बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ जयपुर में छात्राओं ने थाना घेरा:बोलीं- बाबा स्कूल के कार्यक्रम में आए थे, हिजाब को लेकर बोले, नारे भी लगवाए
जयपुर में सोमवार सुबह बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल की छात्राओं ने सुभाष चौक थाने को घेर लिया। थाने के सामने जमकर नारेबाजी की और सड़क को जाम कर दिया। छात्राओं का आरोप है कि बाबा बालमुकुंद आचार्य उनके स्कूल आए थे। इस दौरान उन्होंने हिजाब को लेकर बोला। नारे भी लगाए गए थे। घटना की जानकारी मिलने पर एसीपी सुभाष चौक मौके पर पहुंचे। छात्राओं से बात की।
एसीपी सुभाष चौक डॉ. हेमंत जाखड़ ने बताया- गंगापोल गर्ल्स स्कूल की छात्राएं आज सुबह करीब 9 बजे सुभाष चौक थाने पर पहुंची। देखते ही देखते छात्राओं की संख्या बढ़ गई। पुलिस ने जब छात्राओं से कारण पूछा तो बताया कि विधायक बालमुकुंद आचार्य स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान पहुंचे थे। उन्होंने स्कूल में हमारे हिजाब को लेकर बातें कीं। यह हमें मंजूर नहीं है। शिक्षा के मंदिर में हिंदू-मुसलमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। छात्राओं के साथ-साथ उनके परिजन भी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे। कार्रवाई की मांग करने लगे। इस दौरान छात्राएं सुभाष चौक सर्किल के चारों तरफ सड़क पर बैठ गई थीं।
शाम 5 बजे आदर्श नगर विधायक रफीक खान और किशनपोल विधायक अमीन कागजी सभी छात्राओं को लेकर मौके से रवाना हो गए। दोनों की ओर से एक लिखित शिकायत सुभाष चौक थाने में दी गई है। जिस पर कार्रवाई को लेकर प्रशासन को दो दिन का समय दिया गया है।
जयपुर में सुभाष नगर थाने के बाहर बढ़ी संख्या में पहुंची छात्राएं।
स्कूल के एनुअल कार्यक्रम में गए थे बाबा
प्रदर्शन के दौरान छात्राओं ने बताया- स्कूल में एनुअल कार्यक्रम था। जहां बाबा को बुलाया गया था। बाबा ने जानबूझकर नारे लगवाए। उन्होंने कहा- हिजाब को स्कूल में अलाऊ नहीं करेंगे। यह गलत है।
स्कूल की बच्चियां सुभाष चौक सर्किल के चारों तरफ सड़क पर बैठ गई थीं।
ट्रैफिक डायवर्ट किया गया था
छात्राओं के प्रदर्शन के कारण आमेर की ओर से आने वाला रास्ता बंद हो गया था। वहां से आने वाले ट्रैफिक को ब्रह्मपुरी-रामगढ़ मोड़ की तरफ डायवर्ट कर दिया गया था। जयपुर से आमेर जाने वाले ट्रैफिक में परेशानी नहीं हो रही थी।
पोस्टर लेकर थाने के बाहर पहुंची थीं छात्राएं।
सदन में भी उठा था मुद्दा
कांग्रेस विधायक रफीक खान ने गंगापोल स्कूल में बीजेपी विधायक के हिजाब पर पाबंदी होने और बच्चों को हिजाब पहनकर नहीं आने की बात का जिक्र करते हुए सवाल उठाए थे। रफीक खान के स्थगन प्रस्ताव से अलावा मुद्दा उठाने पर बीजेपी विधायकों ने कड़ी आपत्ति की थी। इस पर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने स्थगन प्रस्ताव के विषय के अलावा बोली गई बातों को सदन की कार्यवाही से निकालने का आदेश दिया था।
बालमुकुंद आचार्य बोले- हमारे भी बच्चे कल को लहंगा-चुन्नी पहनकर आएंगे
पूरे मामले पर विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा- स्कूलों का एक ड्रेस कोड होता है। मेरे भाषण को देखा जा सकता है। मैंने स्कूल में बच्चियों को कुछ नहीं कहा। मैंने केवल स्कूल प्रिंसिपल से पूछा था कि क्या स्कूल में दो तरह का ड्रेस कोड है। जब गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम हो, वार्षिकोत्सव हो। क्या दो तरह की ड्रेस का प्रावधान है?
उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है। यह मानते ही नहीं है। मुझे स्कूल में दो तरह का माहौल नजर आया। एक हिजाब के साथ दूसरा बिना हिजाब के। ऐसे में हमारे भी बच्चे कल को लहंगा-चुन्नी पहनकर आएंगे, कलरफुल ड्रेस पहनकर आएंगे। जब स्कूल का ड्रेस कोड तय है, बच्चियों को इसमें आपत्ति भी नहीं है। केवल उन्हें गाइड करने की जरूरत है।
रोज कॉन्ट्रोवर्सी वाले बयान दे रहे
रफीक खान बोले- एक आदमी पहली बार विधायक बनता है। रोज कॉन्ट्रोवर्सी वाले बयान देता है, जिससे उसे सस्ती पब्लिसिटी मिल सके। गणतंत्र दिवस के दिन आप संविधान की धज्जियां उड़ाते हो। बच्चियों के खिलाफ गलत बात करतो हो। मैं प्रशासन से चाहता हूं की ऐसे आदमी को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। सरकार को न्याय की बात करनी चाहिए। मुख्यमंत्री से मेरी गुजारिश है। वह ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लें। मैने सदन में भी कार्रवाई की मांग की है।
विधायक अमीन कागजी ने कहा- एक बाबा विधायक बनते हैं। जय सिया राम से किसी तो तकलीफ नहीं है। बाबा ने स्कूल में जाकर कहा- बच्चियों ने नकाब क्यों पहन रखे हैं। क्या यह शादीशुदा है। उस बाबा को शर्म आनी चाहिए किसी बहन-बेटी के लिए एसी बात करते हैं।
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