भारत-पाक सरहद पर बनेगा आर्मी का एविएशन बेस:पोकरण-किशनगढ़ के बाद अब शाहगढ़ में भी होगा युद्धाभ्यास; हथियारों से लैस हेलिकॉप्टर होंगे तैनात
जैसलमेर
राजस्थान से लगती भारत-पाकिस्तान सीमा पर जैसलमेर में एक नई आर्मी रेंज बनेगी। यही नहीं, जैसलमेर में ही आर्मी का कंपोजिट एविएशन बेस भी बनाया जाएगा। बुधवार को हुई राज्य सरकार की कैबिनेट मीटिंग में इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए जमीन आवंटन को मंजूरी मिल चुकी है।
सम तहसील के शाहगढ़ क्षेत्र में आर्मी की मैन्युअल रेंज के लिए 7872 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है। इसे गांव शाहगढ़, गेराजा और अडकिया में बनाया जाएगा। यहां युद्धाभ्यास किया जाएगा। वहीं, रामगढ़ में नेतसी गांव में आर्मी को कंपोजिट एविएशन बेस बनाने के लिए 880 बीघा जमीन आवंटित की है। आर्मी इन जमीन का पैसा चुकाएगी।
भारत-पाक सरहद पर तैनात सीमा सुरक्षा बल का जवान।
दरअसल, जैसलमेर जिले में आर्मी, एयरफोर्स और बीएसएफ पूरी तरह से सक्रिय है। सेना के जवान समय-समय पर अपने युद्ध कौशल को परखने के लिए अभ्यास भी करते हैं। आर्मी और एयरफोर्स की सबसे बड़ी फायरिंग रेंज पोकरण (जैसलमेर) में स्थित है। जहां बड़े-बड़े युद्धाभ्यास होते हैं। हथियारों की टेस्टिंग भी होती है।
जानकारों के अनुसार शाहगढ़ क्षेत्र में मैन्युअल रेंज के लिए आर्मी की ओर से लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे।
भारत में निर्मित ध्रुव हेलिकॉप्टर।
हेलिकॉप्टर यूनिट के लिए बनेगा कंपोजिट एविएशन बेस
जानकारी के अनुसार, आर्मी ने रामगढ़ के नेतसी गांव में कंपोजिट एविएशन बेस अपनी हेलिकॉप्टर यूनिट के लिए लिया है, ताकि यहां पर आर्मी के हेलिकॉप्टर तैनात किए जा सकें। युद्धाभ्यास और ट्रेनिंग के दौरान यहां से उड़ान भी भर सकें। अब आर्मी का एविएशन बेस बनने से सरहद पर भारत का पहरा ज्यादा मजबूत हो जाएगा। जब भी सरहद पर आपात स्थिति को देखा जाएगा, हेलिकॉप्टर की मदद से तुरंत स्थिति पर काबू पाया जा सकेगा।
सेना के कंपोजिट एविएशन बेस में ध्रुव, प्रचंड जैसे हेलिकॉप्टर तैनात करने की संभावना है।
मॉडर्न सेंसर और हथियारों से लैस हैं हेलिकॉप्टर
जानकारी के अनुसार, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) अब तक 300 से ज्यादा विमान बना चुकी है, जिनमें हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं। सेना की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे एमके III हेलिकॉप्टर वैरिएंट, एचएएल ध्रुव, एचएएल लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर प्रचंड आदि प्रमुख हैं। सभी हेलिकॉप्टर मॉडर्न सेंसर और हथियारों से लैस हैं। सेना के नए कंपोजिट एविएशन बेस में इन हेलिकॉप्टर को तैनात किए जाने की संभावना है।
सम तहसील में मैन्युअल रेंज को बनाया जाएगा।
युद्धाभ्यास से थर्राएगा ‘दुश्मन’
सम तहसील में बनने वाली आर्मी रेंज में जवान अपने युद्ध कौशल को परखेंगे। इसके साथ ही छोटे हथियारों की मारक क्षमता भी परखी जाएगी।
अभी किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेज और पोकरण फायरिंग रेंज में आर्मी, एयरफोर्स और बीएसएफ समय-समय पर युद्धाभ्यास करते हैं। पोकरण फायरिंग रेंज में हथियारों, टैंकों और गोला-बारूद का परीक्षण होता है। एयरफोर्स के बड़े युद्धाभ्यास भी यहां हो चुके हैं।
भारतीय सेना समय-समय पर अपने हथियारों को अपग्रेड करने के साथ नए हथियार भी खरीदती है, उनके परीक्षण के लिए जैसलमेर सबसे बेहतर जगह है।
जैसलमेर में अभी पोकरण और किशनगढ़ में युद्धाभ्यास होते हैं।
Add Comment