DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS WORLD NEWS

राजस्थानी ट्रक ड्राइवर निकला इंटरनेशनल ड्रग तस्करी का मास्टरमाइंड डार्क नेट के जरिए करता नेटवर्क हैंडल:म्यांमार से 10 करोड़ की अफीम चायपत्ती में छिपाकर लाया, 7 राज्यों में नेटवर्क

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

राजस्थानी ट्रक ड्राइवर निकला इंटरनेशनल ड्रग तस्करी का मास्टरमाइंड:म्यांमार से 10 करोड़ की अफीम चायपत्ती में छिपाकर लाया, 7 राज्यों में नेटवर्क

मणिपुर के रास्ते म्यांमार से राजस्थान तक ड्रग सप्लाई करने वाले रैकेट का खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़ा ये मास्टरमाइंड राजस्थान का ही है।

10वीं पास आरोपी चायपत्ती के बीच ड्रग्स छिपाकर असम, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान सहित 7 राज्यों में बड़े आराम से सप्लाई करवाता था।

म्यांमार के तस्करों से इसके डायरेक्ट लिंक हैं। एक ही बार में 10 करोड़ की ड्रग डील करता था, ताकि एक दो महीने आराम से सप्लाई कर सके। पूरी डील क्रिप्टोकरेंसी या फिर हवाला के जरिए होती थी।

दरअसल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 12 दिन पहले दिल्ली में कार्रवाई करते हुए एक ट्रक ड्राइवर को पकड़ा था। जिसने पूछताछ में मास्टरमाइंड का राज उगला।

कार्रवाई करते हुए स्पेशल सेल टीम ने जालोर जिले के सरवाना गांव से उसे गिरफ्तार कर लिया है। अभी भी इस इंटरनेशनल गिरोह के कई सदस्यों की तलाश की जा रही है। दिल्ली स्पेशल सेल के ACP अत्तर सिंह से बात करते हुए कभी ट्रक ड्राइवरी करने वाले के ड्रग तस्करी के मास्टरमाइंड बनने और उसके पकड़े जाने की कहानी जानी। वहीं पड़ताल कर ये जाना कि कैसे 7 राज्यों में बेरोकटोक चल रहा था नशे का ये अवैध कारोबार ?

पढ़िए पूरी रिपोर्ट ….

12 दिन पहले मुखबिर की सूचना पर पकड़ी 10 करोड़ की अफीम

ACP अत्तर सिंह ने बताया कि म्यांमार की सीमा से सटे राज्य मणिपुर के आसपास ड्रग तस्कर सक्रिय हैं। म्यांमार से मणिपुर के रास्ते ही अफीम की सबसे ज्यादा तस्करी होती है। स्पेशल सेल के पास ये इनपुट थे कि इंटरनेशनल स्मगलिंग गैंग ड्रग्स को मणिपुर, असम, UP, बिहार, पंजाब, राजस्थान और दिल्ली में सप्लाई कर रही है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े मोहन लाल और मास्टरमाइंड शैतान सिंह।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े मोहन लाल और मास्टरमाइंड शैतान सिंह।

जून महीने के दूसरे सप्ताह में स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर रणजीत सिंह को मुखबिर से सूचना मिली कि इंफाल के रास्ते से राजस्थान का ट्रक ड्राइवर मोहनलाल चौधरी अपने ट्रक में अफीम की खेप भरकर दिल्ली की ओखला मंडी में ला रहा है।

यहां सप्लाई के बाद ये ट्रक राजस्थान में भी अफीम की सप्लाई करेगा। मुखबिर से मिली सूचना के अनुसार ट्रक 15 जून को सुबह 6.30 से 7.30 बजे के बीच ओखला मंडी के सामने बस स्टैंड के पास लोकल तस्कर को अफीम की डिलीवरी देने वाला था।

सूचना कन्फर्म होते ही स्पेशल टीम ने सुबह ही पूरे इलाके को घेर लिया। सुबह 7 बजे के आस-पास एक ट्रक संख्या RJ-12GA-4544 ओखला मंडी के बस स्टैंड के पास कैप्टन गौड़ मार्ग पर आकर ठहरा।

इसके बाद पुलिस टीम ने ट्रक ड्राइवर मोहन लाल चौधरी को पकड़ ट्रक को जब्त कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि ट्रक में चाय पत्ती के पैकेट भरे हुए हैं।

स्पेशल सेल टीम ने ट्रक में तलाशी की तो ट्रक में उपर तो चाय चाय पत्ती के पैकेट ही थे, लेकिन उसके नीचे कई सीक्रेट स्टोरेज थे। इन्हें खंगालने पर 10 करोड़ की बाज़ार कीमत की 41.2 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई। जब्ती के बाद मामला दर्ज कर ड्राइवर मोहन लाल चौधरी (39) निवासी रावतसर (बाड़मेर) को गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में राजस्थानी मास्टरमाइंड का नाम आया सामने

ACP अत्तर सिंह ने बताया कि ड्राइवर मोहन लाल चौधरी से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने पूरे रैकेट का खुलासा किया। मोहन लाल चौधरी ने बताया कि राजस्थान के जालोर के सरवाना का रहने वाला शैतान सिंह विश्नोई ही इस ड्रग्स तस्करी का मास्टरमाइंड है।

दिल्ली पुलिस की ओर से जब्त ड्रग्स। खेप में ऐसे कई बंडल चाय पत्ती के नीचे ट्रक में छिपाकर लाई गई थी।

दिल्ली पुलिस की ओर से जब्त ड्रग्स। खेप में ऐसे कई बंडल चाय पत्ती के नीचे ट्रक में छिपाकर लाई गई थी।

उसके इशारे पर वो म्यांमार बॉर्डर से ड्रग्स तस्करी कर मणिपुर, असम, दिल्ली, पंजाब और राजस्थान सहित कई दूसरे राज्यों में लोकल तस्करों को सप्लाई देता है। मास्टरमाइंड शैतान सिंह ने म्यांमार में बैठे विदेशी तस्करों व बॉर्डर पर सीमावर्ती राज्यों के तस्करों साथ मिलकर इंटरनेशनल ड्रग रैकेट बनाया हुआ है।

सिंह ने बताया कि ट्रक ड्राइवर के खुलासे के बाद स्पेशल सेल की एक टीम राजस्थान भेजी गई और 19 जून को आरोपी शैतान सिंह बिश्नोई को जालोर जिले में उसके गांव सरवाना से गिरफ्तार कर लिया गया।

दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए ले जाती दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल।

दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए ले जाती दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल।

5 साल से कर रहे थे इंटरनेशनल ड्रग तस्करी

पूछताछ में मास्टरमाइंड शैतान सिंह ने खुलासा किया कि वो पिछले 5 साल से इंटरनेशनल ड्रग्स तस्करी का अवैध कारोबार कर रहा है। दिल्ली पुलिस द्वारा ड्राइवर मोहन लाल चौधरी से पकड़ी गई अफीम की खेप भी उसी ने मंगाई थी। वो इसे दिल्ली, NCR और राजस्थान में लोकल ड्रग्स तस्करों को सप्लाई कराने वाला था। उसने बताया कि मणिपुर में मौजूद ड्रग स्मगलर्स द्वारा अफीम की ये खेप म्यांमार से बॉर्डर पार कर लाई गई थी।

इसके लिए मास्टरमाइंड शैतानसिंह कुछ समय पहले इंफाल गया था। वहां उसने अफीम की खेप को मोहन लाल चौधरी के ट्रक में लोड करवाया था। इसके बाद इसे दिल्ली, NCR और राजस्थान में डिलीवरी का डायरेक्शन देकर खुद राजस्थान लौट आया था।

शैतान सिंह ने कैसे तैयार किया इतना बड़ा रैकेट?

27 साल का मास्टरमाइंड शैतानसिंह अधिकतर समय गांव से बाहर ही रहता है। स्थानीय स्तर पर उसकी कोई क्रिमिनल एक्टिविटी भी नहीं है। न ही किसी लोकल थाने में उसके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज है।

आरोपी शैतान सिंह की ओरिजनल फोटो। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के मुताबिक शैतान सिंह महज 10वीं पास है।

आरोपी शैतान सिंह की ओरिजनल फोटो। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के पास उपलब्ध रिकॉर्ड के मुताबिक शैतान सिंह महज 10वीं पास है।

शैतान सिंह गुवाहाटी में काफी समय तक अपने रिश्तेदार के पास काम धंधे के लिए आता-जाता रहा था। लंबे समय तक ये गुवाहाटी रह भी चुका है। इसी दौरान उसकी वहां के ड्रग तस्करों से जान पहचान हुई। फिर धीरे-धीरे शैतान सिंह ने खुद का नेटवर्क बना लिया और राजस्थान में ड्रग सप्लाई करने लगा।

इन्स्पेक्टर रणजीत सिंह ने बताया कि वहां से खरीदी गई एक लाख की ड्रग्स भारतीय मार्केट में पहुंचने के बाद डिलीवरी खर्चा निकालकर पांच गुना मुनाफे पर बेची जाती है।

थाईलैंड, लाओस, म्यांमार सीमा को जोड़ने वाला क्षेत्र गोल्डन ट्राइएंगल कहलाता है। यह एशिया में ड्रग्स का बड़ा केंद्र है। (ये मैप प्रतीकात्मक है।)

थाईलैंड, लाओस, म्यांमार सीमा को जोड़ने वाला क्षेत्र गोल्डन ट्राइएंगल कहलाता है। यह एशिया में ड्रग्स का बड़ा केंद्र है। (ये मैप प्रतीकात्मक है।)

मणिपुर में हो रही हिंसा और दंगों में भी नहीं रुक रही ड्रग्स तस्करी

आरोपी शैतानसिंह ने स्पेशल सेल की टीम को बताया कि मणिपुर में काफी दिनों से हिंसा हो रही है और दंगे भड़के हुए हैं। इसके बावजूद इंटरनेशनल बॉर्डर के जरिये म्यांमार से ड्रग तस्करी बेरोकटोक चल रही है। इस बार वहां दंगों के चलते वो ड्रग्स की डिलीवरी के लिए कैश अमाउंट लेकर मणिपुर नहीं गया था।

इसके लिए उसने इंफाल में एक हवाला ऑपरेटर के जरिये 32 लाख रुपए का अमाउंट इंटरनेशनल ड्रग सप्लायर के हैंडलर को ट्रांसफर करवाया था। हालांकि, ज्यादातर पैसा डार्क वेब के जरिए वर्चुअल करेंसी में ट्रांसफर होता है।

शैतान सिंह ने कई राज्यों में अपना नेटवर्क फैला रखा था, जिसकी जांच की जा रही है।

शैतान सिंह ने कई राज्यों में अपना नेटवर्क फैला रखा था, जिसकी जांच की जा रही है।

7 राज्यों में फैले लोकल तस्करी नेटवर्क को तोड़ने की कर रहे कार्रवाई

ACP अत्तर सिंह ने बताया कि शैतानसिंह और ट्रक ड्राइवर मोहन लाल चौधरी से हुए खुलासे के बाद अब दिल्ली पुलिस 7 राज्यों में फैले लोकल ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने और बाकी मेंबर्स को पकड़ने की कार्रवाई कर रही है।

डार्क वेब अनियन राउटिंग टेक्नोलॉजी पर काम करता है। ये यूजर्स को ट्रैकिंग और सर्विलांस से बचाता है और उनकी गोपनीयता बरकरार रखने के लिए सैकड़ों जगह रूट और री-रूट करता है। आसान शब्दों में कहा जाए तो डार्क वेब ढेर सारी IP एड्रेस से कनेक्ट और डिस्कनेक्ट होता है, जिससे इसको ट्रैक कर पाना असंभव हो जाता है। इस पर वर्चुअल करेंसी जैसे बिटकॉइन का इस्तेमाल किया जाता है ताकि ट्रांजैक्शन को ट्रेस न किया जा सके।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!