राजधानी एक्स. से गुजरात में शराब की तस्करी:एसी-स्लीपर कोच से भी बड़ी मात्रा में बरामदगी, रेलवे के स्टाफ भी शामिल

सड़क मार्ग पर सख्ती बढ़ी तो तस्करों ने ट्रेन से गुजरात शराब भेजने लगे। राजधानी एक्सप्रेस से लेकर अन्य ट्रेनों की एसी-स्लीपर बोगियों में रखकर शराब गुजरात पहुंचाई जा रही है। रेल पुलिस के रिकॉर्ड से इसी तरह का खुलासा हुआ है। 2022 में राजस्थान-गुजरात रूट पर 700 लीटर शराब पकड़ी गई थी। 2023 आते-आते यह आंकड़ा 1600 लीटर तक पहुंच गया। खास बात यह है कि इस तस्करी में रेलवे का स्टाफ भी साथ दे रहा है। पैंट्री कार तक का उपयोग तस्करी में हो रहा है।
गुजरात-राजस्थान रेलवे रूट पर हुई कार्रवाई का एनालिसिस किया तो कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पढ़िए यह रिपोर्ट…

रेलवे पुलिस लगातार अभियान चलाकर ट्रेन से बड़ी संख्या में शराब पकड़ रही है।
केस 1
– एक महीने पहले दिसंबर 2023 में आबूरोड में राजधानी एक्सप्रेस में रेल पुलिस ने फालना से आबूरोड के बीच चेकिंग की। पुलिस को राजधानी एक्सप्रेस के कोच ए-1 और ए-2 कोच के बीच बफर पर तीन बैग लावारिस हालत में मिले। बैग से अलग-अलग ब्रांड की 49 बोतल शराब मिली।
केस 2
रेलवे पुलिस ने 9 महीने पहले आबूरोड से गुजरात जाने वाली पैसेंजर ट्रेन (गाड़ी संख्या 14707) में रात के समय पिंडवाड़ा में चेकिंग की गई। आने पर चेकिंग की जा रही थी। एस 1 कोच में सीट नंबर 63 और 71 के नीचे 2 बैग मिले, जिनके बारे में यात्रियों से पूछने पर उन्होंने अपना नहीं होना बताया। बैग की तलाशी लेने पर उनमें 192 नग देसी शराब के पव्वे बरामद हुए।

इस तरह के बैग में राजस्थान से गुजरात तक शराब सप्लाई की जा रही है।
केस 3
जोधपुर जीआरपी ने 21 जून 2023 को ट्रेन नंबर 20483 भगत की कोठी-दादर एक्सप्रेस में सर्च अभियान चलाया। प्लेटफॉर्म पर उतरते वक्त दो लोगों को पकड़ा। इनका नाम रविन्द्र सिंह पुत्र वीरेंद्र सिंह व रविन्द्र पुत्र भंवर राम था। बैग की तलाशी में 1 लाख 80 हजार रुपए की शराब मिली।
केस 4
तीन महीने पहले आबूरोड रेलवे टास्क टीम ने जम्मूतवी एक्सप्रेस के एसी थर्ड कोच को आबूरोड स्टेशन के प्लेटफार्म नं. 03 पर आने के दौरान चेक किया था। ट्रेन के अटेंडेंट देवरिया (UP) निवासी विजय कुमार यादव पुत्र हरीलाल यादव के पास सफेद रंग के दो बॉक्स मिले थे। बॉक्स में अंग्रेजी शराब की 24 बोतल थी। इसके बाद अटेंडेंट को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया था कि पेंट्री कार में इन कार्टन को रखकर लाया था।
केस 5
तीन महीने पहले कोटा आरपीएफ ने गुजरात संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में ढाई लाख रुपए की अवैध शराब पकड़ी थी। रेल सुरक्षा बल की अपराध शाखा कोटा टीम ने गाड़ी संख्या 20946 हजरत निजामुद्दीन-एकता नगर गुजरात संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में मथुरा से कोटा के बीच दो संदिग्धों को देखा। ये लोग कोच एस- 6 में टॉयलेट की छत की प्लाई खोल रहे थे। दोनों को रोका और बैग चेक किए तो शराब की बोतल मिली। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम वेद प्रकाश (24) निवासी हाथरस (उ.प्र.) व राजेश कुमार (22) निवासी एटा (उ.प्र.) बताया। साथ ही एस-7 कोच में बैठे अपने दो साथी विजेन्द्र (28) निवासी जालौन (उ.प्र.) व नीरज (25) निवासी हाथरस (उ.प्र.) के बारे में जानकारी दी।

ये कोटा केस के आरोपी है। जो टॉयलेट की छत में शराब छुपाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पकड़े गए।
गुजरात में ही सबसे ज्यादा तस्करी क्यों ?
गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है। बावजूद इसके तस्करी की शराब यहां बिकती है। इसका सीधा उदाहरण हर शनिवार व रविवार को गुजरात से सटे राजस्थान के बॉर्डर पर बने हिल स्टेशन (माउंट) पर होने वाली शराब की खपत है। गुजरात के लोग शराब के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा पंजाब व हरियाणा निर्मित करोड़ों रुपए की शराब को वहां तस्करी रूट से भेजा जाता है। पंजाब में जो बोतल 300 से 400 रुपए तक में मिलती है। वह गुजरात पहुंच कर 1500 से 2000 रुपए तक हो जाती है। इसलिए गुजरात में शराब तस्करी का धंधा ज्यादा मुनाफे का होता है।
एक साल में पकड़ में आए 66 मामले, 37 आरोपी गिरफ्तार
जोधपुर जीआरपी के डीएसपी गौतम जैन ने बताया- दिसंबर 2022 से दिसंबर 2023 तक पश्चिम रेलवे पुलिस ने गुजरात रूट की पैसेंजर ट्रेन से शराब के 66 मामले पकड़े थे। इसमें से 37 मामलों में पुलिस ने शराब के साथ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 29 मामलों में पुलिस को ट्रेन में शराब की खेप लावारिस मिली है। पकड़ी गई शराब करीब 1678 लीटर है। यह सभी राजस्थान में मिलने वाली शराब के महंगे ब्रांड हैं। कई बार तस्कर शराब को गुजरात पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं। ऐसे में ट्रेन में शराब तस्करी का आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है।
कैसे होती है ट्रेन में तस्करी
सिर्फ राजस्थान ब्रांड की महंगी शराब – रेलवे पुलिस ने बताया कि ट्रेन के रास्ते राजस्थान निर्मित शराब की ही तस्करी गुजरात में की जाती है। अभी तक जितने भी मामले पकड़े गए है। इनमें राजस्थान निर्मित महंगी ब्रांड की शराब की खेप ही शामिल थी। जो शराब राजस्थान में 500 से 1500 रुपए में मिलती हैं, वही गुजरात में 5 से 9 हजार रुपए तक में मिलती है।
पैसेंजर ट्रेन- तस्करों ने गुजरात जाने वाली सभी पैसेंजर ट्रेन को नाप रखा है। यह लोग प्रतिदिन यह लोग तीन से चार शराब की पेटी पैसेंजर ट्रेन की अलग–अलग बोगी की सीटों के नीचे लावारिस रख देते हैं और गुजरात पहुंचने के बाद उन पेटियों को तस्कर के एजेंट उतार लेते हैं।
ज्यादा भीड़ में तस्करी ज्यादा- पुलिस ने बताया कि जब इन ट्रेनों में भीड़ ज्यादा होती है, तब तस्कर भी ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में लोगों की भीड़ में तस्कर भी ट्रेन में चढ़ जाते हैं। सीटों के नीचे व लोगों के अन्य सामान के बीच रखी पेटियों पर नजर रखते हैं।
ट्रेन में फूड सप्लायर भी शामिल – इस खेल में तस्करों के साथ इन ट्रेनों में खाना सप्लाई करने वाला स्टाफ भी शामिल होता है। ट्रेन में तस्करी की शराब पकड़े जाने पर यह तस्करों को सूचना भी दे देते हैं। इससे तस्कर का साथी गुजरात के स्टेशन पर शराब की पेटियों को लेने नहीं आता है। इसके साथ ही यह स्टाफ ट्रेन में भी यात्रियों को शराब उपलब्ध करवाते हैं। रेलवे पुलिस ने कई बार ऐसे मामले पकड़े हैं।
सड़क से पंजाब व हरियाणा, ट्रेन से सिर्फ राजस्थान की शराब
पुलिस ने बताया कि गुजरात में पंजाब व हरियाणा की शराब सप्लाई करने के लिए तस्कर हमेशा सड़क मार्ग का ही सहारा लेते हैं। ट्रेन से गुजरात में सिर्फ राजस्थान निर्मित शराब की तस्करी की जा रही है। पिछले एक साल में रेलवे पुलिस में पकड़े गए सभी मामलों में राजस्थान की शराब ही मिली है।
गुजरात के किसी बड़े स्टेशन को चुनते हैं तस्कर
जोधपुर जीआरपी के डीएसपी गौतम जैन ने बताया कि तस्कर शराब को स्लीपर व एससी कोच में सीटों के नीचे लावारिस हालत में रख देते हैं। कई बार तस्कर के लोग उसी बोगी में उस शराब पर निगरानी रखते हैं। गुजरात के किसी भी बड़े स्टेशन पर जहां ट्रेन ज्यादा समय तक रुकती है वहां से इस शराब को पुलिस की नजरों से बचाकर उतार दिया जाता है।
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