विधानसभा चुनाव में गहलोत का खर्चा पायलट से डबल:32 विधायकों ने ऑनलाइन कैंपेन पर लाखों खर्चे, ADR रिपोर्ट में सामने आया सबका हिसाब-किताब
जयपुर
राजस्थान विधानसभा चुनाव में विधायकों ने कितना पैसा खर्च किया, इसका हिसाब-किताब चुनाव आयोग को बताया है। अपने प्रचार में हर विधायक ने औसतन 22.53 लाख रुपए खर्च किए हैं। इस मामले में बीजेपी के विधायक कांग्रेस से आगे रहे हैं।
सीएम भजनलाल शर्मा ने वसुंधरा राजे से लगभग डबल पैसा खर्च किया। वहीं, कांग्रेस में अशोक गहलोत का खर्च सचिन पायलट से डबल है। मंत्रियों में सबसे ज्यादा पैसे हीरालाल नागर ने खर्च किए और सबसे कम किरोड़ी लाल मीणा ने। एडीआर की रिपोर्ट में विधायकों के चुनाव खर्च को लेकर कई रोचक फैक्ट्स सामने आए हैं।
विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे नया ट्रेंड सोशल मीडिया पर खर्च का देखने को मिला। पहली बार 200 में से 32 विधायकों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन में लाखों रुपए खर्च करने का ब्योरा चुनाव आयोग को दिया है।
पढ़िए- पूरी रिपोर्ट….
सीएम भजनलाल, पूर्व सीएम गहलोत सहित दिग्गजों ने कितने पैसे किए खर्च?
चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में 40 लाख रुपए की खर्च सीमा तय कर रखी है। ऐसे में सीएम भजनलाल शर्मा ने विधानसभा चुनावों में 32.51 लाख रुपए खर्च करना बताया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने चुनाव प्रचार में 26 लाख रुपए खर्च किए हैं।
वसुंधरा राजे ने 17.52 लाख, जबकि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 30.96 लाख रुपए खर्च किए हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 13.03 लाख रुपए में चुनाव लड़ा है।
बड़े नेताओं ने पार्टी से चुनाव में पैसा नहीं लिया। आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने 17.30 लाख रुपए चुनाव खर्च घोषित किया है।
खर्च में डिप्टी सीएम दीया कुमारी से आगे निकले कई मंत्री
डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने अपना चुनावी खर्च 16.36 लाख और डाॅ. प्रेमचंद बैरवा ने 14.97 लाख रुपए दिखाया है। जबकि कई मंत्रियों ने इससे ज्यादा पैसे खर्च किए हैं। मंत्रियों में हीरालाल नागर ने सबसे ज्यादा 37 लाख रुपए का चुनाव खर्च दिखाया है। सबसे कम चुनाव खर्च कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने घोषित किया है। किरोड़ी लाल मीणा ने केवल 9.75 लाख रुपए खर्च किए हैं।
144 विधायकों ने स्टार प्रचारकों के साथ रैली और जुलूस पर पैसा खर्च किया
199 विधायकों ने बिना स्टार प्रचारकों, स्टार प्रचारकों के साथ रैलियों, जुलूस और बैठकों में पैसा खर्च करने का ब्योरा दिया है। इनमें से 144 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने स्टार प्रचारकों के साथ रैली, जुलूस और बैठक करने पर पैसा खर्च किया है। इसमें पार्टी के खर्च के अलावा खुद का खर्च शामिल है। वहीं, 55 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने रैली और जुलूस पर कोई पैसा खर्च नहीं किया।
41 विधायक ऐसे जिन्होंने पार्टी से नहीं लिया चुनाव खर्च
विधायकों ने चुनाव खर्च का 9 प्रतिशत पार्टी फंड और 78 प्रतिशत अपनी जेब से किया। 13 प्रतिशत दूसरे स्रोतों से मिला है। 158 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्हें उनकी पार्टी से चंदा मिला है। वहीं, 41 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्हें पार्टी से कोई चंदा नहीं मिला है।
100 विधायकों ने चुनाव के लिए चंदा-गिफ्ट लिए
50 फीसदी विधायकों ने चुनाव आयोग को दिए गए खर्च के ब्योरे में यह घोषणा की है कि उन्होंने किसी फर्म, कंपनी, व्यक्ति से चंदा, गिफ्ट और दान लिया है। दूसरी तरफ 100 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने किसी भी कंपनी या व्यक्ति से चंदा या गिफ्ट नहीं लेने का दावा किया है।
सबसे ज्यादा खर्च बैठकों पर हुआ
विधायकों ने चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा खर्च रैलियों और बैठकों में किया है। बिना स्टार प्रचारकों के रैलियों, सभाओं और नुक्कड़ बैठकों पर औसतन हर विधायक ने 8 लाख रुपए खर्च किए।
पार्टीवार देखें तो कांग्रेस विधायकों ने औसतन 7.59 लाख, बीजेपी के हर विधायक ने 6.41 लाख रुपए, निर्दलीयों ने 8.81 लाख रुपए, बीएपी ने 8.91 लाख, आरएलपी ने 10.43 लाख, आरएलडी ने 2.51 लाख, बीएसपी ने 2.07 लाख औसत खर्च किए हैं।
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