में स्कूल में 20 बाई 20 के गार्डन में रोबोट की टेस्टिंग की। इसमें सोलर पैनल लगाया गया है। जो किसी भी डायरेक्शन में घूम सकता है। इससे इसकी बैटरी चार्ज होगी।इसमें ढाई दिन का बैटरी बैकअप है।आर्यन ने बताया कि अभी इसकी खेत में टेस्टिंग नहीं की है।
कोटा में रहता परिवार
आर्यन ने बताया कि करीब 50 साल से उनका परिवार कोटा में रह रहा है। पिता जितेंद सिंह जेरोक्स की दुकान चलाते हैं मां गृहणी है। जबकि बहन स्कूल में पढ़ाई करती है। अफोर्डेबल कॉस्ट पर किसानों को फार्मिंग टेक्नोलॉजी मुहैया कराने का उनका सपना है।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के हाथों अवार्ड लेते आर्यन।
कई अवार्ड मिल चुके
10वीं में पढ़ाई के दौरान आर्यन सिंह को तीन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले थे। आर्यन ने बताया कि उन्हें रूस से एग्रीकल्चर इनोवेशन में डिप्लोमा दिया गया। कनाडा में गोल्ड मेडल, मलेशिया में सिल्वर मेडल मिला था। एग्रोबॉट बनाने के बाद 5 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय, स्टेट व जिला स्तर पर करीब 10 अवार्ड मिल चुके। जिसमें यंग साइंटिस्ट ऑफ इंडिया 2020,रशियन यंग इनोवेटर अवार्ड 2021 शामिल है।
आर्यन ने ‘मेरा साथी ऐप’ बनाया था, जिसकी मदद से घर बैठे बैठे स्टूडेंट स्कूल, कॉलेज के बारें में जानकारी ले सकता है। ये ऐप केंद्र सरकार को पसंद आया और केंद्र सरकार ने mygov.in में इस ऐप को जोड़ दिया। और आर्यन को गवर्नमेंट आफ इंडिया ने mygov.in का ब्रांड एंबेसडर बना दिया।
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