*बीकानेर थियेटर फेस्टिवल : रंगमंच का महाकुंभ अखिलेंद्र मिश्र की एकल प्रस्तुति- स्वामी विवेकानंद के पुनर्पाठ के साथ संपन्न*
बीकानेर । रंगमंच का पांच दिवसीय महाकुंभ ‘बीकानेर थियेटर फेस्टिवल’ (चंद्रकांता फेम क्रूर सिंह) अखिलेंद्र मिश्र द्वारा निर्देशित नाटक विवेकानंद का पुनर्पाठ के मंचन के साथ संपन्न हुआ। दर्शकों से खचाखच भरे रविंद्र रंगमंच में मिश्र की एकल प्रस्तुति को दर्शकों की बेहद वाहवाही मिली। मिश्र द्वारा संकलित, संपादित, लिखित और निर्देशित विवेकानंद का पुनर्पाठ में स्वामी विवेकानंद की जीवन यात्रा को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर विशेष बातचीत में अखिलेंद्र मिश्रा ने बीकानेर में इस आयोजन को साधुवाद देते हुए कहा कि आज के युवाओं को स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। उन्होंने नाटक को पंचम वेद बताते हुए कहा कि थिएटर को संजोने की आवश्यकता है तथा नाटक को भी मंत्रालय में अलग से शामिल किया जाने पर इस कला को संरक्षण मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यदि थिएटर युवाओं के लिए रोजगार का कारण बनता है तो थिएटर के लिए इससे अच्छी कोई बात हो ही नहीं सकती।
इससे पूर्व आयोजन समिति सदस्य हंसराज डागा ने बताया कि फेस्टिवल के सातवें संस्करण के तहत कुल 25 नाटक मंचित हुए। इनमें 15 शहरों के लगभग 500 रंगकर्मियों ने भाग लिया। शहर के छह रंगमंच इस समारोह के साक्षी बने।
पांच दिवसीय समारोह का अंतिम नाटक विवेकानंद का पुनर्पाठ रहा।
साथ ही इस दौरान खुला रंग संवाद भी आयोजित किया गया तथा अभिनय कार्यशालाएं भी सम्पन्न हुई। अंतिम दिन तक अनेक लोगों ने पुस्तक दीर्घा, कला प्रदर्शनी और फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन भी बड़ी संख्या में आमजन ने किया।
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