समझौता करने के लिए एकत्र हुए थे, मर्डर कर दिया:गर्ल फ्रेंड के मुद्दे पर झगड़े, फिर समझौता करने के लिए एकत्र हुए और चाकूबाजी कर दी
बीकानेर
बीकानेर के जयनारायण व्यास कॉलोनी में युवक के मर्डर मामले में गर्ल फ्रेंड का मुद्दा सामने आया है। बताया जा रहा है कि लड़की से बातचीत को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हो गए थे, जिस पर समझौता कराने के लिए सभी चाय की दुकान पर एकत्र हुए थे। इसी दौरान दोनों के बीच कहासुनी बढ़ गई और चाकूबाजी हो गई। गुस्से में इतने वार किए गए कि यश ओझा की मौत हो गई। इस घटना में एक नाबालिग भी शामिल था, जिसे पुलिस ने निरुद्ध करवाया है, वहीं तीन अन्य को गिरफ्तार किया है।
मृतक यश ओझा के भाई जितेश ओझा ने अज्ञात के खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट दी है। घटना स्थल पर ही सीसीटीवी फुटेज लगा हुआ है, जिसकी रिकॉर्डिंग के आधार पर पुलिस ने चार जनों से पूछताछ की। इसमें एक नाबालिग होने के कारण उसे निरुद्ध करवाया, जबकि तीन अन्य को हिरासत में लिया। मामला अज्ञात के खिलाफ दर्ज हुआ क्योंकि यश के परिजन इन लड़कों को जानते नहीं थे। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने ही इधर-उधर पूछताछ करके इनका पता लगाया। पुलिस ने इनको हिरासत में लिया है और गिरफ्तारी अब होगी।
बताया जा रहा है कि यश ओझा की गर्ल फ्रेंड को एक नाबालिग युवक रोज मैसेज कर रहा था, इस पर यश ने उसे मना किया। वो नहीं माना तो उसे समझाने के लिए पंडरपुरी चाय की दुकान पर दोनों के बीच बातचीत होनी थी। इसी दौरान एक पक्ष उग्र हो गया और चाकूबाजी में दनादन वार किए। इसी में एक वार गर्दन पर लगा जिससे उसकी मौत हो गई। चाय की दुकान पर खून ही खून बह गया।
दस बजे का नियम हुआ हवा
दस बजे तक सभी दुकानें बंद करने का नियम है लेकिन बीकानेर में इसका पालन नहीं हो रहा। न सिर्फ जयनारायण व्यास कॉलोनी बल्कि शहर के कई क्षेत्रों में देर रात तक दुकानें खुली रहती है, जहां लोग नशा सामग्री बेचते हैं। यहीं रात को नशा करते हैं। बीकानेर के जिन क्षेत्रों में दुकानें रातभर खुली रहती है उसमें जयनारायण व्यास काॅलोनी, पंचशती सर्किल, कीर्ति स्तम्भ, व्यास कॉलोनी मूर्ति सर्किल, पवनपुरी मेन मार्केट, उरमूल सर्किल, जस्सूसर गेट अंदर व बाहर, मुक्ता प्रसाद नगर, बंगला नगर, रामपुरा बस्ती, जसोलाई तलाई, दम्माणी चौक, नत्थूसर गेट अंदर व बाहर स्थित चाय की दुकानों पर भीड़ रहती है। रात एक बजे तक लोग यहां जमा रहते हैं।
दुकान पर काम करते हैं पिता
यश ओझा गंगाशहर में रहता था। उसके पिता संजय कुमार ओझा बहुत सामान्य परिवार से हैं। संजय एक परचून की दुकान पर काम करते हैं। जैसे-तैसे घर को चला रहे हैं और इस बीच इस हादसे के बाद पूरा परिवार सदमे में है।
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