बालमुकुंद आचार्य बोले- मुगलों को सिलेबस से हटाया जाए:कहा- इनसे परेशान होकर हिंदुओं ने रात में फेर लेना शुरू किया
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बाद अब हवामहल से विधायक बालमुकुंद आचार्य ने भी मुगलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि यह विदेशी आतंकवादी थे। जिन्होंने भारत में आकर जमकर लूट और हिंसा की वारदात को अंजाम दिया था। ऐसे में इन्हें महान बताना सरासर गलत है। इन लोगों की तो चर्चा तक नहीं होनी चाहिए। सिलेबस में इनको पढ़ाना तो बहुत दूर की बात है।
बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि अकबर नहीं महाराणा प्रताप और शिवाजी महान है। जिन्होंने मातृभूमि को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में कोई बाबर को, तो कोई अकबर को महान बता देता है। लेकिन इतिहास देखते हैं। तो पता चलता है कि इन्होंने भारत को लूटने के अलावा कोई और काम नहीं किया। इसलिए मैं चाहता हूं कि विदेशी आक्रांताओं (मुगलों) को स्कूलों के सिलेबस से हटा देना चाहिए।
क्यों कि जितने भी बाहरी राजा भारत में आए थे। उन्होंने हमारे देश को लूटने का काम किया है। इन लोगों की वजह से हमारे देश में कई परंपराओं में बदलाव किया गया। जिस भारत में सूर्य को साक्षी मानकर विवाह फेरे जैसे सभी आयोजन हुआ करते थे। लेकिन जब से भारत में मुगलों ने आक्रमण किया। उसके बाद से दिन में शादी और फेरे की रस्म होना बंद हो गई। क्योंकि तब मुगल बहन बेटियों को उठाकर ले जाते थे।
इसलिए उनसे छुपाकर रात में फेरे की रस्म शुरू की गई। मुगलों की वजह से हमें हमारे रीति रिवाज तक में बदलाव करना पड़ा। इसलिए मैं सोचता हूं कि इस तरह के लोगों की देश में चर्चा बिलकुल नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही देश में कही भी किसी भी जगह मुगलों की मूर्ति और इनके नाम से भी नहीं होना ही चाहिए।
बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि जब मैं दिल्ली जाता हूं, तो अकबर रोड का नाम सुनकर मुझे पीड़ा होती है। क्यों कि जिस अकबर ने हमारे देश पर आक्रमण किया। हमने उसी को याद कर सड़क का नामकरण कर दिया। मैं सोचता और चाहता हूं कि मुगलों के नाम से ना तो किसी सड़क और ना ही किसी शहर का नाम होना चाहिए। इसलिए मैं देश के और सभी राज्यों के शिक्षा मंत्री से भी यह निवेदन करता हूं। वह मुगलों को हटाकर हमारे देश के वीरों को सिलेबस में जोड़े। ताकि देश की युवा पीढ़ी हमारे देश का सही इतिहास जान सके।
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