राजस्थान के स्टूडेंट के पास अमेरिकी सेना की खुफिया जानकारी:5 लाख आधार कार्ड, बड़ी बैंकों का भी पूरा डेटा; भारत की सिक्योरिटी एजेंसियां हैरान
श्रीगंगानगर
बीए सेकेंड ईयर के स्टूडेंट को भारत सरकार और प्राइवेट सेक्टर का संवेदनशील डेटा डार्क वेब पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पूछताछ में बताया- उसे सबसे बड़ा हैकर बनना था, वो इस डेटा को क्रिप्टो के बदले बेच रहा था। पुलिस को इसके पास 4500 जीबी स्टोरेज डाटा, 5 लाख आधार कार्ड, भारत का सिटीजन डेटा समेत 4 देशों की मिलिट्री का संवेदनशील डेटा भी मिला है।
मामला श्रीगंगानगर के श्रीकरणपुर का शनिवार देर रात का है। श्रीकरणपुर सीओ सुधा पालावत के निर्देशन में गठित टीम ने यह खुलासा किया। आरोपी से पूछताछ जारी है। दिल्ली से आई गुप्तचर ब्यूरो व श्रीकरणपुर पुलिस की टीम ने शनिवार को गांव 49 एफ में छापा मारकर 1 युवक को गिरफ्तार किया।
आरोपी के पास से मिले लैपटॉप व दूसरे सामानों को एजेंसियां खंगाल रही हैं। उनसे मिल रही जानकारियां काफी चौंकाने वाली हैं।
ऑनलाइन गेमिंग के जरिए पहुंचा डार्क वेब पर
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया- अमित पुत्र नसीबचंद गांव 49 एफ का रहने वाला है। उसके पिता दुबई में काम करते हैं। वह घर से ही यह नेटवर्क चलाता है। वह साइबर थ्रेट एक्टर है और डार्क वेब के मल्टीपल प्लेटफार्म और टेलीग्राम चैनल पर एक्टिव है। ऑनलाइन गेमिंग के दौरान वह डार्क वेब और डीप वेब के संपर्क में आया।
धीरे-धीरे वह सर्फिंग में इतना एक्सपर्ट हो गया कि वह ऑनलाइन डाटा चुराकर इसे टेलीग्राम चैनल के जरिए बेचने लगा। पुलिस ने जिस समय उसे गिरफ्तार किया वह एक टेलीग्राम चैनल चला रहा था। उसने इस चैनल पर अश्लील सामग्री अपलोड की हुई है। वह इस चैनल का एडमिन भी है। आरोपी 2018 से वीडियो गेम खेलता था। धीरे-धीरे घर पर कमरे में लैपटॉप से इंटरनेट की गहराइयों (डीप वेब) में चला गया।
पूछताछ में बोला- मेरी इच्छा सबसे बड़ा हैकर बनने की
पूछताछ में उसने खुलासा किया कि डार्क वेब के माध्यम से लगभग 5 लाख आधार कार्डों, आर्मी तथा विभिन्न देशों का लगभग 4500 जीबी डेटा हासिल कर लिया। इसके जरिए अब तक उसके करीब एक लाख 11 हजार रुपए का लेनदेन करने का पता लगा है।
आरोपी के पास तीन मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक कम्प्यूटर, दो पेन ड्राइव, पांच हार्ड डिस्क और कुछ अन्य सामान बरामद हुआ है। अब राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी और पुलिस मिलकर इसका एनालिसिस करेगी। आरोपी से 23 हजार 700 रुपए नकदी मिली है। आरोपी से पुलिस सहित विभिन्न एजेंसियां अभी पूछताछ कर रही हैं।
इंटरनेट के इतने बड़े स्टोरेज व लगातार प्रयोग पर आईबी की नजर पड़ी तो बरामद स्टोरेज के लिए पुलिस के पास भी पर्याप्त उपकरण नहीं थे। आशंका है कि वह सारे डेटा दुश्मन देश को बेच रहा था। सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता था। आरोपी ने बताया कि उसकी इच्छा सबसे बड़ा हैकर बनने की है। आरोपी से बरामद उपकरणों में 5 हार्ड डिस्क, 4 एसएसडी, 2 पेन ड्राइव, 3 मोबाइल, डेस्क टॉप, लैपटॉप में 4500 जीबी डाटा शामिल है।
यूएस आर्मी का डेटा भी मिला
आरोपी मोबाइल फोन और लैपटॉप के जरिए टेलीग्राम पर केंद्र सरकार से संबंधित ऑनलाइन डाटा चोरी कर बेच रहा था। साइबर सेल की नजर जब इस पर पड़ी तो उन्होंने डाटा खंगाला। साइबर जांच में जब भारत सरकार से जुड़े आधार कार्ड डाटा, पेन कार्ड डाटा, भारतीय महेंद्रा कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूएसए सिटीजन, यूक्रेन, मणिपुर पुलिस, यूएस आर्मी आदि का डाटा डेस्कटॉप पर मिला तो पुलिस ने जांच की और आरोपी गिरफ्त में आया।
यूट्यूब से सीखा डार्क वेब चलाने का तरीका
पूछताछ में आरोपी ने बताया- उसे ऑनलाइन गेमिंग की लत लग गई थी। इससे उसने इंटरनेट की दुनिया के अंदर उतरना शुरू किया। आरोपी इंटरनेट का आदी हो गया और वह सारा सारा दिन यू-ट्यूब व अन्य एप पर सर्च करने लगा। इसी दौरान उसने यू-ट्यूब पर डार्क वेब और डीप वेब को सर्च करना शुरू किया। वह लगातार यूट्यूब से सीखता और फिर उसे डार्क वेब पर जाकर लागू करता।
आरोपी डार्क वेब से ही डेटा खरीदता था। इसके बाद इसे अपने टेलीग्राम ग्रुप के जरिए बेचता था। कम से कम तीन से चार महीनों में पूरा डेटा एनालिसिस हो पाएगा। आरोपी के टेलीग्राम चैनल्स पर बेचे गए डेटा और खरीदारों का पता लगाने की कोशिश जारी है।
बना रखे थे टेलीग्राम चैनल
आरोपी ने टेलीग्राम पर चैनल बना रखे थे। इन्हीं के जरिए ये डेटा बेचता था-
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