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ये मुलाकात इक बहाना है ……;आखिर क्या है जयपुर में भाटी राजे की मुलाकात के  सियासी मायने

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*ये मुलाकात इक बहाना है ……*

*आखिर क्या है जयपुर में भाटी राजे की मुलाकात के  सियासी मायने

*REPORT BY DR MUDITA POPLI*

बीकानेर । राज्यसभा के लिए राजस्थान की सीटों के परिणाम भाजपा के लिए उतने अनुकूल नहीं रहे जैसा सोचा गया था । परिणाम के ठीक बाद  पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी की जयपुर में हुई मुलाकात ने प्रदेश की राजनीति में रुचि रखने वालों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए है । भाटी ने जहां इसे शिष्टाचार भेंट बताया वहीं  राजे ने इस मुलाकात पर चुप्पी रख एक तरह से भाटी की ही बात को आगे बढाया है। भाटी राजे की मुलाकात के बाद भाजपा के अंदर खाने में चल रही भावी राजनीति की सुगबुगाहट बाहर आने लगी। 
बताते है कि  की भाटी ने  राजे से प्रदेश के राजनीतिक हालात व राज्य की समस्याओं पर चर्चा की। प्रदेश की समस्याओं पर भाजपा प्रदेश संगठन के उदासीन रवैये से भावी नुकसान की आशंका से अवगत कराया । इस भेंट के बाद आई रिपोर्टो की माने तो  भाटी ने वसुंधरा को बताया कि गोचर पर संकट आया तो प्रदेश में भाजपा के कर्ता धरता लंबी चुप्पी साध कर बैठ गए ।  इस पर राजे ने भाटी के मैराथन धरने के बाद राज्य सरकार को बैकफ़ुट पर लाने के कार्य की जमकर तारीफ की । इसी तरह बीकानेर जिले में पानी का जबरदस्त संकट पिछले दिनों आया लेकिन भाजपा के प्रदेश व जिला स्तर पर  जनता की पीड़ा को समझने के लिए भाजपा के संगठन से कोई आगे नहीं आया। भाटी ने अपने आंदोलन के बाद स्वीकृत चारा डिपो खुलवाने गांव में अघोषित बिजली कटौती बंद करवाने सहित अनेक मुद्दों पर चर्चा की। राजे ने  नहर बंदी के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के दबाव के बावजूद  बीकानेर जैसलमेर को पहले पानी दिलाने के संघर्ष को सलाम किया ।
जानकार सूत्रों की माने इस मुलाकात में बीकानेर में हाल ही में भाजपा के प्रदर्शन में  सिर्फ टिकट के दावेदारों व  नेताओं के आने से पार्टी की हुई किरकिरी का मुद्दा भी आया । गौरतलब है कि पिछले तीन सालों से ऑनलाइन मोड पर चल रही भाजपा एक अरसे के बाद संघर्ष के लिए सड़क पर आई लेकिन आंदोलन के अगुआ भीड़ जुटाने में नाकाम रहे थे ।
बहरहाल भाटी राजे की इस मुलाकात को एक बहाना भले ही बताया जा रहा हो लेकिन सियासत के जानकार कहते है कि ये मुलाकात भाजपा में भाटी की वापसी के संकेत देने लगी है । यदि भाटी भाजपा में घर वापसी करते है तो भाजपा कार्यकर्ताओं को एक नई ऊर्जा मिल सकती है जिसका फायदा आगामी चुनाव में भाजपा को मिल सकता है।

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