REPORT BY SAHIL PATHAN
🔸पाकिस्तान पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ के नए पैंतरे आजमा रहा है। हनीट्रैप जैसी चालों में नाकाम होने के बाद पाकिस्तान अब वॉट्सऐप यूजर्स को निशाना बना रहा है। इसका सीधा जुड़ाव पंजाब और उत्तरप्रदेश के चुनावों से भी है। पाकिस्तानी एजेंट्स यूपी-पंजाब चुनाव के नाम पर कई वाॉट्सऐप ग्रुप चला रहे हैं। पाकिस्तान की इन करतूतों का काला चिट्ठा theinternalnews.co के पास मौजूद है।
🔸सेना की खुफिया जानकारी जुटाने के लिए सुंदर महिलाओं के प्रोफाइल से हनीट्रैप की साजिश रचने के बाद अब कुछ व्हाट्सएप ग्रुप सामने आए हैं। इनका सीधा संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से है। आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान के नंबर से कई वॉट्सऐप ग्रुप बनाए गए हैं। जिनकी जानकारी THEINTERNALNEWS.co के हाथ लगी है।
🔸चिंताजनक बात ये है कि इन ग्रुप्स में पाकिस्तान से सटे राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों के युवाओं को जोड़ा गया है। इन ग्रुप्स में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वहां के नागरिकों को इस्तेमाल करने की साजिश कर रही है।
🔸 theinternalnews.co ने जब इन वॉट्सऐप ग्रुप्स की पड़ताल की तो सामने आया कि इनका सरगना वालिद नाम का शख्स है। वालिद का दूसरा चर्चित नाम लक्खा बताया जा रहा है, जिसका संबंध दुनियाभर में बैन बब्बर खालसा आतंकी गुट से है।
🔸बताया जा रहा है कि उस ऑडियो में वालिद नाम के शख्स की आवाज है। ऑडियो में वालिद वॉट्सऐप ग्रुप के किसी मेंबर से बात कर रहा है। ऑडियो में ग्रुप मेंबर पाकिस्तानी एजेंट से कनेक्शन होने से घबरा रहा है। जिसे वालिद तसल्ली दे रहा है कि घबराने की जरूरत नहीं। चाहो तो मेरा नंबर ब्लॉक कर दो… क्योंकि तुम्हें सारी इन्फॉर्मेशन इकट्ठी करनी होती है।
कोडवर्ड से बनाए ग्रुप के नाम
करीब 3 ऐसे वॉट्सऐप ग्रुप की जानकारी सामने आई है, जिनका कनेक्शन पाकिस्तान से है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान से लगी भारत की पश्चिमी सीमा के आसपास के शहरों में ऐसे करीब 150 से अधिक ग्रुप संचालित हो रहे हैं। कई ग्रुप तो यूपी और पंजाब चुनाव के नाम पर चल रहे हैं। theinternalnews.co के पास ऐसे कुछ वॉट्सऐप ग्रुप की डिटेल है, जिसमें ग्रुप एडमिन की प्रोफाइल पर आईएसआई का लोगो लगा था, लेकिन इंटेलिजेंस के सक्रिय होने के बाद इस लोगो को हटा दिया गया। ग्रुप के एडमिन के नंबर +92 से शुरू हो रहे हैं, जो पाकिस्तान की आइडेंटिटी है।
इंग्लैंड व कनाडा से संचालित हो रहा है ग्रुप
सूत्रों की मानें तो 2016 में खालिस्तानी मूवमेंट ने 2021-22 तक भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में अपना जाल फैलाने का अभियान चलाया था। वर्तमान में होने वाली घटनाएं इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा बताई जा रही हैं। पाकिस्तानी नंबरों की आड़ में यह ग्रुप्स विदेशी जमीन से संचालित हो रहे हैं। इन ग्रुप्स को पाकिस्तान से लेकर यूएसए, इंग्लैंड और कनाडा में बैठे हैंडलर चला रहे हैं। इनका मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने एजेंट तैयार करना है ताकि हथियारों की तस्करी से लेकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके।
बॉर्डर पर एक्टिव
ये ग्रुप्स जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और गंगानगर में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। यह लोग लंबे समय से इस ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। इनके वॉट्सऐप ग्रुप की प्रोफाइल फोटो स्थानीय भारतीय नेताओं की लगी होती है ताकि किसी को भी शक न हो। इनके नाम भी उसी तरह डिजाइन किए जाते हैं कि कोई भी उसे खोले तो पहली नजर में पहचान न पाए। बीते दिनों इन ग्रुप्स को हैंडल करने वाले शख्स ने अपनी वॉट्सऐप डीपी पर आईएसआई का लोगो लगा रखा था, लेकिन खुफिया एजेंसियों के अलर्ट होने के बाद उसने नंबर बंद कर दिए। सूत्रों के मुताबिक इसी शख्स की उसके हैंडलर वालिद से बातचीत का ऑडियो सामने आया है।
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