हॉस्पिटल में दंपती की दिनदहाड़े हत्या:बाइक पर आए थे 3 बदमाश, फाइनेंसर और उसकी पत्नी पर लाठी-चाकुओं से हमला
भवानी मंडी
प्राइवेट हॉस्पिटल में दंपती की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। फाइनेंसर पति अपनी पत्नी के साथ चेकअप कराने के लिए वेटिंग हॉल में बैठा था। इतने में बाइक से 3 बदमाश आए और लाठी-चाकुओं से हमला कर दिया। पति को बचाने पत्नी सामने आई तो एक बदमाश ने चाकू से उसे उसका गला काट दिया। महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। गंभीर रूप से घायल पति को झालावाड़ रेफर किया गया। उसकी रास्ते में मौत हो गई। मामला झालावाड़ के भवानीमंडी का है।
लाठी पर लपेट रखा था कांटेदार तार
एएसपी चिरंजीलाल मीणा ने बताया- भवानी मंडी के गांधीनगर कॉलोनी में रहने वाला जितेंद्र उर्फ जीतू (35) और उसकी पत्नी अनिता उर्फ अनु (30) की हत्या गुरुवार दोपहर कर दी गई। दोपहर करीब 12 बजे जितेंद्र और अनु भवानी मंडी के लीला नाम के प्राइवेट हॉस्पिटल में चेकअप करवाने गए थे। जीतू और अनु वेटिंग हॉल में बैठे थे। दोपहर करीब 1.30 बजे तीन बदमाश बाइक पर सवार होकर हॉस्पिटल पहुंचे। उनके हाथ में लाठी थी, जिन पर कांटेदार तार लगे हुए थे। तीनों बदमाश सीधे जीतू के पास पहुंचे और मारपीट करने लगे।
बदमाशों ने महिला के गले पर चाकू से वार किया। गले की नस कटने से मौके पर ही महिला की मौत हो गई।
कुछ ही सेकेंड में पत्नी ने दम तोड़ा
अस्पताल में मौजूद एक चश्मदीद ने नाम नहीं बताने के शर्त पर जानकारी दी कि बदमाशों में एक हिस्ट्रीशीटर भैरू गुर्जर था। भैरू गुर्जर ने जितेंद्र के पैरों पर लाठियों से मारा। उसके दोनों पैर लहूलुहान हो गए। इसी बीच जितेंद्र की पत्नी अनु बीच-बचाव करने आई। एक बदमाश ने अपनी जेब से चाकू निकालकर उस पर हमला कर दिया। चाकू अनु के गले पर लगा। अनु फर्श पर गिर गई और कुछ ही सेकेंड में तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। बदमाश ने जितेंद्र पर भी चाकू से वार किए। इसके बाद तीनों बदमाश फरार हो गए।
पूरे शहर में नाकाबंदी
बदमाशों के फरार होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जितेंद्र की हालत गंभीर होने पर झालावाड़ रेफर कर दिया। झालावाड़ राजकीय हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही जितेंद्र ने रास्ते में दम तोड़ दिया। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी है, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं लगा है।
जीतू और अनु की फाइल फोटो।
गोचर जमीन को लेकर हुआ था विवाद
पुलिस के मुताबिक, जितेंद्र और भैरू के बीच मई से ही टकराव चल रहा था। भैरू गुर्जर ने गोचर जमीन पर कब्जा किया हुआ था। भवानी मंडी में ही जितेंद्र का दोस्त विक्रम इस कब्जे का विरोध कर रहा था। 10 मई को भैरू गुर्जर ने विक्रम को विवादित जमीन पर बुलाया और मारपीट की। विक्रम ने जितेंद्र से मदद मांगी। 12 मई को विक्रम और जितेंद्र ने 50 से 60 लोगों के साथ मिलकर गोशाला के नाम से किए गए अतिक्रमण पर तोड़-फोड़कर आग लगा दी थी। इस मामले में पुलिस ने भवानी मंडी थाने में केस दर्ज किया था। प्रशासन ने 17 मई को किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाया गया था। तभी से भैरू और जितेंद्र के बीच दुश्मनी चल रही थी। जितेंद्र ब्याज पर पैसे देता था।
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