स्लाइड दिखाकर बेहतर इलाज के दिए टिप्स:सौ से ज्यादा डॉक्टरों ने बच्चों की बीमारियों पर मंथन किया
पीडियाट्रिक सोसाइटी की कार्यशाला में मौजूद चिकित्सक।
केंद्रीय एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक तथा बीकानेर पीडियाट्रिक सोसाइटी का संयुक्त आयोजन
केंद्रीय एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक तथा बीकानेर पीडियाट्रिक सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान मे रविवार को रानी बाजार के एक होटल में विभिन्न जिलों से पहुंचे सौ से अधिक डॉक्टरों ने बच्चों की बीमारियों पर मंथन किया। कार्यशाला में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुभवी डॉक्टरों ने स्लाइड तथा संवाद के माध्यम से बेहतर इलाज के टिप्स बताए।
कार्यशाला में जयपुर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, नागौर आदि स्थानों के बच्चों के डॉक्टर आए थे। गुड़गांव की मेदांता हॉस्पिटल में बच्चों की गेस्ट्रो, एंड्रोलॉजिस्ट व लीवर की विशेषज्ञ व केंद्रीय एकेडमिक ऑफ पीडियाट्रिक की सदस्य डॉ. नीलम मोहन ने कहा कि समय के साथ चिकित्सा जगत, मानवीय व विशेषकर बच्चों के रोग व उनके लक्षणों में बदलाव आया है।
डॉक्टरों को अपने चिकित्सकीय अनुभव से बीमार बच्चों का इलाज करना चाहिए। बच्चों के रोने की आवाज और पेटदर्द की शिकायत के साथ-साथ अन्य लक्षणों से भी उसकी बीमारी का पता लगाया जा सकता है। मौजूद डॉक्टरों ने स्लाइड शो के माध्यम से 15 प्रकरण प्रस्तुत करते हुए उपस्थिति चिकित्सकों से संवाद किया तथा बेहतर चिकित्सा के तरीके बताए।
दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉ.एस.वासुदेव ने ’’क्लिनिकल क्लूज इन नॉर्मल एंड सिक न्यू बोर्न’ विषय पर सचित्र व्याख्यान में पीलिया, डेंगू, चर्म रोग व इन्फेक्शन से नत शिशुओं में दिखने वाले सामान्य व गंभीर लक्षणों की पहचान कर उसके निदान की जानकारी दी। नव इम्पीरियल अस्पताल जयपुर के पीडियाट्रिक गेस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. मोहित वोहरा ने स्लाइड के माध्यम से 20 प्रकरण प्रस्तुत करते हुए बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास, मोटापा, थाइराइड एवं इम्यूनिटी, हड्डी संबंधित रोग, उनके कारण तथा इलाज से अवगत करवाया।
उन्होंने क्लीनिक क्लूज के माध्यम से बीमारी से जल्द निदान के बारे में सचित्र व्याख्यान दिया। इस अवसर पर जयपुर के पोषण विशेषज्ञ डॉ. आलोक गुप्ता, बीकानेर पीडियाट्रिक सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ.कुलदीप बिट्ठू, सचिव डॉ. श्याम अग्रवाल, डॉ. सारिका स्वामी, डॉ. पी.सी.खत्री, डॉ. अनुराग तोमर, पीबीएम के पूर्व अधीक्षक डॉ. पी.के.बेरवाल, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.के सोनी, डॉ. महेश शर्मा, डॉ. गिरीश प्रभाकर, डॉ. धर्मेश गर्ग, डॉ. आर.के.सुथार सहित अन्य डॉक्टरों ने विचार व्यक्त किए।
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