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भारत और यूएई सेना का ऑपरेशन ‘डेजर्ट साइक्लोन’:शहर में घुसे दुश्मनों से निपटने के लिए किया युद्धाभ्यास, हथियारों की तकनीक करेंगे साझा

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भारत और यूएई सेना का ऑपरेशन ‘डेजर्ट साइक्लोन’:शहर में घुसे दुश्मनों से निपटने के लिए किया युद्धाभ्यास, हथियारों की तकनीक करेंगे साझा

भारत और यूएई की सेनाओं ने राजस्थान में मंगलवार से संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इस दौरान दोनों देशों की सेना शहर में घुसे दुश्मनों से निपटने की नवीनतम तकनीक साझा करेगी। 15 जनवरी तक चलने वाले इस अभ्यास को ‘डेजर्ट साइक्लोन’ नाम दिया गया है।

भारतीय सेना के अतिरिक्त जन सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) की सूचना के अनुसार, ये अभ्यास महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हो रहा है। 14 दिन तक चलने वाले इस अभ्यास में दोनों देशों की सेना के सैनिक हिस्सा ले रहे हैं।

अपने-अपने देश के झंड़े के साथ दोनों देश की सेना।

अपने-अपने देश के झंड़े के साथ दोनों देश की सेना।

शहर में दुश्मन के घुसने पर कैसे करें खात्मा
हाल में इजराइल-हमास युद्ध को देखते हुए इस युद्धाभ्यास को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शहर में अगर दुश्मन घुस आए तो उससे किस तरह से निपटा जाए। आतंकी कहीं छिपे हैं तो उनसे किस तरह तकनीक का सहारा लेकर दुश्मनों को खत्म किया जाए।

आसमान से ही घरों में छिपे दुश्मन को नेस्तनाबूद करना, रणनीति व सिद्धांतों पर जानकारी साझा करना आदि कई तरह के शहरी ऑपरेशन ‘डेजर्ट साइक्लोन’ में किए जाएंगे। दोनों सेनाएं एक-दूसरे से अपना-अपना युद्ध कौशल साझा करेंगी।

पश्चिमी राजस्थान में भारत यूएई के अभ्यास के दौरान सेनाओं के जवान।

पश्चिमी राजस्थान में भारत यूएई के अभ्यास के दौरान सेनाओं के जवान।

दोनों सेना बढ़ाएगी अपनी क्षमता
भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के संयुक्त सैन्य अभ्यास को दोनों देशों के बीच काफी अहम माना जा रहा हैं। इस ‘डेजर्ट साइक्लोन’ में दोनों देशों की सेना शहरी ऑपरेशंस में अपनी क्षमताएं बढ़ाने के लिए एक-दूसरे के सबसे बेहतर तरीके शेयर करेंगे और सीखेंगे। एडीजीपीआई के अनुसार दोनों देशों के संबंध मित्रतापूर्ण हैं। एक-दूसरे से सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक संबंध भी साझा करते हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार रक्षा उपकरणों का प्रोडक्शन व डेवलपमेंट, सैन्य बलों का संयुक्त अभ्यास, नौसेना अभ्यास, रणनीति व सिद्धांतों पर जानकारी साझा करना और इंटरमीडिएट जेट ट्रेनर में तकनीकी सहयोग डिफेंस की फील्ड में द्विपक्षीय सहयोग के संभावित क्षेत्र होते हैं।

युद्धाभ्यास में भारतीय जवान बताएंगे कि किस तरह शहर में घुसे दुश्मनों से निपटा जा सकता है।

युद्धाभ्यास में भारतीय जवान बताएंगे कि किस तरह शहर में घुसे दुश्मनों से निपटा जा सकता है।

यूएई दल का प्रतिनिधित्व जायद फर्स्ट ब्रिगेड के सैनिकों की ओर से किया जा रहा है। 45 कर्मियों वाली भारतीय सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की एक बटालियन की ओर से किया जा रहा है। अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन’ भारत और यूएई के बीच दोस्ती और विश्वास को और मजबूत करने का प्रतीक है। इस अभ्यास का उद्देश्य साझा सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करना और दो मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना है।

इससे पहले भारत और रूस के जवानों के बीच भी महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास हो चुका है।

इससे पहले भारत और रूस के जवानों के बीच भी महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास हो चुका है।

2008 में हुआ था पहला संयुक्त युद्धाभ्यास
बीते कुछ सालों में भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग खासा मजबूत हुआ है। रेगुलर एक्सचेंज प्रोग्राम के अलावा डिफेंस ट्रेनिंग और डिफेंस इन्वेंटरी की सप्लाई के मामले में दोनों देशों के संबंध काफी बेहतर हुए हैं।

भारत और यूएई के बीच पहला संयुक्त एयर फोर्स अभ्यास सितंबर 2008 में अबुधाबी के अल-धफरा बेस पर हुआ था। इसके साथ ही अबुधाबी में होने वाली द्वि-वर्षीय इंटरनेशनल डिफेंस ऐग्जीबिशन (IDEX) में भारत हिस्सा लेता आ रहा है। दोनों देशों की नौ सेना भी नियमित तौर पर गतिविधियों में शामिल रही हैं।

दोनों देशों के सैन्य जवानों ने मंगलवार को एक्सरसाइज के लोगों के साथ फोटो लिया।

दोनों देशों के सैन्य जवानों ने मंगलवार को एक्सरसाइज के लोगों के साथ फोटो लिया।

1972 में शुरू हुए थे राजनयिक संबंध
दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक संबंधों की शुरुआत साल 1972 में हुई थी। यूएई ने 1972 में दिल्ली में अपना दूतावास शुरू किया था। वहीं, भारत ने अबुधाबी में साल 1973 में अपना दूतावास खोला था। द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध भी बीते दिनों में काफी मजबूत हुए हैं। इसे देखते हुए इस अभ्यास को काफी अहम माना जा रहा है।

भारत और ओमान के बीच हुए संयुक्त युद्धाभ्यास में भी दोनों देशों ने अपने नवीनतम हथियारों की तकनीक साझा की थी।

भारत और ओमान के बीच हुए संयुक्त युद्धाभ्यास में भी दोनों देशों ने अपने नवीनतम हथियारों की तकनीक साझा की थी।

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