NATIONAL NEWS

सादुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट की दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी प्रारंभ

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare


पांडुलिपियां और प्राचीन पुस्तकें समाज की धरोहर, इनके संरक्षण के लिए उठाए जाएंगे ठोस कदम: विधायक

बीकानेर, 12 नवंबर। सादुल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट के 80वें स्थापना दिवस पर पांडुलिपियों और प्राचीन पुस्तकों की दो दिवसीय प्रदर्शनी मंगलवार को शुरू हुई। बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानंद व्यास ने फीता खोलकर इसका उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट में संग्रहित पांडुलिपियां और पुस्तकें हमारी धरोहर हैं। इन्हें संरक्षित करने की दिशा में ठोस कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज साहित्यकारों ने कठोर साधना करते हुए साहित्य का प्रचुर भंडार दिया। इसके हस्तलिखित प्रारूप को आने वाली पीढ़ियां के लिए सुरक्षित रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। यह साहित्य युवा शोधार्थियों के लिए बेहद उपयोगी है।
उन्होंने कहा कि राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता दिलाने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए जनतचेतना की जरूरत है। राजस्थानी जन-जन की भाषा बने, इस दिशा में पहल की जाए। स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थी राजस्थानी विषय लें। उन्होंने कहा कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में स्थाई राजस्थानी विभाग खुलवाने के लिए राज्य सरकार और कुलपति स्तर पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान उन्होंने पुस्तकों का अवलोकन किया।
इंस्टीट्यूट सचिव राजेंद्र जोशी ने बताया कि संस्था द्वारा वर्ष 1946 से विभिन्न पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा है। यहां बड़ी संख्या में पांडुलिपियां हैं। जिनके अवलोकन के लिए बड़ी संख्या में शोधार्थी आते हैं। इंस्टीट्यूट की पत्रिका राजस्थान भारती का संपादन रानी लक्ष्मी कुमारी चुंडावत, अगर चंद नाहटा, बद्री दास सांकरिया जैसे साहित्यकारों ने किया। उन्होंने 80वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
साहित्यकार राजा राम स्वर्णकार ने कहा कि इंस्टीट्यूट द्वारा राजस्थाने के युवा रचनाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए सतत गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। डॉ. अजय जोशी ने बीकानेर की राजस्थानी साहित्यिक परंपरा के बारे में बताया। डॉ. नमामी शंकर आचार्य ने उच्च शिक्षा में राजस्थानी भाषा की उपयोगिता एवं आवश्यकता के बारे में बताया। कृष्ण कुमार शर्मा ने कहा कि मातृ भाषा को प्रोत्साहित करना आज की जरूरत है। अब्दुल शकूर सिसोदिया ने आभार जताया। सचिव जोशी ने बताया कि प्रदर्शनी बुधवार को भी आमजन के अवलोकनार्थ खुली रहेगी। इस दौरान राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालयाध्यक्ष विमल कुमार शर्मा मौजूद रहे।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!