बीकानेर। राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा एक दिवसीय किसान और पशुपालक मेले का शुभारम्भ आज राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंदराम मेघवाल द्वारा किया गया।
पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा बीकानेर आयोजित इस दिवसीय पशु पालक और किसान के दौरान किसानों को तकनीकी जानकारी प्रदान करने के लिए वैज्ञानिक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। मेले में पधारे राजस्थान सरकार के आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग, प्रशासनिक सुधार और समन्वय, सांख्यिकी विभाग, निति निर्धारण प्रकोष्ठ मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने विशेष बातचीत में कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि किसानों को पारंगत बनाया जा सके ताकि बढ़िया खेती उनके रोजगार में अभिवृद्धि का आधार बने ।उन्होंने कहा कि नहर आने से पूर्व तक राजस्थान का किसान पशु पालन पर आजीविका चलाता था ,इसी को ध्यान में रखते हुए किसान को आत्मनिर्भर बनाने की जुगत में इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संदर्भ में पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की जागरूकता बढ़ रही है यदि समय पर प्रीमियम एवं गिरदावरी देते रहते हैं तो इसका उन्हें लाभ मिलता है ।उन्होंने बताया कि हाल ही में हनुमानगढ़ गंगानगर के नोहर भादरा इत्यादि इलाकों में इसके माध्यम से किसानों ने बहुत मुआवजा हासिल किया है ।
राजूवास के प्रसार शिक्षा निदेशक एवं कार्यक्रम के आयोजन सचिव प्रोफेसर राजेश कुमार धूरिया ने बताया कि एक दिवसीय मेले का उद्देश्य किसानों को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद इसके साथ ही भेड़, ऊंट, घोड़े, हॉर्टिकल्चर राष्ट्रीय संस्थानों की जानकारी प्रदान करना है इसके साथ ही “आत्मा परियोजना” के अंतर्गत बीकानेर संभाग के 9 ब्लॉक के किसानों और पशुपालकों को इस मेले के दौरान खेती और पशुपालन से अपनी आय दुगनी करने संबंधी जानकारी दी गई है ।
राजूवास के कुलपति प्रो सतीश के गर्ग ने बताया कि किसानों की आय दुगनी करने का कार्य केवल खेती के माध्यम से संभव नहीं है इसके लिए पशु पालन मुर्गी ,भेड़ , बकरी, हॉर्टिकल्चर फल और सब्जियों के उत्पादन तथा मधुमक्खी पालन संबंधी जानकारी इस आयोजन के माध्यम से किसानों और पशुपालकों को दी जा रही है। यहां पर किसानों एवं पशुपालकों की आय दोगुनी करने के लिए बनने वाले उत्पादों की स्टालें भी लगाई गई है जिसमें ऐसे फीड फॉर्मूलेशन तक उपलब्ध है जिन्हें मात्र 100 ग्राम खिलाने मात्र से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि सहित अन्य लाभ किसानों को प्राप्त हो सकते हैं।उन्होंने कहा कि पशुपालकों को व्यवसायिक बनाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा इस मेले का आयोजन किया गया है।
मेले में स्टाल लगाने वाले प्रेम एग्रो प्रोडक्ट के प्रेम प्रकाश खत्री ने बताया कि पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए आधुनिक विज्ञान एवं तकनीक का सहारा लेते हुए गाय भैंसों की दूध क्षमता बढ़ाने हेतु उनके लिए भोजन तैयार किया गया है साथ ही एक विशेष प्रकार के बिस्किट भी तैयार किए गए हैं जिनसे भेड़ों की ऊन देने की क्षमता में डेढ़ गुना तक का इजाफा होता है। देसी गाय पालन के कार्य में में लगे आदर्श बांठिया ने बताया कि गाय के गोबर सहित गोमूत्र,अर्क इत्यादि का उपयोग करते हुए अगरबत्ती दंत मंजन इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशु मेले के माध्यम से कृषि की उन्नत तकनीकों की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई है ।इस दौरान नोखा से आई “बेटी बचाओ” कार्यक्रम से जुड़ी भगवती ने बताया कि गांव में रहने वाली महिलाओं को हाथ से बने सामान तथा खाने पीने के सामान के द्वारा रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए नोखा में राजूवास द्वारा विशेष ट्रेनिंग भी दिलवाई गई है।
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