रंजिश में युवक के घर में छिपाया 3.5 किलो अफीम:पुलिस को सूचना दी, जांच में खुद ही पकड़ा गया, बोला – मेरे कारोबार में बन रहा था रोड़ा
आरोपी सुनील सीसीटीवी में मनोज के बाड़े की ओर जाता हुआ दिखाई दिया।
अवैध कारोबार में एक युवक का रोड़ा बनना अफीम तस्कर को इतना नागवार गुजरा कि तस्कर ने युवक के घर के बाड़े में 3 किलो 550 ग्राम अवैध अफीम छिपाकर पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पूरा मामला फर्जी निकला। सामने आया कि पुलिस को सूचना देने वाले ने ही युवक के घर के बाड़े में अफीम छिपाई थी।
मामला जोधपुर के फलोदी का है। पुलिस ने 15 जनवरी को मामले का खुलासा करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार फलोदी पुलिस ने 7 जनवरी को इंद्रा कॉलोनी में एक मकान के बाड़े से 3 किलो 550 ग्राम अवैध अफीम बरामद कर मनोज विश्नोई (30) को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने मामले की जांच जांबा थानाधिकारी सुरेश विश्नोई को सौंपी थी। पुलिस की जांच में मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। पुलिस के अनुसार मनोज को फंसाने के लिए साजिश रची गई थी।
पुलिस ने आरोपी सुनील को गिरफ्तार कर लिया है।
दुश्मनी निकालने के लिए अफीम रखने की योजना बनाई
एसपी हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया कि इस मामले अवैध अफीम की बरामदगी तो मनोज के घर से हो गई, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में अफीम मिलने पर हमने आगे की जांच की तो मनोज उसके बारे में कुछ नहीं बता पाया। यह तक पता नहीं चला कि यह अफीम आई कहां से। ऐसे में पुलिस को शक हुआ और फिर अलग-अलग जगहों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इस दौरान सुनील (20) पुत्र भगवानाराम निवासी अम्बेडकर सर्किल फलोदी की भूमिका संदिग्ध लगी। जिस पर उसे दस्तयाब कर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि सुनील से अपनी दुश्मनी निकालने के लिए उसने ही मनोज के घर के पीछे बाड़े में अफीम रखी थी और पुलिस को सूचना दी थी।
आरोपी सुनील से जब कड़ी पूछताछ की गई तो उसने बताया कि 20 से 22 दिन पहले 500 ट्रामाडोल टैबलेट राजूराम बिश्नोई निवासी खारा से खरीदी थी। इसके बाद 1 जनवरी को मेडिकल स्टोर से सेरेलक पाउडर के दो पैकेट खरीदे। जिसका पैमेंट उसने फोन पे के जरिए किया था। इसके बाद सुनील ने अंबेडकर सर्किल फलोदी स्थित अपने घर पर टेबलेट और अफीम का मिश्रण तैयार किया।
मनोज की जमानत ना हो इसके लिए साजिश रची
आरोपी ने साजिश रची कि मनोज कुमार की जमानत नहीं हो सके, इसलिए 3.5 किलोग्राम अफीम तैयार किया। इसके बाद 5 और 6 जनवरी की रात में अफीम की एक-एक किलो की दो थैलियां और डेढ़ किलो की एक थैली मनोज कुमार के घर के पीछे बाड़े में पड़े पत्थरों के नीचे छिपाकर रखकर दी। इसके बाद अफीम की सूचना पुलिस को दी।
मनोज अपने पिता की रिटायरमेंट पार्टी में गया था
मनोज फलोदी से 30 किलोमीटर दूर सांवरीज गांव का रहने वाला है। 31 दिसंबर को उसके पिता साजन राम राजस्थान परिवहन निगम में चालक पद से रिटायर हुए थे। गांव में एक जनवरी को परिवार की ओर से पार्टी रखी गई थी। इसके लिए मनोज अपने गांव गया हुआ था। 6 जनवरी को दोपहर ढाई बजे मनोज सांवरीज से फलोदी पहुंचा।
6 जनवरी को फिर फोन करके पुलिस को सूचना दी
पुलिस ने बताया – सुनील ने 5 जनवरी को फोन करके कहा कि वह अवैध मादक पदार्थ की तस्करी को लेकर सूचना देगा। इसके बाद उसी रात सवा एक बजे उसने अवैध मादक पदार्थ को उसके बाड़े में छिपा दिया। 6 जनवरी को मनोज फलोदी स्थित अपने घर पहुंचा तो सुनील विश्नोई ने फिर से पुलिस को सूचना दी कि मनोज अभी घर पर आया हुआ है, उसके घर के पीछे बाड़े में अफीम रखा हुआ है।
सुनील मकान के बगल वाली गली से बाड़े में पहुंचा और अफीम रख दी।
7 जनवरी को मारी रेड
7 जनवरी को कार्रवाई के बाद पुलिस मनोज को लेकर फलोदी थाने पहुंची। इसके बाद पुलिस ने पूछताछ की तो मनोज ने अफीम के बारे में जानकारी होने से इनकार किया। जिस पर आसपास सीसीटीवी खंगाले तो उसमें सुनील रात के समय मनोज के बाड़े की ओर जाता हुआ दिखाई दिया। जिससे उस पर शक हुआ।
जांच में आरोपी के तस्कर होने का पता चला
एसपी ने बताया-मामले की जांच की तो पता चला कि सुनील खुद अवैध मादक तस्करी करता है। अम्बेडकर सर्कल पर स्थित होटल पर और फलोदी कस्बा में छोटी-छोटी पुड़िया में युवाओं, छात्रों और आदतन नशेड़ियों को अफीम बेचता है। जांच अधिकारी सुरेश विश्नोई ने बताया-सुनील ने पूछताछ में कहा कि मनोज भी पहले अफीम की पुड़िया बेचता था। इसलिए सुनील के ग्राहक टूटने लग गए, तो सुनील ने मनोज को सबक सिखाने के लिए इस तरह की रंजिश रखने लगा था।
बाड़े में इन पत्थरों के नीचे से अफीम बरामद की गई।
ये रहे मौजूद
आरोपी सुनील को इसी मामले में गहन पूछताछ कर वास्तविक अपराधी को गिरफ्तार करने में मुख्य भूमिका निभाने में जांबा थानाधिकारी सुरेश विश्नोई व कांस्टेबल मनफूल, भागीरथप्रसाद, राम नारायण व डीएसटी टीम फलोदी प्रभारी देवाराम विश्नोई, हैड कांस्टेबल प्रदीप, सहीराम, चौखाराम, हितेश, गिरीराज, भगवानाराम, महेन्द्र उज्वल आदि शामिल थे
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