बीकानेर पुलिस ने ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वाले बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने पवनपुरी नागणेची स्कीम के मकान नंबर 24 में दबिश देकर 39 ऑक्सीजन सिलेंडर व चार जनों को दबोचा है।
दरअसल, तीन दिन पूर्व जिला पुलिस को ऑक्सीजन सिलेंडर का कालाबाजारी की सूचना मिली थी। एसपी प्रीति चंद्रा के आदेश पर एएसपी शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया के निर्देशन में रेमडेसिवर व ऑक्सीजन की कालाबाजारी रोकने हेतु काम कर रही जिला विशेष टीम ने रैकी शुरू की। आरपीएस धरम पूनिया मय टीम को रैकी में ऑक्सीजन की कालाबाजारी की पुष्टि हुई। इस पर टीम सदस्य हैड कांस्टेबल दीपक यादव व कांस्टेबल वासुदेव सिविल कपड़ों में मकान नंबर 24 पहुंचे। यहां मौजूद मुनीम सुनील कुमार पुत्र ओमप्रकाश ब्राह्मण से सिलेंडर हेतु मोलभाव किया गया। आरोपी ने अंतिम रूप से पैंतालीस हजार रूपए में सिलेंडर देने की बात की। यादव ने सौदा तय करते हुए आस पास खड़ी पुलिस टीम को इशारा कर दिया गया। इशारा मिलते ही सदर सीओ पवन भदौरिया, आरपीएस धरम पूनिया, जेएनवीसी थानाधिकारी अरविंद भारद्वाज, औषधि नियंत्रक चंद्रकांत शर्मा मय पुलिस व डीएसटी टीम ने मकान में दबिश दे दी। मौके से 17 छोटे व 22 बड़े सिलेंडर मिले। इनमें अधिकतर सिलेंडर खाली बताए जा रहे हैं। मौके से सादुल गंज निवासी 48 वर्षीय सुनील कुमार, रतनगढ़ निवासी 32 वर्षीय प्रभु दयाल पुत्र कृष्ण कुमार, नोसरिया रतनगढ़ निवासी 35 वर्षीय भीखमचंद पुत्र मदनलाल व बीकानेर निवासी 24 वर्षीय बलवीर सिंह पुत्र ओनाड़सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार यह मकान बीएल मेमोरियल ट्रस्ट ने किराए पर ले रखा था। जहां से ऑक्सीजन की कालाबाजारी का खेल चलाया जा रहा था। ट्रस्ट पीबीएम के कंपाउंडर भुवनेश शर्मा का बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक भुवनेश के पिता बनवारी लाल शर्मा की याद में यह ट्रस्ट बनाया गया है। हालांकि कागजों में भुवनेश का नाम ना होने की बात भी सामने आ रही है। बता दें कि भुवनेश लंबे समय से एंबुलेंस सेवा का संचालन करता है। सूत्रों के अनुसार कुछ समय पहले भुवनेश ने जयपुर में भर्ती कोविड मरीज़ का शव बीकानेर लाने के 16 हजार रूपए मांगे थे, बाद में कहीं ओर से 4500 रूपए में एंबुलेंस मिल गई।
पकड़े गए चारों बदमाशों में से भीखमचंद सीएमएचओ ऑफिस का संविदाकर्मी है। प्रभु दयाल तिलकनगर डिस्पेंसरी का संविदाकर्मी है। वहीं बलवीर सिंह एंबुलेंस ड्राईवर है।
पुलिस ने भुवनेश सहित चारों आरोपियों के खिलाफ 3/7 ईसी एक्ट, 420 भादंसं सहित महामारी एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार पुलिस भुवनेश को भी गिरफ्तार करेगी। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि ये सिलेंडर इनको मिलते कहां से थे। वहीं तिलकनगर डिस्पेंसरी व सीएमएचओ ऑफिस के संविदाकर्मी की इसमें कितनी व कहां से कहां तक भूमिका है। मामले की गहन जांच की गई तो इस रैकेट से जुड़े कई छोटे बड़े नाम उजागर हो सकते हैं। बताया जाता है कि भुवनेश की पीबीएम व चिकित्सा विभाग में हर तरह की सैटिंग है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकारी अधिग्रहण में आने वाली ऑक्सीजन ब्लैक मार्केट में कैसे आई इसका कोई जवाब नही मिल पाया है।
उल्लेखनीय है कि इस कार्रवाई में रेमडेसिवर व ऑक्सीजन की कालाबाजारी रोकने हेतु गठित आरपीएस धरम पूनिया मय जिला स्पेशल टीम की विशेष भूमिका रही। पुलिस सूत्रों के मुताबिक डीएसटी के सदस्यों को भी इस स्पेशल टीम में शामिल किया हुआ है।
कार्रवाई करने वाली टीम में सीओ पवन भदौरिया, आरपीएस धरम पूनिया, थानाधिकारी अरविंद भारद्वाज सहित एएसआई रामकरण सिंह, एएसआई ओमप्रकाश सिगड़, हैड कांस्टेबल कानदान सांधु, साइबर सैल हैड कांस्टेबल दीपक यादव, हैड कांस्टेबल अब्दुल सत्तार, हैड कांस्टेबल महावीर सिंह, कांस्टेबल वासुदेव, कांस्टेबल लखविंद्र, कांस्टेबल योगेन्द्र, कांस्टेबल पूनमचंद, कांस्टेबल दिलीप, कांस्टेबल कृष्ण कुमार, कांस्टेबल बुधराम व कांस्टेबल सवाई सिंह शामिल थे।
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