राजस्थान की 26 विधानसभा सीटों पर AAP के उम्मीदवार तय:पंजाब, दिल्ली, गुजरात से सटे इलाकों की सीटों पर ज्यादा फोकस, गठबंधन नहीं
नई दिल्ली
केजरीवाल के तय प्लान के अनुसार पहले सीटवार प्रभारी बनाए जाएंगे, फिर इन्हीं को चुनावी मैदान में उतारा जाएगा।
भले ही लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस सहित 26 दलों से मिलकर बने ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने की घोषणा कर दी हो, लेकिन राजस्थान के विधानसभा चुनाव में पार्टी कांग्रेस के खिलाफ प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर चुकी है।
आप पार्टी ने गंगानगर, हनुमानगढ़, बांसवाड़ा, सीकर, जयपुर, अलवर, कोटा, दौसा, चुरू, अजमेर, टोंक और सवाईमाधोपुर जिले की 26 सीटों पर चुनाव लड़ाए जाने वाले चेहरे तय कर लिए हैं। अगले सप्ताह इन 26 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी।
आम आदमी पार्टी के प्रभारी विनय मिश्रा ने बताया कि हमने कई सीटों पर चुनाव लड़ाए जाने वाले लोगों के नाम तय कर लिए हैं। राजस्थान में हम तीन-चार फेज में विधानसभा उम्मीदवार घोषित करेंगे।
राजस्थान की चुनाव तैयारियों को लेकर 18 अगस्त को पार्टी की अहम बैठक होने वाली है। इसके बाद पहली सूची 25 अगस्त से पहले जारी कर देंगे।
पार्टी ने तय किया है कि इन 26 सीटों पर चुनाव लड़ाए जाने वाले लोगों को पहले विधानसभा प्रभारी बनाया जाएगा।
कम से कम एक माह तक इनको पार्टी की ओर से संगठन विस्तार का काम देकर परफोर्मेंस देखी जाएगी। इसके बाद इनको टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा जाएगा।
संभावना है कि 26 में से एक-दो ऐसे लोग जो परफॉर्मेंस में खरे नहीं उतरेंगे उनकी जगह नए नाम भी शामिल हो सकते हैं।
मिश्रा ने कहा- राजस्थान में पार्टी मजबूती से चुनाव लड़ेगी। ‘इंडिया’ अलायंस को लेकर कोई संशय नहीं होना चाहिए कि हम राजस्थान में चुनाव नहीं लड़ रहे, बल्कि पार्टी विधानसभा चुनाव को लेकर पूरी तरह से गंभीर है।
फोटो 5 महीने पहले का है जब दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवत मान जयपुर आए थे।
पंजाब, दिल्ली, गुजरात से सटी सीटों पर ज्यादा फोकस
पंजाब, गुजरात और दिल्ली से लगते राजस्थान के जिलों को पार्टी ने पहली प्राथमिकता में रखा है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है।
इन दोनों राज्यों से जुड़े इलाकों में पार्टी की सरकारों के काम और योजनाओं को लेकर पहले से हो रही माउथ पब्लिसिटी काे भुनाने की रणनीति है।
वहीं गुजरात में भी पिछले चुनाव में आप पार्टी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। यही कारण है कि तीनों राज्यों की सीमाओं से सटे राजस्थान के जिलों में पार्टी अपने लिए ज्यादा संभावनाएं देख रही हैं। इसी लिहाज से पहली सूची में ज्यादातर सीमावर्ती जिलों से जुड़ी सीटों पर फोकस रहेगा।
पहली सूची में ये सीटें
सूत्रों के अनुसार पार्टी ने जिन सीटों पर अपने प्रत्याशी तय किए हैं उनमें नोहर, भादरा, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, नीमकाथाना, श्रीमाधाेपुर, अलवर शहर, कोटपूतली, गंगानगर, हनुमानगढ़, सादुलशहर, चूरू, झालावाड़, कोटा शहर, सूरतगढ़, निवाई, बांसवाड़ा, डूंगरपुर समेत 26 सीटें शामिल हैं।
सभी संभाग मुख्यालयों पर होंगे टाउनहॉल
चुनाव से पहले अपना धरातल मजबूत करने के लिए पार्टी प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों पर एक-एक बड़ा कार्यक्रम करेगी। इन कार्यक्रमों को टाउनहॉल नाम दिया गया है। पहला टाउनहॉल 25 या 26 अगस्त को करने की तैयारी चल रही है। टाउनहॉल में सामाजिक, धार्मिक संगठनों के अलावा क्षेत्र के प्रमुख लोगों को बुलाया जाएगा।
इन कार्यक्रमों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित पार्टी के बड़े नेता मौजूद रहेंगे। टाउन हाल के जरिए पार्टी की ओर से दिल्ली और पंजाब में किए जा रहे कामों की जानकारी देने के साथ-साथ लोगों से पूछा जाएगा कि राजस्थान में आम आदमी पार्टी से उनकी क्या उम्मीदें हैं।
इसके आधार पर पार्टी अपना चुनावी एजेंडा तय करेगी। पार्टी ने तय किया है कि राजस्थान के सभी जिलों में इसी माह के अंतिम सप्ताह से तिरंगा यात्राओं की शुरुआत होगी। दिल्ली, पंजाब और गुजरात से प्रत्येक जिले में पार्टी का कोई न कोई बड़ा नेता इन यात्राओं का नेतृत्व करेगा।
जयपुर में तिरंगा यात्रा से ही राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर आगाज कर दिया था।
हर गांव में बनाई जा रही 11 लोगों की कमेटी
संगठन का विस्तार करते हुए आम आदमी पार्टी शहरों में हर वार्ड और देहात क्षेत्र में हर गांव में 11 लोगों की कमेटियां बनाने के काम में जुटी हुई है।
पार्टी प्रभारी विनय मिश्रा का कहना है कि अब तक करीब 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। प्रत्येक कमेटी में एक सचिव और दस सदस्य बनाए गए हैं।
यह कमेटी पार्टी की रीति-नीति को हर मतदाता तक पहुंचाने का काम करेगी। चुनाव में इन्हीं कमेटियों के जरिए पार्टी अपनी रणनीति को अंजाम देगी।
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