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मजदूरों के बाहर आने में बस कुछ घंटों का इंतजार, युद्धस्तर पर जारी ऑपरेशन… ‘मिशन उत्तरकाशी’ से जुड़े सारे अपडेट्स

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मजदूरों के बाहर आने में बस कुछ घंटों का इंतजार, युद्धस्तर पर जारी ऑपरेशन… ‘मिशन उत्तरकाशी’ से जुड़े सारे अपडेट्स

Uttarkashi Tunnel Rescue Latest Updates: सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को महज कुछ घंटों के भीतर ही बाहर निकाला जा सकता है। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम तेजी से जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार 45 मीटर तक पाइप को अंदर पुश करने का काम पूरा हो गया है। मौके पर स्ट्रेचर पहुंच चुके हैं।

उत्तरकाशी/देहरादून: उत्तराखंड के सिलक्यारा में सुरंग (Uttarakhand Tunnel Update) हादसे में फंसे मजदूरों को बाहर निकलने का काउंटडउन शुरू हो गया है। उत्तरकाशी में दुर्घटनास्थल पर युद्धस्तर पर काम जारी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार अंदर फंसे 41 मजदूरों को महज कुछ घंटों के भीतर ही बाहर निकाला जा सकता है। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम तेजी से जारी है। ताजा जानकारी के अनुसार 45 मीटर तक पाइप को अंदर पुश करने का काम पूरा हो गया है। मौके पर स्ट्रेचर के साथ ही एम्बुलेंस भी पहुंच चुके हैं। बचाव ऑपरेशन से जुड़ी अभी तक की टॉप अपडेट्स…

प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने बताया कि ऑगर मशीन से फिर से ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 39 मीटर से अतिरिक्त 6 मीटर, इस प्रकार कुल 45 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा आने वाला समय और अधिक महत्वपूर्ण है। अगले फेज की ड्रिलिंग शुरू कर ली गई है।


ताजा अपडेट के अनुसार 45 मीटर तक पाइप को पुश करने में सहायता मिल चुकी है। करीब 12 मीटर ड्रिलिंग का कार्य किया जाना है। पाइपलाइन डालने के बाद इसकी सफाई का कार्य किया जाएगा। इसके बाद फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का कार्य शुरू होगा।

पाइपलाइन से श्रमिकों के बाहर निकालने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। इसके लिए सभी प्रकार की सुविधाओं से लैस 41 एंबुलेंस को सिलक्यारा टनल के पास खड़ा किया गया है। स्ट्रेचर भी मौके पर पहुंच गए हैं।

महामशीन और ऑस्ट्रेलियाई ‘अक्षय कुमार’… रानीगंज नहीं, यह सुरंग से मजदूरों को बचाने का ‘मिशन उत्तरकाशी’ है

  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganjउत्तरकाशी के पास निर्माणाधीन सुरंग के धंसने से 41 मजदूर फंसे हुए हैं। बचाव अभियान जारी है।
  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganjमजदूरों को बचाने के लिए हाई पॉवर की ड्रिलिंग मशीन को उत्तरकाशी पहुंचाया गया है।
  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganjरेस्क्यू अभियान में सहयोग करने के भारत सरकार के आग्रह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के टनल विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुंच गए।

  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganjप्रफेसर अर्नोल्ड डिक्स एक बैरिस्टर और वैज्ञानिक हैं, जिन्हें अंडरग्राउंड में विशेषज्ञता हासिल है। वह ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं। काउंसिल व्हाइट एंड केस और इंटरनैशनल ट्यूनलिंग ऐंड अंडरग्राउंड स्पेस असोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganjसुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू करने के लिए तैयारियां चल रही हैं और मजदूरों को जल्द बाहर निकालने के लिए हरसंभव तरीका अपनाया जा रहा है।

  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganj​निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा पिछले रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे ढह गया था। तब से श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं।​
  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganjयह पूरी घटना बॉलिवुड की हाल में रिलीज हुई फिल्म मिशन रानीगंज से मिलता जुलता है। अक्षय कुमार स्टारर इस फिल्म में भी कोयला खदान में फंसे मजदूरों को निकालने से जुड़ी असली घटना को दर्शाया गया है।
  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganjअर्नोल्ड को अंडरग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिल्डिंग्स और ट्रांसपोर्ट रिस्क के शानदार और स्वतंत्र विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने मजदूरों को निकालने का वादा किया है।
  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganjडिक्स ने अपना काम शुरू करने से पहले सुरंग के बाहर स्थित मंदिर के सामने हाथ जोड़े। परियोजना के शुरू होने से पहले सुरंग के मुंह के पास एक छोटा-सा मंदिर बनाया गया था। स्थानीय मान्यताओं को सम्मान देते हुए अधिकारी और मजदूर पूजा करने के बाद ही अंदर दाखिल होते थे। लेकिन दिवाली से कुछ दिन पहले निर्माण कंपनी प्रबंधन ने मंदिर को वहां से हटवा दिया।
  • uttarakhand-silkyara-tunnel-labour-rescue-drilling-machine-arnold-dix-mission-raniganjटनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं। उन्हें ऑक्सिजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एक्सपर्ट्स की राय लेकर एजेंसियां काम कर रही हैं।

दरअसल, सिलक्यारा 11 सुरंग में फंसे श्रमिकों को अब 800 मिलीमीटर के पाइप से बाहर निकाले जाने की तैयारी है। कल देर रात में 12 बजे तक 800 मिलीमीटर का 22 मीटर पुशअप करके 900 एमएम पाइप के अंदर पूरा पहुंचा दिया गया था। यह अभियान लगातार जारी है।


टनल हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में आगे 45 मीटर तक की दूरी सबसे अहम रहने की बात कही जा रही थी।। इसी बीच सबसे अधिक दिक्कत आने की उम्मीद की जा रही थी। हालांकि, रेस्क्यू मिशन टीम अब तक मिले परिणामों से उत्साहित है।

दूसरी तरफ बारकोट की तरफ से भी ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। 6 इंच पाइप से सुरंग में फंसे मजदूरों को नाश्ता भेजा गया। रेस्क्यू कर रही टीम ने मजदूरों से बात की और उनका हाल जाना। इस बीच वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए एक और बोरिंग मशीन सिलक्यारा पहुंची चुकी है।

यमुनोत्री हाइवे पर सिलक्यारा टनल तक बड़े वाहनों और मशीनों को तेजी से पहुंचने के लिए सड़क निर्माण कार्य को पूरा करा लिया गया है। इसमें बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की सहायता ली गई है।


ऑगर मशीन ने मंगलवार को क्षैतिज ड्रिलिंग फिर से शुरू की है। वह दो से ढाई दिनों में मलबे को साफ कर सकती है। लेकिन, अगर यह किसी कठोर चट्टान या अन्य बाधाओं से टकराता है, तो इसमें अधिक समय लगेगा।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने कहा कि उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए स्क्रैपिंग विधि से लेकर होरिजेंटल और वर्टिकल ड्रिलिंग तक कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इसमें वर्टिकल ड्रिलिंग सबसे चुनौतीपूर्ण है।

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