बीकानेर। बीकानेर का औद्योगिक विकास को लेकर व्यापारियों-उद्योगपतियों के उत्थान और हित के लिए हमेशा अग्रसर-तत्पर व्यापार उद्योग मंडल का शिष्टमण्डल गुरुवार को नए कलेक्टर भगवती प्रसाद से मिला और बीकानेरी परम्परा के तहत सम्मान-अभिनंदन किया। मंडल के संरक्षक कन्हैयालाल बोथरा ने बताया कि इस अवसर पर संरक्षक नरपत सेठिया, अध्यक्ष रघुराज सिंह राठौड़, सचिव दीपक पारीक, माईंस एसोसिएशन के जयचंदलाल डागा, अनाज मंडी के पूर्व अध्यक्ष मोहन सुराणा सहित अनेक मौजूद थे। सम्मान स्वरुप उन्हें गुलदस्ता देकर वेलकम करने के साथ-साथ ग्लेज्ड तस्वीर भेंट करते हुए शॉल ओढ़ाया व साफा पहनाया। बोथरा ने बताया कि बीते दिनों बीकानेर समिट के दौरान 15 हजार करोड़ रुपए एमओयू हस्ताक्षरित हुए उसमें प्रोग्रेस करने, नाल स्थित सिविल एयरपोर्ट पर कोटा की तर्ज पर बीकानेर को भी 58.18 हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराने की मांग की ताकि दिल्ली के साथ-साथ बेंगलूरु, मुम्बई, कोलकाता, गुवाहाटी जैसे महानगरों के लिए बीकानेर से हवाई सेवा शुरु हो सके। साथ ही जल्द ही ड्राईपोर्ट के लिए रेलवे द्वारा इनलेंट कंटेनर डिपो स्थापित जल्द से जल्द हो ताकि बीकानेर संभाग मुख्यालय देश के मानचित्र पर विशिष्ट पहचान बना सके। बोथरा ने कलेक्टर को दी जानकारी में बताया कि यहां से लगभग 35 हजार कंटेनर का आयात-निर्यात किया जाता है लेकिन ड्राईपोर्ट नहीं होने की वजह से कई दिक्कतें झेलनी पड़ती है। बोथरा ने कलेक्टर को बताया कि जैसलमेर के रामगढ़ इलाके से कोलायत तक गैस पाईप लाइन डॅवलप होने से सिरेमिक्स हब बनेगा बीकानेर। कलस्टर योजना के तहत कारपेर्ट बनना भी जल्द से जल्द बने ताकि यहां से रेवेन्यू मिलेगी। इसके अलावा बीकानेर के पश्चिम एरिया को मिलाकर टैक्स होलीडे लागू होने से बीकानेर का भाग्य बदल जाएगा। कलेक्टर ने मंडल के इस व्यापारियों-उद्योगपतियों के लिए महत्वपूर्ण ज्ञापन पर गौर करने का आश्वासन दिया और मंडल की इस अति महत्वपूर्ण मांग पर जल्द ही कार्रवाई कराने की बात कही। इस दौरान बोथरा ने दी कलेक्टर को ‘बीकानेर’ की जानकारी।बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के संरक्षक कन्हैयालाल बोथरा ने कलेक्टर भगवती प्रसाद को बताया कि बीकानेर के रसगुल्ला, पापड़, भुजिया विश्व विख्यात है साथ ही कृषि आधारित लकड़ी शिल्प एवं फर्नीचर के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऊनी कारपेर्ट भी विख्यात है। इसके अलावा बीकानेर एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडल के नाम से भी विख्यात है।
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