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स्वामी विवेकानन्द का वेदान्त दर्शन: आधुनिक जीवन की मूल आवश्यकता’मनुष्य निर्माण से राष्ट्र निर्माण: राष्ट्रीय युवा दिवस का ध्येय मंत्र

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बीकानेर, 12 जनवरी। राजकीय डूंगर महाविद्यालय एवं स्वामी विवेकानन्द कन्या कुमारी के राजस्थान चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में स्वामी विवेकानन्द वेदान्त दर्शन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुक्रवार को प्रताप सभागार में सम्पन्न हुआ।
समारोह के मुख्य अतिथि बीकानेर (पश्चिम) विधायक जेठानन्द व्यास ने आज के दौर में स्वामी विवेकानंद के आदर्शों की प्रासंगिकता पर बात रखी। उन्होंने कहा कि युवा के राष्ट्र निर्माण हेतु जागरण से ही देश विकास की नई ऊंचाइयां प्राप्त कर सकेगा।
विवेकानन्द केन्द्र के राजस्थान चैप्टर की संयोजक शीतल जोशी ने विवेकानन्द की शिक्षाओं पर व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रैक्टिकल वेदांत की व्याख्या करते हुए मनुष्य के पांच ऋण के संदर्भ में बताया। उन्होंने कहा कि सुदूर दक्षिण से कश्मीर और गुजरात से नार्थ इस्ट तक विवेकानन्द केन्द्र शिक्षा, स्वास्थ्य व संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में सुबुही खान ने स्वामी विवेकानन्द के कार्याें के राष्ट्र जागरण अभियान तथा युवाओं की भूमिका के संदर्भ में चर्चा की।
कार्यक्रम का शुभारंभ तरूण राठी ने केन्द्र प्रार्थना से किया। डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र पुरोहित ने युवाओं से विवेकानन्द के सिद्धान्तों को आचरण में उतारने का आह्वान किया। इस अवसर पर विवेकानन्द जीवनी, वृतान्त, कार्य एव शिक्षा पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।बीकानेर कार्यस्थान संयोजक डॉ. दिव्या जोशी ने केन्द्र के द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया। समन्वयक डॉ. नरेंद्र भोजक ने वेदांत तथा विवेकानंद के साहित्य के पठन और स्वाध्याय के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में डॉ. एचएस भंडारी, डॉ. रवि परिहार, डॉ. देवेश सहारण, डॉ. सरोज आमेरिया सहित बीकानेर के विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य, प्रोफेसर और आमजन मौजूद रहे। डॉ. इन्द्र सिंह राजपुरोहित ने आभार जताया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में विवेकानन्द साहित्य पर आधारित पुस्तकों का वितरण किया गया।

जल: विज्ञान, संस्कृति एवं समाज पर राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न
जल, विज्ञान, संस्कृति एवं समाज पर दो दिवसीय सेमिनार के समापन सत्र शुक्रवार को हुआ। विशिष्ठ अतिथि पूर्व प्राचार्य एवं बीआईआरसी के फाउंडर डाॅ. रविन्द्र मंगल, मुख्य अतिथि सुबुही खान, पीएचइडी के केमिस्ट डाॅ. मनोज शर्मा, प्राचार्य डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित, डाॅ. दिव्या जोशी व डाॅ. हेमेन्द्र भंडारी द्वारा बेस्ट पोस्टर अवार्ड डाॅ. अनुश्री व मोनू वर्मा, विनायक गुप्ता, शैलजा, दिव्या चारण एवं नमन को दिया गया। बेस्ट पेपर अवार्ड शशिकांत, सपना व कंचन स्वामी, देवेन्द्र सिंह, महंवशी खान को दिया गया।
डाॅ. दिव्या जोशी ने बताया कि इससे पूर्व तीन सत्रों में 34 युवाओं ने पत्र वाचन किया। आसाम के डाॅ. प्रशान्त कालिता ने जल प्रदूषण का नैनो तकनीक द्वारा निवारण, डाॅ. राजेश भाकर ने जीपीएस तकनीक व भूगोल विषय पर जल संरक्षण के उपाय, डाॅ. ब्रजरतन जोशी ने बीकानेर में बावड़ी व जल क्षेत्रों, डाॅ. मैना निर्वाण ने जन राजनीति व डाॅ. सरिता स्वामी ने संस्कृत साहित्य में जल एकता पर विचार रखे। तीसरे सत्र में पीएचइडी के सीनियर सुपरिडेन्डेट केमिस्ट डाॅ. मनोज शर्मा ने रोजमर्रा के काम आने वाली जल विशेषण तकनीक, डाॅ. दीपाली गुप्ता ने बायोटेक्नोलोजी में जल व डाॅ. स्मिता शर्मा ने जल के भौतिक कणों की अल्ट्रासोनीक आधार पर व्याख्या की।
पोस्टर सेशन रहा आकर्षण
‘जल’ पर आधारित विज्ञान एवं सस्कृति का समावेश करते हुए 34 पोस्टर शोधार्थियों द्वारा प्रदर्शित किए गए। मुकेश, मीनाक्षी, अभिषेक, सपना बिश्नोई, कंचन स्वामी, दिक्षा, वृतिका, सीमा, शैलेजा, सरिता आदि द्वारा प्रदर्शित पोस्टर की विषय वस्तु वाटर प्यूरीफायर, जल प्रदूषण का निराकरण, जल ऊर्जा, सोलर जल, साहित्य एवं लोक गाथाओं में जल, दवाईयां, जल जाब्स एवं इसमें समाज के विभिन्न वर्गों के योगदान पर चर्चा की गई। डाॅ. मनोज शर्मा ने पोस्टर का अवलोकन करने के पश्चात् युवाओं की हौसला अफजाई की।विजेताओं को स्मृति चिह्न, प्रमाण पत्र एवं विवेकानन्द साहित्य की पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया। आयोजन सचिव डाॅ. सत्यानारायण धन्यवाद प्रस्ताव दिया। साथ ही सेमिनार में जल संरचना पर आधारित क्विज का आयोजन किया गया। क्विज संयोजक डाॅ. एस.के. वर्मा ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। क्विज के विजेता मोनिका चौपड़ा, पूर्वी तनेजा व विनायक गुप्ता रहे।
कार्यक्रम में डॉ. संगीता शर्मा, डाॅ. देवेष खण्डेलवाल, डॉ. एस के यादव, डाॅ. मधुसूदन एवं डाॅ. राजेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रोफेसर उपस्थित रहे। संचालन डाॅ. एच.एस. भंडारी एवं धन्यवाद डाॅ. राजा राम द्वारा दिया गया।

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