बी.डी कल्ला और उनके भतीजे का नाम लेकर धमकाने की बात पर निगम आयुक्त पर जमकर बरसीं बीकानेर महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित
बीकानेर। बीकानेर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक आज आयोजित हुई।
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जिसका महापौर और सत्ताधारी भाजपा पार्षदों ने बहिष्कार किया। बैठक के पूर्व निगम आयुक्त गोपाल राम बिरदा द्वारा साधारण सभा की बैठक को लेकर पार्षदों को दी गई धमकी के कारण विवाद पैदा हो गया था। उसके बाद एक व्हाट्स एप चैट भी वायरल हुई जिसमे नगर निगम के एक कार्मिक के माध्यम से गोपाल राम बिरदा ने महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित को चेतवानी के साथ ब्लैकमेल करने का प्रयास किया । कथित रूप से आयुक्त ने निदेशक के नाम एक पत्र तैयार कर भिजवाया है जिसमें बैठक से पहले ही महापौर के बैठक में अनुपस्थित रहने और आयुक्त के आदेश निरस्त करने जैसे प्रकरणों का हवाला देते हुए महापौर द्वारा पदीय दायित्वों और कर्तव्यों में उदासीनता के साथ कामकाज में बाधा डालने जैसे आरोप लगाते हुए रिपोर्ट सरकार को भेजने की बात कही है।
इस संपूर्ण घटनाक्रम के बाद जब आज साधारण सभा की बैठक आयोजित हुई तो बैठक का
महापौर और सत्ताधारी भाजपा पार्षदों ने एकजुट होकर बहिष्कार किया।
बैठक के बाद नगर निगम महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। जिसमें पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आयुक्त महोदय द्वारा अपने पद का दुरुपयोग किया जा रहा है । बैठक को आहूत करने का अधिकार मूलतः उनका है जबकि आयुक्त महोदय ने अपने पद का गलत उपयोग करते हुए न केवल बैठक आहूत की बल्कि बैठक आयोजित होने से पूर्व ही उनके बैठक में उपस्थित नहीं होने का पत्र डायरेक्टर तक भिजवा दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम आयुक्त द्वारा उन्हें साफ शब्दों में यह यह कहा गया है कि वह उनके आदेशों के अनुपालना हेतु यहां नहीं है,वे केवल मंत्री जी के भतीजे के प्रसादपर्यंत इस पद पर कार्यरत हैं तथा उनके आदेशों के अनुपालना में ही सारे कार्य करेंगे।महापौर ने सीधे बीकानेर विधायक तथा मंत्री के भतीजे का नाम लेकर कहा कि यदि नगर निगम आयुक्त उनके आदेशों के अनुपालना में कार्य नहीं कर रहे हैं ,तो पूरे मामले को स्पष्ट करें।
मेयर सुशीला कँवर ने प्रेस वार्ता में आयुक्त पर आरोप लगाया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान में झूठे आँकड़े दिए जा रहे हैं,
आयुक्त ने 400 का 4 हज़ार पट्टे वितरण करने का दावा कर दिया है ,वस्तुस्थिति कुछ और है,
आयुक्त खुद कम्प्यूटर् में बैठकर एंट्री करते हैं।
प्रदेश की जनता को धोखे में रखा जा रहा है।
मेयर का दावा है कि 69 ए में महज़ 140 पट्टे जारी हुए जबकि आयुक्त 1 हज़ार का आँकड़ा सरकार के सामने रख रहे हैं,ऐसे ही फ़्री होल्ड, कच्ची बस्ती,स्टेट ग्रांट, भवन मानचित्र स्वीकृति सहित सभी के आँकड़ो में गड़बड़झाला हुआ है।
महापौर ने नगर निगम आयुक्त पर आरोप लगाते हुए कहा कि आयुक्त महोदय न्यायलय के आदेशों की अवहेलना करते हैं तथा अतिक्रमण तोड़ने संबंधी जो नियम बनाए गए हैं उनकी जगह मनमानी दिखाते हुए आमजन को परेशान करने का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ही आयुक्त के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गई तो भाजपा इस मुद्दे को राज्य स्तर तक लेकर आंदोलन करेगी।
उधर आज आयोजित बैठक में विपक्षी कांग्रेस में भी दो फाड़ दिखाई दिए।नेता प्रतिपक्ष चेतना चौधरी के साथ कुछ कांग्रेसियों ने आयुक्त से कहा
बैठक में गैर मौजूद रहने पर निलंबन की धमकी गलत है।
दूसरी ओर आयुक्त ने कहा जो पार्षद सदन में आ गया उसकी उपस्थिति मानी गयी जाएगी।आयुक्त ने इसे आज की बैठक के लिए ये व्यवस्था करार दिया । पार्षद नन्दलाल जावा ने सभा की अध्यक्षता की। जबकि सदन में हंगामें के बाद कांग्रेसी पार्षद भी सदन छोड़ कर चले गए।
भाजपा के सभी पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार किया। महापौर प्रत्याशी रहीं अंजना खत्री , जावेद परिहार ,शांतिलाल मोदी,नंदलाल जावा सुशील सुथार तथा 2-3 मनोनीत पार्षदों को छोड़कर बाकी सभी पक्ष और विपक्ष तथा निर्दलीय पार्षदों ने नेता प्रतिपक्ष चेतना चौधरी की अगुवाई में सदन का बहिष्कार किया। पार्षदों का विरोध देखकर कमिश्नर के चेहरे की हवाइयां उड़ गई ।

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