बिहार कांग्रेस के 16 विधायक हैदराबाद पहुंचे:ऑपरेशन लोटस के डर से चार्टर्ड प्लेन से भेजा; 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट में होंगे शामिल
पटना

हैदराबाद पहुंचे बिहार कांग्रेस के विधायकों को बस में बैठाकर रिसॉर्ट ले जाया गया।
बिहार कांग्रेस ने अपने 19 में से 16 विधायकों को चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद भेज दिया है। ये विधायक शनिवार को पार्टी की बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे थे, यहीं से वे हैदराबाद रवाना हुए।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के साथ ये विधायक चार्टर्ड प्लेन से हैदराबाद के RGI एयरपोर्ट पहुंचे।
एयरपोर्ट से बाहर मीडिया से बातचीत में अखिलेश सिंह ने कहा कि सभी विधायक यहां के मुख्यमंत्री से मिलने आए हैं। इस दौरान कांग्रेस के एक विधायक ANI के रिपोर्टर को धक्का देकर आगे बढ़ गए।
दरअसल, बिहार में NDA की सरकार को 12 फरवरी से शुरू हो रहे सत्र में अपना बहुमत साबित करना है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने विधायकों को ऑपरेशन लोटस से बचाने के लिए हैदराबाद भेजा है।
कांग्रेस विधायकों को बिहार विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने पर बुलाया जाएगा।

हैदराबाद पहुंचे बिहार कांग्रेस के विधायक।
दलबदल से बचने के लिए 19 में से 13 को टूटना होगा
बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक हैं। इनमें से 12 विधायक खांटी कांग्रेसी हैं। दलबदल में विधायकी कायम रखते हुए 13 का टूटना जरूरी होगा। सामने लोकसभा का चुनाव है। एनडीए गठबंधन लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका देने के साथ ही मंत्री पद का लोभ भी कांग्रेस विधायकों को दे सकता है।
तेजस्वी यादव ने पहले ही कह दिया है कि खेला तो बिहार में अब शुरू होगा। दूसरी तरफ एनडीए घटक दल हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी एक और मंत्री पद की मांग कर चुके हैं। वे आगे कुछ भी फैसला ले सकते हैं। इसलिए एनडीए की नजर महागठबंधन की पार्टियों पर है।

शनिवार को दिल्ली में हुई बैठक में बिहार कांग्रेस के विधायक, एमएलसी और दूसरे नेता।
दिक्कत क्या-क्या है
- दलबदल कानून से बचते हुए अगर कांग्रेस के विधायक टूटते हैं तो बिहार कांग्रेस से 19 में से 13 विधायकों को एक साथ दूसरी पार्टी में जाना होगा। यह संख्या छोटी नहीं है।
- कांग्रेस में कोई ऐसा चहेता नहीं है जिसे मंत्री बना दिया जाए तो 12 विधायक उसके साथ चले जाएंगे। कांग्रेस तभी टूट सकती है जब सभी टूटने वाले 12 विधायकों को मंत्री पद या लोकसभा चुनाव का टिकट मिले! सड़क पर आकर विश्वास की राजनीति करने का जोखिम कौन उठाएगा।
- बिहार कांग्रेस में 19 में से 12 विधायक खांटी कांग्रेसी बैकग्राउंड से हैं। इनमें से 7 विधायक ही ऐसे हैं, जिनका दल बदलने का इतिहास रहा है।
ऑपरेशन लोटस का क्या है मतलब
2008 में ऑपरेशन लोटस शब्द पहली बार कर्नाटक में सियासी उठा-पटक के दौरान चर्चा में आया था। वैसे ऑपरेशन लोटस बीजेपी का कोई अभियान नहीं है, बल्कि विपक्ष जोड़-तोड़कर बनाने की बीजेपी की कवायद को ऑपरेशन लोटस कहा जाता है। बिहार में 12 फरवरी को एनडीए की सरकार बहुमत साबित करेगी, ऐसे में कांग्रेस को डर है कि उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश हो सकती है।

डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस में लोग डरे हुए हैं।
विधायक बंधुआ मजदूर नहीं- विजय सिन्हा
बिहार कांग्रेस में टूट के डर को लेकर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस में लोग डरे हुए हैं। उन्हें अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है। वो विधायकों का अपमान करते हैं। कांग्रेस को इस सोच से मुक्त होना चाहिए कि विधायक एक बंधुआ मजदूर है। विधायक जनता का फैसला लाते हैं और उन्हें अपना निर्णय स्वयं लेने में सक्षम होना चाहिए।
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