रमजान में खाना लेने पहुंचे फिलिस्तीनियों पर इजराइली एयरस्ट्राइक:29 की मौत; हूतियों की कैद में 25 क्रू मेंबर्स, रिहाई का फैसला हमास करेगा
गाजा
शुक्रवार को हुए इजराइली हमले में 150 से ज्यादा फिलिस्तीनी घायल हुए।
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गाजा के अल-नुसीरत कैंप के पास बने एड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर (सहायता वितरण केंद्र) पर इजराइल ने एयरस्ट्राइक कर दी। इस दौरान 8 लोगों की मौत हो गई।
वहीं, नॉर्थ गाजा के एक एड पॉइंट पर खाना लेने पहुंचे फिलिस्तीनियों पर इजराइली सैनिकों ने गोली चला दी। इस दौरान 21 लोग मारे गए। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, दोनों हमलों में कुल 29 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई।
इधर, 19 नवंबर को हूती विद्रोहियों ने कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाईजैक किया था। इसके 25 क्रू मेंबर्स को बंधक बनाया था। अब हूतियों का कहना है कि इन बंधकों की जिंदगी हमास के हाथ में है। दरअसल, इजराइल-हमास जंग के बीच फिलिस्तीनियों के समर्थन में हूती विद्रोही लगातार लाल सागर और अरब सागर में जहाजों पर हमला कर रहे हैं।
गैलेक्सी लीडर का यह वीडियो हूती संगठन ने जारी किया था। इसमें उनके लड़ाके जहाज को हाइजैक करते दिख रहे हैं।
4 महीने से हूतियों की कैद में 25 क्रू मेंबर्स
अमेरिकी मीडिया CNN के मुताबिक, हाईजैकिंग के 116 दिन बाद भी 25 क्रू मेंबर्स (17 फिलीपींस, 2 बुल्गारिया, 3 यूक्रेन, 2 मेक्सिको, एक रोमानिया) के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। फिलीपींस के अधिकारों का मानना है कि क्रू मेंबर्स को तब तक रिहा नहीं किया जाएगा जब तक इजराइल-हमास जंग खत्म नहीं होती।
भारत आ रहा था जहाज
हूती विद्रोहियों ने लाल सागर से एक कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को हाइजैक कर लिया था। ये जहाज तुर्किये से भारत आ रहा था। हूती विद्रोहियों ने इसे इजराइली जहाज समझ कर हाइजैक किया था। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के मुताबिक, जहाज पर बहामास का झंडा लगा था। यह ब्रिटिश कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है। इजराइली कारोबारी अब्राहम उंगर इसके आंशिक हिस्सेदार हैं। फिलहाल यह एक जापानी कंपनी को लीज पर दिया गया था।
क्रू मेंबर्स की रिहाई हमास तय करेगा
CNN के मुताबिक, फिलीपींस के विदेश मामलों के अधिकारी एडुआर्डो डी वेगा ने कहा- हम जब भी हूती विद्रोहियों से क्रू मेंबर्स की रिहाई के लिए बात करते हैं तो उनका जवाब होता है कि शिप उनके कब्जे में ही रहेगी। क्रू मेंबर्स को तब तक आजादी नहीं देंगे जब तक गाजा पर हो रहे हमले नहीं रुक जाते। 14 मार्च को हूतियों ने कहा कि गैलेक्सी लीडर के क्रू मेंबर्स की रिहाई हमास ही तय करेगा।
अल-कासिम ब्रिगेड के लड़ाके फैसला करेंगे
हूतियों के प्रवक्ता नस्र अल-दीन आमेर ने कहा- शिप और क्रू मेंबर्स के बारे में जो फैसला होगा वो अल-कासिम ब्रिगेड के लड़ाके करेंगे। फिलहाल इस पर हमास से हमारी चर्चा नहीं हुई है। हमास की बेहद क्रूर मानी जाने वाली मिलिट्री विंग अल-कासिम ब्रिगेड ने इजराइल पर हमला किया था। इसका चीफ मोहम्मद देइफ है। यही 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड है। अल कासिम ब्रिगेड को 1991 में बनाया गया था।
इजराइली सेना ने ये वीडियो जारी करते हुए बताया था कि अल-कासिम के लड़ाके पाइप से रॉकेट बना लेते हैं।
बंधकों के बदले हूती विद्रोही आधिकारिक दर्ज चाहते हैं
फिलीपींस के विदेश मामलों के अधिकारी डी वेगा ने कहा कि हूती चाहते हैं कि बंधकों के बदले उन्हें यमन की सरकार के रूप में आधिकारिक मान्यता मिले। किसी भी देश के लिए ऐसी सरकार को मान्यता देना मुश्किल होगा जो समुद्र में जहाजों पर हमला करती है। इसलिए उनसे बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है। हम बस चाहते हैं कि बंधक बनाए गए क्रू मेंबर्स सुरक्षित रहें।
खाना लेने पहुंचे फिलिस्तीनियों पर इजराइली एयरस्ट्राइक-गोलीबारी तस्वीरें…
नॉर्थ गाजा के एक एड पॉइंट पर इजराइली सैनिकों ने फिलिस्तीनियों पर गोलियां चलाईं। यहां भगदड़ मच गई।
एड पॉइंट पर खून दिख रहा है। 150 से ज्यादा लोग घायल हुए। सभी को अस्पताल ले जाया गया है।
अल-नुसीरत कैंप के पास बने एड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर (सहायता वितरण केंद्र) पर इजराइल ने एयरस्ट्राइक की।
तबाह हुए एड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर में हाथ में अनाज लिए एक फिलिस्तीनी।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
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