माइक्रोसॉफ्ट ने 30 साल बाद कीबोर्ड में बदलाव किया:AI चैटबॉट कोपायलट के लिए अलग बटन दिया, इसे ऑल्ट-की के बगल में रखा
टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने करीब 30 साल बाद लैपटॉप और पीसी के की-बोर्ड में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अपने AI चैटबॉट को-पायलट को सीधे की-बोर्ड बटन से लॉन्च करने के लिए नया बटन की-बोर्ड में जोड़ दिया है। इससे वह यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना चाहती है।
माइक्रोसॉफ्ट ने ‘को-पायलट की’ को ‘विंडोज की’ को रिप्लेस कर इंट्रोड्यज किया है। इसे अधिकांश की-बोर्ड पर दाहिनी ओर ‘ऑल्ट की’ के बगल में रखा जाएगा, जिसका प्लेसमेंट OEM और विभिन्न बाजारों में अलग-अलग होगा। नए बटन पर को-पायलट का लोगो लगा है।
फिलहाल यह माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज 11 ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कुछ चुनिंदा पर्सनल कम्प्यूटरों में मिलेगी। माइक्रोसॉफ्ट ने 1994 में विंडोज/स्टार्ट-की को इंट्रोड्यूस किया था। इसके बाद यह पहला मौका है, जब कंपनी की-बोर्ड लेआउट में कोई मॉडिफिकेशन करने जा रही है।
नई को-पायलट key विंडोज की-बोर्ड पर दाहिनी ओर की alt key के बगल में है। इमेज: माइक्रोसॉफ्ट
अभी इस तरह का लेआउट की-बोर्ड में मिलता है। alt key के बगल में विंडोज key मिलती है, जिससे स्टार्ट मेन्यू खुलता है।
को-पायलट उपलब्ध नहीं तो इस key से विंडोज सर्च लॉन्च होगा
यदि आपके देश में अभी तक विंडोज को-पायलट उपलब्ध नहीं है, तो ‘को-पायलट की’ इसके बजाय विंडोज सर्च लॉन्च करेगी। मौजूदा विंडोज key से स्टार्ट मेन्यू खुलता है या इसके साथ अन्य बटन दबाने पर कुछ दूसरे फंग्शन के शॉर्टकट बनाए जा सकते हैं।
CES टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस में इंट्रोड्यूस होगी नई ‘key’
रिपोर्ट्स के मुताबिक विंडोज 11 के की-बोर्ड में इस नए को-पायलट बटन को CES टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस में इंट्रोड्यूस किया जाएगा। माइक्रोसॉफ्ट इसके लिए चैट-जीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपन-एआई के साथ भी काम करेगी।
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माइक्रोसॉफ्ट ने एंड्रॉयड यूजर्स के लिए AI ऐप लॉन्च किया: GPT-4 मॉडल का भी फ्री एक्सेस मिलेगा, चैटबॉट अभी तक बिंग सर्च इंजन का पार्ट था
माइक्रोसॉफ्ट ने एंड्रॉयड यूजर्स के लिए नया को-पायलट ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप के जरिए यूजर अपने AI चैटबॉट को एक नई सर्विस के रूप में इस्तेमाल कर पाएंगे। यह ऐप सर्च इंजन बिंग से अलग है और पूरी तरह से माइक्रोसॉफ्ट के AI टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है।
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