बीकानेर। औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने तथा निवेशकों को बेहतर वातावरण उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ‘इन्वेस्ट बीकानेर समिट’ बुधवार को होटल लक्ष्मी निवास में आयोजित हुआ।
जिला कलक्टर नमित मेहता ने दीप प्रज्वलन कर समिट का शुभारंभ किया ।
समिट के दौरान लगभग पंद्रह हजार करोड़ रुपये के 120 एमओयू और एलओआई किए गए जिससे लगभग 25 हजार लोगों के लिए रोजगार की राह खुल गई है। इस प्रकार की समिट से बीकानेर को औद्योगिक क्षेत्र में राष्ट्रीय फलक पर भी नवीन पहचान मिलेगी ।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने विशेष बातचीत में कहा कि सबमिट में जो निवेश हुआ है उसमें 10 हजार करोड़ के एमओयू है। जिला प्रशासन का यह प्रयास रहेगा कि यह सभी यहां पर मूर्त रूप लें, इनके उद्योग सेटअप हो तथा जल्द ही इनके प्रोजेक्ट खड़े हो जाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के यूनिट सेटअप से बीकानेर में रोजगार की संभावनाओं को पंख लगेंगे तथा इसी को दृष्टिगत रखते हुए आरएसएलडीसी के माध्यम से जो कोर्स करवाए जाते हैं अब निवेशित क्षेत्रों के कोर्स यहां के लोकल लोगों को करवाए जाएंगे ताकि उन्हें उस क्षेत्र विशेष में फायदा हो सके।
इस मौके पर कार्यक्रम में शिरकत करने आए पी एन शर्मा ,ज्वाइंट डायरेक्टर इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स ने कहा कि इस समिट का उद्देश्य जिले में निवेश करने के इच्छुक उद्यमियों को प्रेरित करना है कि वह मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग करें ताकि एक सकारात्मक परिणाम मिल सके। बीकानेर से 100 से ज्यादा एमओयू होने ,25000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर बनने तथा 13000 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव को, उन्होंने बीकानेर की प्रगति के लिए मील का पत्थर बताया।
जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा ने बताया कि इस निवेश से बीकानेर में रोजगार के नवीन आयाम जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार की इंडस्ट्रीज जैसे सौर ऊर्जा, एग्रो प्रोसेसिंग, एम्यूजमेंट पार्क, कारपेट वूलन यार्न, कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग, हार्डवेयर, हॉस्पिटलिटी, इन्क्यूबेशन सेंटर, मेडिकल, माइन्स एंड मिनरल, पल्स प्रोसेसिंग, रेडीमेड गारमेंट, टूयिरज्म, वेयर हाउस और वूलन के क्षेत्र में विशेष संभावनाएं देखने को मिलेंगी। निवेशकों के प्रस्ताव की मूर्तता हेतु जिला उद्योग केंद्र भी हैंडहोल्डिंग सपोर्ट प्रदान करवाएगा।
कार्यक्रम में शिरकत करने आए उद्यमी तथा वूलन एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल कल्ला ने कहा कि राजस्थान सरकार के इस तरह के प्रयास से माइक्रो लेवल पर उद्योगों में विकास का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इस दिशा में बीकानेर इको फ्रेंडली फाउंडेशन के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इसके एमओयू के माध्यम से उद्योगों से निस्तारित जल का शोधन कर उसका पुनः उपयोग किया जाएगा। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उद्यमी सामाजिक सरोकार के लिए भी विशेष रूप से प्रयास कर रहे हैं।
कार्यक्रम में आए खादी बोर्ड सचिव मूलचंद ने बताया कि बीकानेर में ऊनी खादी का सर्वाधिक उत्पादन होता है तथा यहां से प्राप्त ऊनी खादी का भारत ही नहीं विदेशों में भी एक्सपोर्ट किया जाता है तथा इस क्षेत्र में बीकानेर के लिए और असीमित औद्योगिक संभावनाएं हैं।
समिट के दौरान कोविड गाइडलाइन की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित की गई। कार्यक्रम के दौरान मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया तथा नॉर्म्स के अनुरूप बैठने की व्यवस्था की गई। साथ ही अधिक से अधिक लोगों को ऑनलाइन माध्यम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया। समिट का आयोजन प्रातः 11 से 12.30 तथा 12.30 से दो बजे तक दो पारियों में हुआ। इस दौरान जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा, रीको के रीजनल मैनेजर प्रवीण कुमार गुप्ता सहित अनेक अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान सौर ऊर्जा, एग्रो प्रोसेसिंग, एम्यूजमेंट पार्क, कारपेट वूलन यार्न, कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग, हार्डवेयर, हॉस्पिटलिटी, इन्क्यूबेशन सेंटर, मेडिकल, माइन्स एंड मिनरल, पल्स प्रोसेसिंग, रेडीमेड गारमेंट, टूयिरज्म, वेयर हाउस और वूलन उद्योग में निवेशकों का सर्वाधिक रुझान देखने को मिला। समिट के दौरान इन क्षेत्रों के अनेक एमओयू भी हुए।
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