संस्कृति मंत्रालय एवं भारत सरकार के आजादी के अमृत महोत्सव के तहत दृश्य भारती सांस्कृतिक एवं सामाजिक सामाजिक संस्था द्वारा दो दिवसीय नाट्य की द्वितीय प्रस्तुति महाभारत के प्रसंग से अवतरित-द्रौपदी का मंचन रवीन्द्र मंच पर किया गया।
इस मौके पर मुख्य अतिथि राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी के लिए संघर्ष कर रही शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम अंकुर छाबड़ा रही एवं विशिष्ट अतिथि ललित सिंह तालेडा रहे। पूनम अंकुर छाबड़ा ने कहां कि आज युवाओं को शराब व अन्य तरह के नशों से बचाने की सबसे अधिक जरूरत है जिससे कि आने वाला भविष्य सुरक्षित हो सके। नाटक का निर्देशन एन. के. पालीवाल एवं प्रदीप सिंह राजावत ने बताया कि नाटक में पांडव सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए अपना अधिकार चाहते थे लेकिन कौरव उन्हें 1 इंच जमीन भी नहीं देना चाहते थे इसमें शकुनी के साथ दरबार में जुआ खेलने का आयोजन रखा। धूर्त मामा शकुनि की चालों से पांडव अपना सब कुछ हार गए, यहां तक कि उन्होंने द्रोपदी को भी दांव पर लगा दिया। दुर्योधन ने भरे दरबार में द्रोपदी को निर्वस्त्र करने का आदेश दुशासन को दे दिया। असहाय द्रोपदी ने भरी सभा में भगवान श्री कृष्ण को याद किया और सहायता की गुहार लगाई भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी की गुहार सुनी और श्रीकृष्ण दौड़े चले आए और चीर बढ़ाकर द्रौपदी को आशीर्वाद दिया। यह भक्त और भगवान का सच्चा मिलन था। नाटक का सह निर्देशन चित्रांश पालीवाल ने बताया कि नाटक में मृणाल चोपड़ा ,मोनिका जाट, सोहेल, शाहरुख, मोहित, दीपक जांगिड़, लोचन होंडा, फिरोज खान ने नाट्य प्रस्तुतियां दी
Add Comment