राजस्थान में गहलोत को क्या वोटरों से मिलेगा रिटर्न गिफ्ट? वेलफेयर स्कीम पर दिल खोलकर किया है खर्च
राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां जीत के समीकरण बनाने में जुटी हुई हैं। इसी बीच सीएम अशोक गहलोत ने अपने 5 साल के कार्यकाल में जनता पर दिल खोल कर पैसा खर्च किया। गहलोत ने कई वेल्फेयर स्कीम की घोषणा कर लोगों को लाभ पहुंचाया, लेकिन इसमें देखने की बात यह है कि क्या अब लोग उन्हें चुनाव में जीत दिला कर रिटर्न गिफ्ट देंगे या नहीं।
जयपुर : राजस्थान में विधानसभा चुनाव का शोर जोरों पर है। बीजेपी और कांग्रेस के साथ तीसरे मोर्चे वाली पार्टियां भी प्रचार प्रसार में पूरा जोर लगा रही है। बीते पांच साल में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने जो योजनाएं लांच की। उनके प्रचार प्रसार के लिए बीते एक साल में सरकार ने खूब पैसा खर्च किया। खुद सीएम अशोक गहलोत ने ताबड़तोड़ दौरे किए। ग्रामीण ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने के बहाने सरकारी योजनाओं का प्रचार किया। छह महीने पहले सीएम गहलोत ने प्रदेश वासियों को कई सरकारी योजनाओं का लाभ गारंटी से देने के लिए महंगाई राहत गारंटी शिविर लगाए। डेढ़ करोड़ से ज्यादा परिवारों ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। अब देखना यह है कि क्या प्रदेश का मतदाता सीएम गहलोत को रिटर्न गिफ्ट देंगे ? आइये जानते हैं कि गहलोत ने क्या क्या गारंटियां दी।
1. चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना – इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के हर परिवार को मुफ्त इलाज की गारंटी दी गई है। सरकारी अस्पतालों में तो इलाज फ्री है ही, साथ ही निजी अस्पतालों में भी 25 लाख रुपए तक के इलाज का भुगतान सरकार वहन करेगी। इसके लिए परिवार की मुखिया महिला के जन आधार कार्ड को आधार बनाया गया है। इस जन आधार में जुड़े सदस्यों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। सरकार की इस योजना का लाभ प्रदेश के हर परिवार को मिल रहा है। चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ भी हर परिवार को दिया जा रहा है जिनमें अगर हादसे में किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है तो राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना में अब तक 1 करोड़ 34 लाख 60 हजार 342 परिवार रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
2. सामाजिक सुरक्षा पेंशन – राज्य सरकार की ओर से बुजुर्गों, विधवाओं, निशक्तजनों, एकल नारी सहित कई अलग अलग श्रेणियों में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। पहले 500 रुपए प्रति माह पेंशन दी जाती थी जिसे बाद में 500 से बढ़ाकर 750 कर दिया था। अब राज्य सरकार ने हर श्रेणी के पात्र व्यक्ति की न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए प्रतिमाह कर दी है। इस योजना का लाभ भी अधिकतर परिवारों को मिल रहा है। यह योजना भी गहलोत सरकार के रिपीट में बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस योजना का लाभ पाने के लिए 53 लाख 75 हजार 654 लाभार्थी रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
3. महिलाओं को सरकारी बसों में 50 फीसदी किराए की छूट – राज्य सरकार की ओर से महिलाओं को रोडवेज की सभी श्रेणी की बसों के किराए में 50 फीसदी छूट देने का ऐलान किया गया है। पहले सामान्य श्रेणी की बसों में 30 प्रतिशत छूट दी जा रही थी। इसका लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिलता था लेकिन शहरी महिलाएं ज्यादा लाभ नहीं ले पाती थी। अब मुख्यमंत्री ने ऐलान कर दिया है कि सभी श्रेणी की बसों में 50 फीसदी की छूट दी जाएगी। ऐसे में महिलाएं गहलोत का समर्थन कर सकती हैं।
4. अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना – इस योजना के तहत खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पात्र परिवारों को हर महीने मुफ्त राशन दिया जाता है। राज्य सरकार की ओर से फूट पैकेट के किट दिए जा रहे हैं। इस योजना के लाभार्थियों की संख्या भी एक करोड़ से ज्यादा है। महंगाई राहत कैंप में अब तक 1 करोड़ 6 लाख 81 हजार 259 परिवार इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह योजना भी गहलोत सरकार को करने में कारगर साबित हो सकती है।
5. ओल्ड पेंशन योजना बहाल – राजस्थान सरकार द्वारा ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करना बहुत बड़ा फैसला है। प्रदेश के 35 लाख से ज्यादा कर्मचारी ओपीएस को बहाल करने से खुश हैं। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल हो सकती है लेकिन गहलोत सरकार ने यह कर दिखाया है। राजस्थान सरकार की पहल के बाद देश के कुछ और राज्यों में भी ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल की है और कई राज्य इसे लागू करने पर विचार कर रहे हैं। देश के कई राज्यों में ओपीएस बहाल करने के लिए बड़े बड़े आंदोलन हो रहे हैं। वहां की सरकारों को कर्मचारियों के आगे मजबूर होना पड़ रहा है। केन्द्र सरकार ने भी वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है जो ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम पर विचार कर रही है। वर्ष 2004 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को खत्म करने नई पेंशन योजना शुरू की थी। नई पेंशन योजना से कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन पर अनिश्चितता का भाव था क्योंकि यह राशि शेयर मार्केट के उतार चढाव पर निर्भर होती थी।
6. इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना – हर घर की महिला मुखिया को स्मार्ट फोन देने की योजना अपने आप में अनूठी है। इस योजना का आगामी चुनावों में व्यापक असर देखा जा सकता है। पहले फेज में 40 लाख और दूसरे फेज में 80 लाख से ज्यादा महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाने हैं। राज्य सरकार की ओर से कुल 1 करोड़ 40 लाख महिलाओं को मुफ्त स्मार्टफोन दिए जाने हैं। स्मार्ट फोन के साथ तीन साल की मुफ्त इंटरनेट डेटा और अनलिमिटेड कॉलिंग फ्री की सुविधा शामिल है।
7. मनरेगा में 125 दिन का रोजगार – महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पहले 100 दिन का रोजगार दिया जा रहा था। इसे बढ़ाकर अब राज्य सरकार ने 125 दिन कर दिए हैं। अतिरिक्त 25 दिनों के कार्यों का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जा रहा है। यह योजना केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने शुरू की थी जो कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित हुई हैं। हर ग्राम पंचायत में लोगों को रोजगार दिया जा रहा है जो गरीब और मजदूर वर्ग के परिवारों के लिए रोजगार का जरिया बन गया है। इस योजना की तर्ज पर गहलोत सरकार ने पिछले दिनों इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना भी शुरू की है। अब ग्रामीण क्षेत्रों की तरह शहरों में भी जरूरतमंद लोगों को उनकी क्षमता के अनुरूप रोजगार दिया जा रहा है।
8. मुफ्त बिजली योजना – प्रदेश की जनता को महंगाई से राहत प्रदान करने के लिए गहलोत सरकार ने मुफ्त बिजली देकर बड़ी सौगात दी है। हर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जा रही है। इसका लाभ उठाने के लिए उपभोक्ताओं को महंगाई राहत कैंप में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके साथ ही किसानों को हर महीने 2000 यूनिट मुफ्त बिजली देकर किसानों को बड़ी राहत दी है।
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