राहुल गांधी बोले- मणिपुर में भारत माता की हत्या हुई:शाह ने कहा- वहां जो हुआ वह शर्मनाक, उस पर राजनीति करना और भी शर्मनाक
संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल के भाषण का जवाब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दिया।
संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर दूसरे दिन की बहस राहुल गांधी की स्पीच से शुरू हुई। राहुल ने अपने 35 मिनट के भाषण में भारत जोड़ो यात्रा और मणिपुर पर बात की। राहुल ने कहा- हमारे प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर नहीं गए। उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है। मैं रिलीफ कैंप गया। महिलाओं-बच्चों से बात की। प्रधानमंत्रीजी ने आज तक नहीं किया।
उन्होंने कहा- सेना एक दिन में वहां शांति ला सकती है। आप ऐसा नहीं कर रहे हो, क्योंकि आप हिंदुस्तान में मणिपुर को मारना चाहते हो। आप भारत माता के रखवाले नहीं, आप भारत माता के हत्यारे हो।
इसके जवाब में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- मणिपुर में जो हुआ शर्मनाक है। उस पर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। उन्होंनेक कहा- नरसिम्हा राव पीएम थे, तब भी मणिपुर में 700 लोग मारे गए, लेकिन पीएम वहां नहीं गए।
इससे पहले राहुल के भाषण के जवाब में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बोलीं- राहुल भारत माता की हत्या की बात करते हैं। कांग्रेस ताली बजाती है। ये इस बात का संकेत है कि मन में गद्दारी किसके है।
स्मृति ने राहुल गांधी पर महिला सांसदों के साथ अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया। भाजपा ने इसकी शिकायत स्पीकर से की है।
राहुल की स्पीच की 5 बड़ी बातें…
राहुल ने अपनी लोकसभा सदस्यता बहाल करने पर स्पीकर ओम बिड़ला को धन्यवाद दिया।
1. राहुल ने स्पीकर को धन्यवाद दिया और माफी मांगी
राहुल गांधी ने स्पीच की शुरुआत में स्पीकर से कहा- सबसे पहले मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं कि आपने मेरी सांसदी बहाल की। पिछली बार जब मैं बोला तो थोड़ा कष्ट भी पहुंचाया। इतनी जोर से अडाणी जी पर फोकस किया कि जो आपके सीनियर नेता हैं, उन्हें थोड़ा कष्ट हुआ। जो कष्ट हुआ उसका असर आप पर भी हुआ। इसके लिए माफी मांगता हूं। मैंने सिर्फ सच्चाई रखी थी।
2. भाजपा के साथी डरें नहीं, अडाणी पर नहीं बोलूंगा
राहुल ने कहा- आज जो मेरे भाजपा के मित्र हैं। आज आपको डरने की जरूरत नहीं है। अडाणी जी पर नहीं बोलने जा रहा हूं। आप शांत रह सकते हैं। मेरा भाषण आज दूसरी डायरेक्शन में जा रहा है। रूमी ने कहा था कि जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं। आज मैं दिमाग से नहीं बोलना चाहता, आज मैं दिल से बोलूंगा। मैं आज आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा। एक-दो गोले जरूर मारूंगा। आप रिलैक्स कर सकते हैं।
3. राहुल बोले- PM के लिए मणिपुर हिन्दुस्तान नहीं है
राहुल गांधी ने कहा- कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया। हमारे प्रधानमंत्री आज तक नहीं गए, क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है। मैंने मणिपुर शब्द प्रयोग किया। आज की सच्चाई यह है कि मणिपुर नहीं बचा है। मणिपुर को आपने बांट दिया है, तोड़ दिया है। रिलीफ कैंप में गया, महिलाओं से बात की, बच्चों से बात की। प्रधानमंत्री जी ने आज तक नहीं किया।
इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है। सिर्फ मणिपुर की नहीं की। इनकी राजनीति ने मणिपुर का नहीं, हिंदुस्तान का मर्डर किया।
इस पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू बोले- राहुल जी ने सदन में जो बातें कही हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि नॉर्थ-ईस्ट को इन्होंने खत्म किया है। आज की समस्या इनकी पैदा की हुई है।
4. मणिपुर में भारत माता की हत्या हुई
राहुल बोले- जैसे मैंने भाषण की शुरुआत में बोला कि भारत एक आवाज है। जनता की आवाज है, दिल की आवाज है। उस आवाज की हत्या आपने मणिपुर में की, इसका मतलब भारत माता की हत्या आपने मणिपुर में की। आप देशद्रोही हो, आप देशभक्त नहीं हो। इसीलिए आपके प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जा सकते हैं, क्योंकि उन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान, भारत माता की हत्या की है। आप भारत माता के रखवाले नहीं, आप भारत माता के हत्यारे हो।
स्पीकर बिड़ला बोले- भारत माता हमारी मां है, सदन में बोलते वक्त मर्यादा का ध्यान रखें। इस पर राहुल बोले- मैं अपनी मां की बात कर रहा हूं। आपने मणिपुर में मेरी मां की हत्या की। एक मां यहां बैठी है, दूसरी की हत्या आपने मणिपुर में की। सेना एक दिन में वहां शांति ला सकती है। आप ऐसा नहीं कर रहे हो, क्योंकि आप हिंदुस्तान में मणिपुर को मारना चाहते हो।
5. मोदी जी सिर्फ दो लोगों की सुनते हैं
राहुल ने कहा- मोदी जी अगर मणिपुर की आवाज नहीं सुनते हैं, उसके दिल की आवाज नहीं सुनते हैं तो किसकी सुनते हैं? किसकी आवाज सुनते हैं, सिर्फ दो लोगों की आवाज सुनते हैं। रावण दो लोगों की सुनता था- मेघनाद और कुंभकर्ण। वैसे ही मोदी जी अमित शाह और अडाणी की सुनते हैं।
लंका को हनुमान ने नहीं, रावण के अहंकार ने जलाया। राम ने रावण को नहीं मारा, उसके अहंकार ने मारा था। आप देशभर में केरोसिन छिड़क रहे हो, आपने मणिपुर में केरोसिन छिड़की। आप पूरे देश में केरोसिन छिड़क कर उसे जलाना चाहते हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के भाषण की 5 बड़ी बातें…
1. स्मृति ईरानी ने कहा- आप इंडिया नहीं हैं
स्मृति ईरानी ने कहा- आप इंडिया नहीं हैं। पहली बार राष्ट्र के इतिहास में भारत मां की हत्या की बात की। कांग्रेस पार्टी यहां तालियां बजाती रही। जो भारत की हत्या की बात पर तालियां पीटते हैं, इस बात का संकेत पूरे देश को दिया कि मन में गद्दारी किसके है। मैं आज हिंदुस्तानी होने के नाते कहती हूं, मणिपुर खंडित-विभाजित नहीं है, मेरे देश का अंग है।
इन्हीं के अलायंस के सदस्य ने तमिलनाडु में कहा- भारत का मतलब मात्र उत्तर भारत नहीं है। राहुल के अंदर हिम्मत हो तो वो अपने साथी के बयान का खंडन करें। कांग्रेस के एक साथी ने कश्मीर में रेफरेंडम की बात की। आप में हिम्मत हो तो कश्मीर को देश से अलग करने की साजिश में उसका क्या रोल है, आप बताएं। आप भारत नहीं हैं।
2. मणिपुर ना खंडित था, ना है और ना होगा
स्मृति ने कहा- शायद अपने ही कोलाहल में सुन ना पाए हों, मणिपुर ना खंडित था, ना है और ना होगा। देश का अभिन्न अंग है। हमारे राष्ट्र के संसदीय इतिहास में आज तक भारत मां की हत्या की बात करने वाले कभी भी बैठकर मेज नहीं थपथपाते। कांग्रेसियों ने मां की हत्या के लिए आज बैठकर मेज थपथपाई है।
ये इंसाफ की बात करते हैं, ये चेहरा धूमिल है। मैं बताऊं किसका चेहरा है? ये चेहरा है गिरिजा टिक्कू का। 90 के दशक में एक महिला यूनिवर्सिटी में अपना पे चेक लेने जाती है। बस से घर लौटने का प्रयास करती है। उसको 5 मर्द बस से खींच कर टैक्सी में ले जाते हैं, बलात्कर करते हैं और फिर आरी से उसका बदन काट देते हैं। जब उनके जीवन पर बनी फिल्म आई तो कांग्रेस के कुछ प्रवक्ताओं ने उसे प्रोपेगैंडा कहा।
सरला भट्ट मेडिकल स्टाफ थी। 90 के दशक में उसको उसके इंस्टिट्यूट से अगवा कर गैंगरेप किया गया। आज मैं पूछना चाहती हूं कि इनकी अलायंस के लोग हिंदुस्तान को विभाजित करने की बात करते हैं, ये इंसाफ के पुजारी बताते हैं। गिरिजा टिक्कू और सरला भट्ट को इंसाफ कब मिलेगा। उस समय यह नारे गूंजते थे- रलियू, सलियू, गलियू, यानी या अपना धर्म बदलो या कश्मीर छोड़ दो या यहीं मरो।
3. उनकी आवाज को आपने कभी नहीं सुना
उनकी आवाज को आपने कभी नहीं सुना, वो भारत की आवाज नहीं है? 84 के दौरान मुझ जैसे कुछ लोग राजधानी दिल्ली में थे। प्रणय गुप्ता ने कहा कि सिख बच्चों को नपुंसक बनाकर उनके अंग मांओं के मुंह में ठूंसे गए। त्रिलोक पुरी की 30 महिलाओं का गैंगरेप किया गया। मां के सामने बेटे को केरोसिन छिड़क कर आग लगा दी।
4. जोड़ों के दर्द पर भाषण नहीं दूंगी
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान अपने जोड़ों के दर्द की चर्चा की। इस पर स्मृति ने कहा- राहुल कहते हैं कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक चले। जोड़ों के दर्दों पर भाषण नहीं दूंगी। जिन वादियों को खून से सना देखा, जहां हर दिन गोलियां गूंजती थीं, जब ये वहां गए तो अपने परिजन के साथ बर्फ के साथ खेल रहे थे। ये तब संभव हुआ, जब प्रधानमंत्री ने धारा 370 हटाई।
ईरानी ने कहा- कश्मीर की बेटियों को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था तो वहां की बेटियों के पास कानून का सहारा नहीं था, क्योंकि धारा 370 थी। प्रदेश के बाहर ब्याही गईं तो पैतृक सम्पत्ति से हक खत्म हो जाता था। नाबालिग का ब्याह होता था, तो 370 की वजह से कानून का सहारा नहीं मिल पाता था। जो देश से भाग गए हैं, उन्हें बता दूं कि रलियू, सलियू, गलियू कहने वाला बचेगा नहीं।
5. अडाणी खराब तो जीजाजी उनके साथ क्या कर रहे हैं
स्मृति ने कहा- तब से अडाणी-अडाणी कर रहे हैं। अडाणी इतने ही खराब है तो जीजाजी उनके साथ क्या कर रहे हैं। पूछना चाहती हूं 1993 में मुंद्रा पोर्ट में कांग्रेस सरकार ने अडाणी को जगह दी। 72 हजार करोड़ का लोन दिया। राजस्थान में 7 हजार करोड़ से ज्यादा का समझौता किया।
केरल में कांग्रेस की UDF सरकार के साथ पोर्ट का काम दिया। महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार में पोर्ट का काम दिया। बंगाल में हल्दिया पोर्ट का काम क्यों दिया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने काम क्यों दिया? अब इसमें बेटा किसका सेट होगा और दामाद को कितना भेंट होगा, ये हम क्या जानें?
स्मृति ने कहा- पूरी बला की जड़ परिवारवाद में है। परिवारवाद की राजनीति की जड़ कांग्रेस में हैं। इनके अलायंस के लोग चारा खाते हैं और ये उनके घर जाकर मटन खाते हैं। मजबूरी स्वीकार ली है। इन्होंने मजबूरी स्वीकार कर ली है कि तीसरी बार मोदी की बारी।
भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर BJP सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया। ये सभी ‘भ्रष्टाचार भारत छोड़ो, वंशवाद भारत छोड़ो’ के नारे लगाते नजर आए।
मणिपुर पर शाह के भाषण की 5 बड़ी बातें…
1. हमने तो खुद चर्चा के लिए स्पीकर को लिखा
शाह ने कहा- ये कहा जा रहा है कि हम मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहते, लेकिन सदन शुरू होने से पहले हमने इस पर चर्चा के लिए स्पीकर को लिखा था। विपक्ष चर्चा नहीं चाहता, वे सिर्फ विरोध करना चाहते हैं। मणिपुर जैसे मुद्दे पर आप गृहमंत्री को नहीं बोलने दे रहे हैं। आप हमें चुप नहीं कर सकते हो, हमें सुनना पड़ेगा।
2. म्यांमार बॉर्डर की फेंसिंग कर रहे
2021 में म्यांमार में सत्ता बदली। वहां मिलेट्री सरकार गिर गई। वहां कुकी डेमोक्रेटिव फ्रंट ने आंदोलन किया तो मिलेट्री सरकार ने दबाव बनाया। हजारों की संख्या में कुकी आदिवासी मणिपुर के जंगलों में बसने लगे। हमने सुरक्षा के लिहाज से फ्री बॉर्डर को बंद करने का फैसला लिया। 10 किलोमीटर फेंसिंग हो चुकी है। 7 किमी का काम जारी है।
3. अफवाह और हाईकोर्ट के फैसले ने आग में घी डाला
जनवरी से हमने शरणार्थियों को परिचय देना शुरू किया। बायोमेट्रिक परिचय लेकर उनका नाम वोटर लिस्ट और आधार लिस्ट से हटाया। इसी दौरान अफवाह फैली कि शरणार्थियों की बसाहट को गांव घोषित कर दिया गया। इसके बाद हाईकोर्ट का एक फैसला आया। इसने आग में घी डालने का काम किया। वहां एक जुलूस निकला। इस पर पथराव हुआ। इसके बाद बनी स्थितियों से क्लैश हुआ, जिसके बाद जो हुआ वो सबने देखा।
4. 1993 में भी हिंसा हुई, PM नरसिम्हाराव मणिपुर नहीं गए
1993 में पीवी नरसिम्हाराव प्रधानमंत्री थे। मणिपुर में कांग्रेस के ही मुख्यमंत्री थे। उस समय नगा-कुकी संघर्ष हुआ। 700 लोग मारे गए। तब भी प्रधानमंत्री वहां नहीं गए थे। मैं नाम बोलना नहीं चाहता। गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड में शामिल है कि कौन इसमें शामिल है। 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब वहां 1700 से ज्यादा लोगों के एनकाउंटर हुए। मणिपुर में जो हुआ वो नस्लीय हिंसा है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
5. CM का सहयोग फिर क्यों लगे राष्टपति शासन
मोदी जी ने रात मैं मुझे फोन करके उठाया। हमने कई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कीं। वहां के अफसर बदले। हमने डीजीपी बदला, चीफ सेक्रेटरी बदला। लेकिन, सीएम ने हमें सहयोग किया। इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया। राष्ट्रपति शासन तब लगता है, जब राज्य सरकार सहयोग न करे।
अविश्वास प्रस्ताव पर शाह बोले- बहुमत खरीदने वाले अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं
अमित शाह बोले- अविश्वास प्रस्ताव में चर्चा के दौरान सरकार के खिलाफ कुछ मुद्दे रखे जाते हैं। लेकिन, विपक्ष ने ऐसा नहीं किया। चर्चा सुनने के दौरान मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि ये निष्कर्षहीन प्रस्ताव है।
हमारे पास सदन और जनता दोनों का समर्थन है। जनता में कहीं भी पीएम मोदी के खिलाफ अविश्वास नहीं है। दो बार पूर्ण बहुमत से भारतीय जनता पार्टी को चुना गया। 30 साल बाद पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। आजादी के बाद सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। यह दुनियाभर के सर्वे कहते हैं।
विपक्ष के नेता भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण से घिरे हुए हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नारा दिया है- भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया, तुष्टीकरण क्विट इंडिया। नरसिम्हाराव की सरकार के समय अविश्वास प्रस्ताव आया। उस समय झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसदों को खरीदकर सरकार बचाई गई। बाद में इस केस में सजा हुई।
आज कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा साथ बैठे हैं। यही मनमोहन सरकार में 2008 में हुआ था। यह कांग्रेस का चरित्र है। एक हमारा चरित्र है कि अटल जी की सरकार एक वोट से गिर गई थी, हमने सांसदों को खरीदफरोख्त नहीं की थी। इसके बाद अटल जी के नेतृत्व में फिर एनडीए की सरकार बनी थी
BJP के सांसद मनोज तिवारी ने भी संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
संसद परिसर में भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण भारत छोड़ो के पोस्टर के साथ प्रदर्शन करते सांसद।
राज्यसभा की शुरुआती कार्यवाही 30 मिनट चली, इसके बाद इसे दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया, बाद में यह 2.45 और 3.15 बजे तक के लिए स्थगित की गई।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी। 7 अगस्त को ही उनकी सांसदी बहाल हुई थी। 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि केस में दोषसिद्धि पर रोक लगाई थी।
संसद अपडेट्स…
- फारुख अब्दुल्ला बोले- पिछले 9 सालों में एक भी कश्मीरी पंडित को घाटी में फिर से नहीं बसाया गया।
- राहुल गांधी सोनिया के आवास से संसद आते वक्त रास्ते में स्कूटी सवार से भी मिले, जिसका एक्सीडेंट हो गया था। राज्यसभा में AAP सांसद सुशील सिंह टमाटर की माला पहनकर पहुंचे।
- राज्यसभा में 6 बिल पेश किए जाने हैं इनमें संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल शामिल हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का पहला दिन…
कांग्रेस ने सरकार से 3 सवाल पूछे
- प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए। राहुल गए, INDIA अलायंस के सांसद गए, गृहमंत्री गए।
- 80 दिन क्यों लगे मणिपुर पर बोलने में। बोले तो सिर्फ 30 सेकेंड बोले। आज तक संवेदना का कोई शब्द व्यक्त नहीं किया।
- मणिपुर के मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया। मणिपुर के CM को क्या विशेष आशीर्वाद है, जो खुद स्वीकार कर रहे हैं कि इंटेलिजेंस फेलियर हुआ।
कांग्रेस ने मोदी के ना बोलने की 3 वजहें गिनाईं
1. PM को स्वीकार करना पड़ेगा कि मणिपुर में डबल इंजन की सरकार फेल हो गई।
2. मणिपुर में भारत का गृह विभाग और रक्षा सलाहकार विभाग विफल रहा है।
3. प्रधानमंत्री जनता के बीच यह स्वीकार नहीं करना चाहते हैं कि उनसे भूल हुई है।
भाजपा बोली- राहुल के भाषण का इंतजार था, लगता है तैयारी नहीं थी
- सरकार की ओर से निशिकांत दुबे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा- हमें राहुल गांधी के बोलने की उम्मीद थी, पर वो नहीं बोले। लगता है, राहुल जी तैयार नहीं थे, देर से उठे होंगे।
- दुबे ने कहा, ‘भारतीय नारी को क्या-क्या करना चाहिए, उसकी पूरी की पूरी पिक्चर सोनिया जी देती हैं। उनको दो काम करने हैं- बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है।’
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