मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण के किस्से:वसुंधरा ने शुरू किया जनता के सामने शपथ का ट्रेंड, पायलट ने खाई कसम, मोदी ने लगाया गहलोत को गले
जयपुर
भजनलाल शर्मा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही बीजेपी में लीडरशिप के लेवल पर पीढ़ी का बदलाव हो गया है।
राजस्थान में जनसंघ-बीजेपी के 46 साल के इतिहास में भजनलाल तीसरे सीएम चेहरे हैं। 46 साल में भैरोसिंह शेखावत और वसुंधरा राजे बीजेपी सीएम के दो चेहरे रहे।
भैरोंसिंह शेखावत के बाद वसुंधरा राजे 20 साल पार्टी का सीएम चेहरा रहीं। वसुंधरा राजे के बाद अब भजनलाल तीसरे सीएम चेहरे हैं। भजनलाल से पहले बीजेपी के दोनों मुख्यमंत्री बड़े नेता रहे हैं।
राजस्थान में शपथ ग्रहण हमेशा से खास रहा है। कई घटनाएं हुईं, जो ऐतिहासिक थीं। पढ़िए शपथ ग्रहण से जुड़े ऐसे ही रोचक किस्से…
शुक्रवार को अल्बर्ट हॉल पर हुए समारोह में भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री और दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
गहलोत-वसुंधरा हर बार एक दूसरे के शपथ ग्रहण में गए
नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में निवर्तमान मुख्यमंत्री जाते रहे हैं। राजस्थान में इसकी पुरानी परंपरा रही है। पहले भैरोंसिंह शेखावत कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण में जाते थे।
1998 में अशोक गहलोत पहली बार सीएम बने, तब भी भैरोसिंह शेखावत शपथ समारोह में गए थे। साल 2003 में जब वसुंधरा राजे पहल बार सीएम बनीं तब अशोक गहलोत उनके शपथ ग्रहण में गए।
2008 में वसुंधरा सरकार चली गई और अशोक गहलोत सीएम बने, तब वसुंधरा राजे उनके शपथ ग्रहण में गईं थी। 2013 में वसुंधरा राजे दूसरी बार सीएम बनीं तब गहलोत ने भी ये परंपरा निभाई।
इसी तरह 2018 में अल्बर्ट हॉल पर अशोक गहलोत, सचिन पायलट के शपथ ग्रहण समारोह में वसुंधरा राजे का नेताओं से मिलना चर्चा का विषय बना था।
2003 से लेकर 2018 तक हर बार वसुंधरा और गहलोत एक दूसरे के शपथ ग्रहण समारोह में गए और शुभकामनाएं दी।
2013 में वसुंधरा के शपथ ग्रहण में मोदी ने गहलोत को लगाया गले
दिसंबर 2013 को वसुंधरा राजे ने दूसरी बार राजस्थान की सीएम की शपथ ली। विधानसभा के बाहर जनपथ पर शपथ ग्रहण समारोह था।
उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। समारोह में लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, वैंकया नायडू, एमपी के तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ सीएम रमन सिंह, पंजाब के तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल सहित बीजेपी के वरिष्ठ नेता मंच पर थे।
अशोक गहलोत शपथ ग्रहण समारोह में आए, तब उन्होंने सभी नेताओं से गर्मजोशी से मुलाकात की। नरेंद्र मोदी उस वक्त राजनाथ सिंह और लालकृष्ण आडवाणी के पास बैठे थे।
अशोक गहलोत जैसे ही नरेंद्र मोदी के पास पहुंचे, मोदी ने गहलोत को गले लगाकर गर्मजोशी से स्वागत किया।
मोदी ने जिस गर्मजोशी से गहलोत को गले लगाया, उस सीन की अब भी कई बार सियासी हलकों में चर्चाएं होती रहती हैं।
2018 में एयरपोर्ट से बस में अल्बर्ट हॉल पहुंचे कांग्रेसी
17 दिसंबर 2018 को अल्बर्ट हॉल के सामने अशोक गहलोत और सचिन पायलट का शपथ ग्रहण समारोह था। इसमें राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, शरद पंवार सहित यूपीए गठबंधन के वरिष्ठ नेता और गैर बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। राहुल गांधी सहित सभी नेता एयरपोर्ट से एक ही बस में सवार होकर शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे।
2018 में हुए गहलोत और पायलट के शपथ ग्रहण समारोह के लिए राहुल गांधी और मनमोहन सिंह समेत कई बड़े कांग्रेसी नेता एयरपोर्ट से बस से अल्बर्ट हॉल पहुंचे थे।
पायलट की साफा बांधने की कसम
चुनावों में कांग्रेस की हार में सचिन पायलट ने कसम ली थी कि जब तक कांग्रेस सत्ता में वापसी नहीं करेगी, वे साफा नहीं पहनेंगे। 2018 में चुनाव प्रचार के दौरान भी कोई उन्हें साफा भेंट करता था तो वे उसे माथे से लगाकर रख लेते थे।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की और पायलट का प्रण पूरा हो गया। अल्बर्ट हॉल में जब उन्होंने शपथ ली तो राजस्थानी साफा बांध रखा था।
2018 में सचिन पायलट ने साफा बांधकर शपथ ली और अपना प्रण पूरा किया।
गहलोत,पायलट ने गर्मजोशी से किया था वसुंधरा राजे का स्वागत
गहलोत पायलट के शपथ ग्रहण समारोह में वसंधरा राजे शामिल हुई थी। गहलोत और पायलट ने हाथ मिलाकर गर्मजोशी से वसुंधरा राजे का स्वागत किया था। मंच पर वसुंधरा राजे ने सभी नेताओं से गर्मजोशी से मुलाकात की और कई नेताओं से वे चर्चा करती भी दिखीं थीं।
2018 के शपथ ग्रहण में गहलोत-पायलट समेत सभी कांग्रेसी नेताओं ने गर्मजोशी के साथ वसुंधरा राजे का स्वागत किया।
वसुंधरा राजे ने शुरू किया था राजभवन के बाहर शपथ का ट्रेंड
वसुंधरा राजे से पहले सार्वजनिक रूप से शपथ ग्रहण समारोह को सभा का रूप देने का ट्रेंड नहीं था। पहले राजभवन में ही सीएम शपथ लेते रहे हैं।
वसुंधरा राजे जब दिसंबर 2003 में पहली बार सीएम बनी, तब उन्होंने विधानसभा के सामने जनपथ पर बड़ी सभा करके शपथ ली थी। शपथ समारोह में देश भर के बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे।
2008 में अशोक गहलोत दूसरी बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने इस ट्रेंड को नहीं अपनाया। गहलोत ने राजभवन में ही शपथ ली थी। हालांकि 2018 में गहलोत जब तीसरी बार सीएम बने तो अल्बर्ट हॉल के बाहर खुले में शपथ समारोह रखा। वसुंधरा राजे ने 2003 और 2013 में जनपथ पर ही शपथ समारोह रखा।
वसुंधरा राजे राजस्थान की पहली सीएम थीं, जिन्होंने राजभवन के बाहर शपथ लेने का ट्रेंड शुरू किया।
हाईकोर्ट की रोक के बाद अब जनपथ पर सभा नहीं हो सकती
अल्बर्ट हॉल से लेकर विधानसभा तक जनपथ पर अब सभा समारोह या विरोध प्रदर्शन पर हाईकोर्ट की रोक है। हाईकोर्ट की रोक के कारण ही अब अल्बर्ट हॉल पर शपथ ग्रहण समारोह रखा गया।
गहलोत-वसुंधरा शपथ ग्रहण में तो गए लेकिन मुलाकात करने एक दूसरे के घर नहीं गए
वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत एक दूसरे के शपथ ग्रहण समारोहों में तो आते जाते रहे, लेकिन कभी भी व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात करने एक दूसरे के घर नहीं गए। बीमारी हो या जन्मदिन का मौका, सोशल मीडिया पर ही हालचाल जानने और बधाई तक सीमित रहे। गहलोत ने कई बार सार्वजनिक रूप से इस पर बयान भी दिए कि वसुंधरा राजे के सलाहकारों की वजह से सीएम-पूर्व सीएम के बीच कभी बैठकर आइडिया एक्सचेंज का मौका नहीं मिला, इससे प्रदेश को फायदा होता।
25 साल में पहला मौका था, जब सीएम का शपथ ग्रहण था और वसुंधरा-गहलोत दोनों ही बतौर पूर्व सीएम अतिथियों में शामिल थे। गहलोत-वसुंधरा और शेखावत आपस में हंसी-मजाक करते दिखे।
भैरोसिंह शेखावत तक थी परंपरा लेकिन बाद में टूटी
राजस्थान में पुराने सीएम और पूर्व सीएम आपस में एक दूसरे के घर जाकर मिलते रहते थे। भैरोसिंह शेखावत चाहे सत्ता में रहे या विपक्ष में उनके विपक्ष के नेताओं के साथ बहुत अच्छे रिश्ते रहे। अशोक गहलोत जब 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बने तो वे भी शेखावत से मिलने उनके बंगले पर गए। बाद में भी मेल मुलाकात होती रहती थी। 2003 में वसुंधरा राजे के सीएम बनने के बाद सीएम-पूर्व सीएम के एक दूसरे के घर आने जाने का सिलसिला टूट गया।
फोटो 7 सितंबर 2002 का है। उस समय भैंरोसिंह शेखावत उपराष्ट्रपति और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे।
दूसरे राज्यों में नए सीएम और पूर्व सीएम में मेल-मुलाकातों की परंपरा
राजस्थान के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री एक दूसरे के घरों पर जाकर मिलते रहते हैं। नए सीएम से पूर्व सीएम शिष्टाचार मुलाकात करके बधाई देते हैं। हाल ही मध्यप्रदेश के निवर्तमान सीएम शिवराज सिंह से पूर्व सीएम कमलनाथ ने उनके बंगले पर जाकर मुलाकात की। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव की मुलाकात भी होती रहती है। योगी आदित्यनाथ मुलायम सिंह यादव का हालचाल पूछने भी गए थे।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2021 में सपा नेता मुलायम सिंह यादव के घर जाकर उनसे मुलाकात की थी।
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