बड़े अंतर से हारने वालों के टिकट कटेंगे!:4 दिन हर बड़े नेता की राय लेगी स्क्रीनिंग कमेटी; सितंबर में टिकट घोषित करने की तैयारी
जयपुर
कांग्रेस सितंबर में टिकट घोषित करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश चुनाव समिति के बाद अब स्क्रीनिंग कमेटी ने इसको लेकर काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य अगले चार दिन तक लगातार बैठकें करके उम्मीदवार चयन पर फीडबैक लेंगे। इसकी शुरुआत सोमवार से हो गई है। कांग्रेस वॉर रूम में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक और इसके बाद वन टू वन फीडबैक में वरिष्ठ नेताओं ने उम्मीदवार चयन के मापदंडों पर खुलकर सुझाव दिए। बैठक में यह सुझाव आया कि पिछली बार बड़े अंतर से हारने वाली सीटों पर इस बार उम्मीदवार बदले जाने चाहिए।
नेताओं ने पूर्व सांसदों को भी विधानसभा चुनाव लड़ाने का सुझाव दिया है। बैठक में कई नेताओं ने कहा कि बीजेपी पूर्व सांसदों को चुनाव लड़ाने पर विचार कर रही है। कांग्रेस में भी कई पूर्व सांसदों का अच्छा जनाधार है। उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाना चाहिए। इसका फायदा होगा।
सोमवार को प्रदेश चुनाव समिति के नेताओं के साथ जयपुर, अस्पताल रोड स्थित कांग्रेस वॉर रूम में लंबी चर्चा हुई। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और वरिष्ठ नेताओं अब तक हुई एक्सरसाइज के बारे में स्क्रीनिंग कमेटी को जानकारी दी।
ईआरसीपी को मुद्दा बनाने का सुझाव
मंत्री महेश जोशी और मुरारीलाल मीणा ने बैठक में कहा- ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं देने को चुनावी मुद्दा बनाया जाए। पूर्वी राजस्थान में 82 सीटें हैं। ईआरसीपी का मुद्दा अगर हमने तरीके से उठाया तो 82 सीटों पर यह गेम पलट सकता है। पूर्वी राजस्थान में अभी से ही कार्यकर्ताओं और नेताओं को इसे लेकर टास्क दिया जाए।
स्क्रीनिंग कमेटी 31 तक टिकटों पर वन टू वन फीडबैक लेगी
स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गोरव गोगोई, मेंबर गणेश गोडियाल और अभिषेक दत्त 31 अगस्त तक रोज संभाग वार नेताओं की बैठकें करेंगे। कमेटी की सोमवार को प्रदेश चुनाव समिति के नेताओं के साथ अस्पताल रोड स्थित कांग्रेस वॉर रूम में लंबी चर्चा हुई। स्क्रीनिंग कमेटी अध्यक्ष का यह पहला राजस्थान दौरा है।
उम्मीदवारों की स्क्रूटनी पर ज्यादा फोकस
कांग्रेस वॉर रूम में स्क्रीनिंग कमेटी को प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और वरिष्ठ नेताओं ने टिकटों के पैनल और अब तक की गई एक्सरसाइज के बारे में जानकारी दी है। ब्लॉक और जिला स्तर से आए दावेदारों के पैनल पर चर्चा हुई। इस बार प्रदेश चुनाव समिति अपने स्तर पर उम्मीदवारों की स्क्रूटनी पर ज्यादा फोकस करेगी। इससे स्क्रीनिंग कमेटी का काम आसान हो जाएगा। कमेटी सितंबर के पहले सप्ताह तक पहले फेज में घोषित होने वाले उम्मीदवारों के नाम सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेजने की तैयारी में जुटी है।
कल से संभाग वार नेताओं से मैराथन बैठक
स्क्रीनिंग कमेटी की 29 सितंबर से जयपुर में संभाग वार नेताओं से बैठकें होंगी। 29 सितंबर को अजमेर, बीकानेर, सीकर और जयपुर संभाग के नेताओं के साथ बैठक रखी गई हैं। 30 अगस्त को भरतपुर, जोधपुर, कोटा और पाली संभाग के नेताओं के साथ बैठक होगी।
31 अगस्त को उदयपुर में स्क्रीनिंग कमेटी
स्क्रीनिंग कमेटी अध्यक्ष और मेंबर 31 अगस्त को उदयपुर में बैठक करेंगे। उदयपुर में उदयपुर और बांसवाड़ा संभाग के प्रमुख नेताओं और दावेदारों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद सितंबर के पहले सप्ताह में स्क्रीनिंग कमेटी की जयपुर में बैठक होगी।
सोमवार को अस्पताल रोड स्थित कांग्रेस वॉर रूम में स्क्रीनिंग कमेटी जिले वार प्रमुख नेताओं से बात कर उम्मीदवारों का फीडबैक ले रही है।
अगले सप्ताह से स्क्रीनिंग कमेटी तैयार करेगी पैनल
स्क्रीनिंग कमेटी को राजस्थान की सभी 200 सीटों की सर्वे रिपोर्ट सौंप दी गई है। जिलों से आए तीन से पांच उम्मीदवारों के पैनल भी स्क्रीनिंग कमेटी ने मंगवा लिए हैं। कमेटी के अध्यक्ष और मेंबर खुद भी जिले वार प्रमुख नेताओं से चर्चा करके ग्राउंड पर संभावित उम्मीदवारों पर फीडबैक लेंगे। उम्मीदवारों का पैनल फाइनल करने से पहले कमेटी संभागवार बैठकें करने के साथ प्रदेश चुनाव समिति के साथ भी कई दौर की बैठकें करेगी। इन बैठकों में प्रदेश चुनाव समिति के सुझाए उम्मीदवारों को छांटा जाएगा। सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को भेजे जाने से पहले स्क्रीनिंग कमेटी उम्मीदवारों के पैनल में शामिल नेताओं की सर्वे रिपोर्ट और ग्राउंड रियलिटी को भी देखेगी।
अगले महीने से दिल्ली में बैठकों का दौर
पहले फेज में सितंबर में टिकटों की घोषणा की तैयारी है। इसलिए इस बार प्रोसेस जल्दी पूरा करने को कहा गया है। स्क्रीनिंग कमेटी की इन बैठकों के बाद कांग्रेस टिकटों की पूरी एक्सरसाइज दिल्ली शिफ्ट हो जाएगी। जयपुर के बाद दिल्ली में बैठकों के कई दौर चलेंगे। इसके बाद टिकट फाइनल होंगे। कांग्रेस पहले फेज में 50 से 60 टिकट घोषित करने की रणनीति में है। कमजोर सीटों पर इस बार खास रणनीति तैयार की गई है। कुछ सीटों पर रणनीति के तहत बीजेपी के उम्मीदवारों काे देखकर टिकट देने की भी रणनीति है।
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