बजरंग के बाद अब गूंगा पहलवान लौटाएंगे पद्मश्री अवॉर्ड:प्रियंका गांधी से मिले पूनिया और साक्षी, बृजभूषण बोले- ये कांग्रेस की गोद में बैठे
नई दिल्ली में बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से मुलाकात करतीं प्रियंका गांधी। साथ में सांसद दीपेंद्र हुड्डा।
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) प्रेसिडेंट इलेक्शन में संजय सिंह की जीत के बाद रेसलर बजरंग पूनिया शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर के बाहर फुटपाथ पर अपना पद्मश्री अवॉर्ड रख आए थे। बजरंग के बाद अब वीरेंद्र सिंह (गूंगा पहलवान) ने भी पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है। वीरेंद्र सिंह को 2021 में पद्मश्री सम्मान मिला था।
गूंगा पहलवान ने सोशल मीडिया X पर लिखा- मैं भी अपनी बहन और देश की बेटी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पद्मश्री लौटा दूंगा। मुझे अपनी बहन साक्षी मलिक पर गर्व है। उन्होंने सचिन तेंदुलकर और नीरज चोपड़ा को टैग करते हुए लिखा- देश के सबसे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों से भी मैं अनुरोध करूंगा कि वो भी अपना निर्णय लें।
22 दिसंबर को पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने के बाद बजरंग पूनिया ने दिल्ली में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। प्रियंका से मुलाकात के दौरान कुश्ती से संन्यास का ऐलान करने वाली साक्षी मलिक भी बजरंग के साथ थीं। प्रियंका ने दोनों पहलवानों को कहा कि वह उनकी लड़ाई में पूरी तरह से साथ हैं। यह मीटिंग राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कराई।
इस मामले में केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृजभूषण के करीबी संजय सिंह के चुनाव जीतने के बाद बजरंग पूनिया के पद्मश्री लौटाने पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ठाकुर ने कहा- ” इस बारे में मैं पहले ही काफी कुछ कह चुका हूं, और कुछ नहीं कहूंगा। चैंपियन खिलाड़ियों को नए प्लेयरों को इंटरनेशनल लेवल के लिए तैयार करने के लिए आगे आना चाहिए।”
ये तस्वीर साल 2021 की है। जिसमें पहलवान वीरेंद्र सिंह पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्मश्री अवॉर्ड ले रहे हैं।
बृजभूषण बोले- इनके साथ देश का एक भी पहलवान नहीं
WFI के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने पहलवानों के साथ कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गोद में बैठे इन पहलवानों के साथ देश का एक भी पहलवान नहीं है। वे कर रहे हैं विरोध करें, क्या अब उनके विरोध पर मैं फांसी पर लटक जाऊं? कुश्ती को एक ग्रहण लगा था, जो 11 महीने और तीन दिनों तक बना रहा।
अब चुनाव हुआ और पुरानी फेडरेशन के समर्थित प्रत्याशी यानी हमारे समर्थित प्रत्याशी संजय सिंह उर्फ बबलू को जीत मिली है। जीत भी 40 और 7 के अंतर से हुई है जो कुश्ती का काम है उसको अब आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। अब वे जो कर रहे हैं करते रहें।
बृजभूषण के साथ कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह। इस फोटो को लेकर भी बजरंग ने चिट्ठी में तंज कसा कि फूलमालाओं वाली फोटो आप तक पहुंची होगी। इसमें संजय सिंह (दाएं) अध्यक्ष चुने गए, लेकिन फूलमालाएं बृजभूषण के गले में हैं।
बृजभूषण बोले- साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लिया तो मैं क्या कर सकता हूं
वहीं साक्षी मलिक के संन्यास लेने के फैसले पर बृजभूषण सिंह ने कहा- ‘साक्षी ने कुश्ती को अलविदा कह दिया है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं। ये पहलवान जो 12 महीने से हमें गाली देने का काम कर रहे हैं, आज भी गाली दे रहे हैं। उनको गाली देने का हक किसने दिया है। आज वे कुश्ती संघ के चुनाव पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, इसका मतलब है कि वे सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। ये सभी कांग्रेस की गोद में जाकर बैठे हैं।’
बजरंग ने 22 दिसंबर को फुटपाथ पर रख दिया था पद्मश्री अवॉर्ड
इससे पहले 23 दिसंबर को रेसलर बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया के जरिए चिट्ठी लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था। बजरंग ने लिखा, ‘मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है, लेकिन इसे ही मेरा स्टेटमेंट भी माना जाए।’
इस चिट्ठी में बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) पर बृजभूषण के करीबी संजय सिंह की जीत का विरोध जताया। बजरंग अवॉर्ड लौटाने प्रधानमंत्री आवास पर गए थे, लेकिन अंदर जाने की परमिशन नहीं मिली तो उन्होंने अवॉर्ड वहीं फुटपाथ पर रख दिया था।
रेसलर बजरंग पूनिया जब अवॉर्ड लौटाने PM आवास पर पहुंचे तो वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इसके बाद उन्होंने अवॉर्ड वहीं फुटपाथ पर रख दिया।
साक्षी मलिक ने जूते टेबल पर रख कुश्ती से संन्यास लिया
देश की इकलौती ओलिंपियन मेडल विजेता रेसलर साक्षी मलिक ने WFI चुनाव के रिजल्ट के बाद दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संन्यास ले लिया था। साक्षी ने अपने जूते निकालकर टेबल पर रख दिए थे। इससे पहले साक्षी ने कहा कि हम लड़ाई नहीं जीत पाए, कोई बात नहीं। हमारा समर्थन करने देशभर से दूर-दूर से आए लोगों का आभार। हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साक्षी मलिक भावुक हो गई थीं। उन्होंने अपने जूते उतारकर टेबल पर रख दिए और वहां से उठकर चली गई थीं।
भरी हुई आवाज में साक्षी ने कहा, ‘पहलवानों ने WFI में महिला प्रेसिडेंट की मांग की थी, लेकिन सब जानते हैं कि बृजभूषण का तंत्र कितना मजबूत है। मैं और बजरंग पूनिया गृहमंत्री से मिले थे। हमने बाकायदा लड़कियों के नाम लेकर उन्हें बताया था कि रेसलिंग को बचा लें, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
चुने गए नए अध्यक्ष संजय सिंह बृजभूषण सिंह के पार्टनर हैं। जब तक बृजभूषण सिंह और उनके जैसे लोग कुश्ती संघ से जुड़े हैं, न्याय की उम्मीद नहीं है। ऐसे में मैं आज से ही अपनी कुश्ती त्यागती हूं। आज से आप मुझे मैट पर नहीं देखेंगे।’
Add Comment