बीकानेर, 25 जून। राजस्थान ललित कला अकादमी और कला संस्कृति विभाग की ओर से राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्था (आईएएसई) में चल रहे ग्रीष्म कालीन प्रशिक्षण मथेरन कला में मंगलवार को बच्चों ने मथेरी कला में भगवान विष्णु के चौबीस अवतारों को अलग अलग सरफेश पर चित्रित किया। पंद्रह दिवसीय शिविर में मथेरी कला के प्रशिक्षक मूलचंद महात्मा, समन्वयक मोना सरदार डूडी, संयोजक कमल जोशी और सह संयोजक सुनील दत्त रंगा ने बीकानेरी बादल के साथ भगवान विष्णु के 24 अवतारों को पेपर प्लेट, मिट्टी की हांडी और पंखियों पर अलग-अलग अंदाज से चित्रित किया। नए पटल आधुनिक सरफेस के साथ मथेरी कला का नया रूपांतरण शिविर में देखने को मिला।
ललित कला अकादमी के सचिव और चित्रकार डॉ. रजनीश हर्ष ने बताया कि इस प्रकार के प्रयोग से बीकानेर की इस लुप्त हो रही कला को एक नया आयाम मिलेगा। इससे हमारी संस्कृति और धरोहर से आने वाली पीढ़ी भी अवगत होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम राजस्थान के कई जिलों में भी चल रहे हैं। इसका उद्देश्य राजस्थान की पौराणिक और लुप्त हो रही कला और कलाकारों को बढ़ावा देना है, जिससे ये कलाएं पुनः अपना पौराणिक स्वरूप बरकरार रख सके। इस प्रशिक्षण कर्यक्रम के दौरान इस लुप्त कला को अलग अलग परिवेश में बनाकर एक नवजीवन दिया जाएगा और बाजार में इसको नए रूप में उतारा जाएगा। इससे आम आदमी का ध्यान इस ओर आकर्षित हो। साथ ही कला और कलाकारों को बढ़ावा मिल सके।
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