बूंदी। जिले के नीम का खेडा गांव में ऑपरेशन समानता के तहत जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव पारा चलाए जा रहे अभियान के दौरान कमजोर वर्ग के दूल्हे की बिंदोरी निकाली गई। उल्लेखनीय है कि कमजोर वर्गो अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति) के सशक्तिकरण और अधिकारों के संरक्षण हेतु विभिन्न प्रयास किए जाते रहें हैं, तथा अधिनियम लागू किए गए है, परन्तु आज भी कुछ स्थानों पर कमजोर वर्गों से जातिगत भेदभाव एवं सामाजिक कुरीतियां जारी है। यह भेदभाव जिले के कुछ गांवों में सामाजिक एवं वैवाहिक आयोजनों में देखने को मिलता है। जिनमे वैवाहिक आयोजनों के दौरान घोड़ी पर दलित दुल्हों को विवाह समारोह में बिन्दौरी रोकने, वर / वधू को घोड़ी पर नही बैठने देने, बारातियों से मारपीट करने एवं बैण्ड बाजा, डी. जे. आदि नहीं बजाने देने जैसी घटनायें होती हैं। इन घटनाओं की रोकथाम व सभी कमजोर वर्गों को अपने संवैधानिक अधिकार दिलाने को लेकर एक नवाचार किया गया तथा ” ऑपरेशन समानता ” के तहत चडी गांव थाना के पाटन क्षेत्र में 75 साल बाद पहली बार दलित दुल्हे को घोडी पर बैठा गांव में बिन्दौरी निकाली गई। जिसमें सर्वसमाज ने स्वागत किया। इसी के साथ पूरे जिले में ऐसे गांव चिन्हित किये गये। जहां आज तक भी कमजोर वर्गों के विवाह कार्यक्रम में दुल्हे दुल्हन की घोडी पर बैठा कर बिन्दौरी नहीं निकाली गई है। इसी क्रम में नीम का खेडा गांव में भी दिनांक मनोज पुत्र नन्दलाल बैरवा की शादी में दुल्हे की बिन्दौरी को घोड़े पर बैठ कर निकालने को लेकर समानता समिति गठित की गई व सदभाव व सोहार्दपूर्ण • माहौल में बिन्दौरी निकली गई जिसमें गांव के सभी लोग साथ रहे। इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक ने समानता समिति की बैठकों में प्रचलित कानून व संवैधानिक अधिकारों के बारे में बताने पर व समझाने पर ग्रामीणों ने भी इसका स्वागत किया। बून्दी पुलिस का हर तरह का जातिगत भेदभाव खत्म करने का सफल प्रयास कामयाब रहा। इस बिन्दौरी में जिला प्रमुख श्रीमति चन्द्रावती कंवर, जिला पुलिस अधीक्षक श्री सुनील कुमार यादव सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बून्दी (अपर जिला एंव सेशन न्यायाधीश), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री किशोरीलाल ने उपस्थित रह कर बिन्दौरी का स्वागत कर सामाजिक चेतना व बदलाव के साक्षी बने।
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