ऊंटनी के दूध की गुणवत्ता में सुधार के लिए अनुसंधान हेतु स्वर्ण पदक
बीकानेर।राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में सप्तम दीक्षांत समारोह का आयोजन रविवार को हुआ | जिसमे माननीय राज्यपाल श्री कलराज मिश्र जी ने शिरकत की | माननीय राज्यपाल, कुलपति महोदय प्रोफेसर डॉ सतीश कुमार जी गर्ग एवं दीक्षांत अतिथि महोदय ने बीकानेर के डॉ अनिल हर्ष को आनुवांशिक स्तर पर उंठनी के दुग्ध की गुणवत्ता में सुधार के लिए किए अनुसंधान पर आधारित शोधकार्य के लिए उनको विद्या वाचस्पति उपाधि का स्वर्ण पदक एवम पीएचडी की उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर उनकी मुख्य एडवाइजर एवं विश्वविद्यालय की परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर डॉ उर्मिला पानु, कुलपति प्रोफेसर डॉ हेमंत दाधीच, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर प्रोफेसर डॉ राजेश कुमार जी धूरिया, महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ ए. पी. सिंह जी, राजुवास की कुलसचिव श्रीमति बिंदु खत्री, सभी अकादमिक निदेशक, विश्वविद्यालय के व्याख्याता और एल्युमनी इत्यादि मौजूद रहे | विदित रहे डॉ हर्ष को इसी अनुसंधान कार्य के लिए राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर में आयोजित हुए गैर गौवंशीय पशु उत्पादों के प्रासंस्करण, नवाचार एवं सुधार विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में अनुसंधान पत्र प्रस्तुति में सर्वश्रेष्ठ पत्र वाचन हेतु प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ था । यह शोधकार्य ऊंट की प्रजातियों में मौजूद डीगेट वन जीन की बहुरूपता, चारित्रिकरण तथा इस जीन के दुग्ध उत्पादन से सह-संबंध के विश्लेषण पर आधारित था , जो कि वैश्विक स्तर पर ऊंठ जाति में पहली बार किया गया । डॉ. हर्ष ने अपना अनुसंधान राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्व विद्यालय, बीकानेर के पशु आनुवांशिकी एवं प्रजनन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. उर्मिला पन्नू एवं राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. वेद प्रकाश के सानिध्य में किया।
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