बीकानेर, 8 मई। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की साध्वीश्री विजयप्रभाश्री, साध्वीश्री चंदन बाला, प्रभंजनाश्री व साध्वी साध्वीश्री मृगावतीश्री व साध्वीवृंद के सान्निध्य में ि़त्र दिवसीय वर्षीतप पारणा का ़ महोत्सव के प्रथम बुधवार को भक्ति संगीत के साथ भगवान आदि नाथ की पंच कल्याणक पूजा, नवंकार महामंत्र का जाप के आयोजन हुए। गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ मंदिर में 18 अभिषेक साध्वीवृंद के सान्निध्य अभिषेक व सुगनजी महाराज के उपासरे में दोपहर दो बजे गीत,सांझी का आयोजन होगा।
रांगड़ी चौक के सुगनजी महाराज के उपासरे में सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के तत्वावधान में श्री जिनेश्वर युवक परिषद की ओर से पूजा का लाभ उज्जैन के चन्द्र शेखर, तरुण कुमार, बिन्दू, कैवल्य डागा परिवार ने लिया। पूजा में साध्वीश्री प्रभंजना, चिन्मयाश्रीजी, तपस्वी चिदयशाश्री, वीरेन्द्र पप्पूजी बांठिया, कुशल दुगड़, श्रीमती बिन्दू डागा व विचक्षण महिला मंडल ने वरिष्ठ श्राविका मूलाबाई दुगड़ के नेतृत्व में ’’तर जाने के लिए कीजिए पूजन आदिनाथ जिनेश्वर का’’, ’’पूजन प्रभु आदि जिनेश्वर का घर-घर में मंगल बरताये, जो करे भाव से भवि प्रणी भव सागर से तर जावें’’, ’’ऋषभ देव की देन, सब कला, ज्ञान साहितय सीखो, सिखलाओ सदा बनो उद्यमी नित्य ’’ भजन विभिन्न राग व तर्जों व ढाल के साथ भगवान के चव्यन, जन्म, दीक्षा, केवल्य ज्ञान व मोक्ष कल्याणक पूजा के दौरान प्रस्तुत किए।
श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा ने बताया गुरुवार को आदिश्वरजी के मंदिर में 18 अभिषेक व दोपहर पदो बजे सुगनजी महाराज के उपासरे में सामूहिक गीत, 10 मई
अक्षया तृतीया शुक्रवार को सुबह नौ बजे तपस्या का वरघोड़ा (शोभायात्रा) उपासरे से रवाना होकर ढ्ढ्ढा कोटड़ी पहुंचेगा। श्री जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया नाहटा चौक के भगवान आदिनाथ मंदिर आदिनाथ मंदिर प्रन्यास के सहयोग आदिश्वरजी के मंदिर में गुरुवार को 18 अभिषेक भक्ति संगीत के साथ होगा ।
साध्वीश्री चिदयशाश्री सहित 9 श्राविकाओं का होगा पारणा
श्री जिनेश्वर युवक परिषद के मंत्री मनीष नाहटा ने बताया की बीकानेर मूल की सांसारिक रूप से बोथरा परिवार की साध्वीश्री चिदयशा सहित 9 श्राविकाओं का वर्षीतप का पारणा होगा। साध्वीश्री चिदयशा ने दीक्षा के प्रथम वर्ष यानि 30 पहले वर्षीतप किया तथा यह उनका दूसरा वर्षीतप है। आचार्यश्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी की प्रेरणा से गुजरात के पालीतणा तीर्थ में चातुर्मास कर करीब 1500 किलोमीटर की पद यात्रा करते हुए अपनी मातृभूमि में तपस्या के पारणे के लिए पहुंची है। उन्होंने बताया कि वर्षीतप की तपस्या में एक दिन उपवास एक दिन बयासना यानि दो वक्त सीमित आहार लिया जाता है।
नाल दादाबाड़ी में पूजा व प्रसाद
नाल स्थित दादा गुरुदेव जिन कुशल सूरीश्वरजी की दादाबाड़ी में बुधवार अमावस्या को भक्ति संगीत के साथ पूजा व प्रसाद का किया गया। पूजा का लाभ गंगाशहर के सुश्रावक जेठमल, चन्द्र कुमार, जयकुमार भंसाली परिवार ने लिया है।
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